
- दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रहा है और कई इलाकों में पानी पहुंच गया
- 1978 की बाढ़ दिल्ली में सबसे भयंकर मानी जाती है जिसमें यमुना का जलस्तर 207.7 मीटर तक पहुंच गया था
- उस बाढ़ में उत्तर और पूर्वी दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हुए और ढाई लाख लोग विस्थापित हुए थे
दिल्ली में यमुना के पानी का स्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रहा है. इससे यमुना बाजार, तिब्बत मोनेस्ट्री, मयूर विहार और अक्षरधाम मंदिर के पीछे तक पानी पहुंच गया है, लेकिन दिल्ली ने 47 साल पहले इससे भयंकर बाढ़ देखी थी. इसे सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, राजधानी में 100 साल की सबसे भयंकर बाढ़ माना जाता है. तब ये हालत हुई थी कि घरों की एक मंजिल तक पानी भर गया था और लोगों ने 3 दिन और रात छतों पर रहकर बिताई थीं. दरअसल, 6 सितंबर 1978 को दिल्ली में यमुना से सैलाब आया था, उस दौरान 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. तब ओल्ड रेलवे ब्रिज पर पानी खतरे के निशान से 2.66 मीटर ऊपर 207.71 मीटर पहुंच गया था. उत्तर और पूर्वी दिल्ली में करीब ढाई लाख लोगों को बेघर होना पड़ा था. टेलीफोन लाइनें ठप हो गई थीं. पुल बंद करने के साथ सेना को बचाव अभियान में जुटना पड़ा था.
आधी दिल्ली आई थी चपेट में
अलीपुर, मुखर्जी नगर, किंग्सवे कैंप, दिल्ली यूनिवर्सिटी, आदर्श नगर, सिविल लाइंस, ओखला, सराय काले खां, महारानी बाग जैसे इलाके बाढ़ में डूब गए थे. नजफगढ़ नहर उफना जाने से वेस्ट दिल्ली में उत्तम नगर, पंखा रोड, विष्णु गार्डेन, हस्तसाल, जनकपुरी जैसे इलाके भी जलमग्न हो गए थे. टेलीफोन लाइनें पूरी तरह ठप हो गई थीं. 40 लाख की आबादी वाले शहर के आधे हिस्से का संपर्क दूसरे भाग से टूट गया था. उस बाढ़ में ढाई लाख लोग विस्थापित हुए थे. यमुना के पुलों को बंद करने के साथ सेना ने मोर्चा संभाला था. मुखर्जी नगर, दिल्ली यूनिवर्सिटी से लेकर सिविल लाइंस, सराय काले खां तक पानी भर गया था. नजफगढ़ नहर भी उफनाई थी और जनकपुरी, उत्तम नगर, विष्णु गार्डेन जैसे इलाके भी जलमग्न हो गए थे.

Delhi Flood Yamuna River
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1978 की बाढ़ सबसे भयानक
दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, 1978 में आई बाढ़ सबसे भयानक थी. यमुना का जलस्तर तब 207.7 मीटर तक पहुंच गया था. पल्ला गांव और बवाना के बीच दायां सीमांत बांध भी टूट गया. वजीराबाद से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक तटबंध के बावजूद अलीपुर और मॉडल टाउन, मुखर्जी नगर इलाके में पानी घुस गया था.
100 साल का इतिहास
दिल्ली ने पिछले 100 साल में कई बार बाढ़ देखी, जो 1924, 1947, 1955, 1956, 1967,1971, 1975, 1976 और 1978 में देखी. ब्रिटिश काल से लेकर 1956 तक यमुना करीबन हर साल यमुना पार के निचले इलाकों में अपना कहर बरपाती थी. लिहाजा 1956 के बाद शाहदरा तटबंध और बड़े बांधों का निर्माण कार्य शुरू हुआ.

Delhi Flood 2023
1956 से पहले हर साल डुबोती थी यमुना
दिल्ली के सिंचाई विभाग के अनुसार, 1956 में शाहदरा तटबंध और लेफ्ट तटबंध के निर्माण से पहले यह नदी यमुना पार को हर साल डुबोती थी. इस जल प्रलय के बाद यमुना नदी के दोनों ओर 20 से ज्यादा कंक्रीट के ऊंचे ढांचे बनाए गए, ताकि बाढ़ के वक्त पानी को रोका जा सके. 1978 के बाद से यमुना का जलस्तर सिर्फ दो बार ही 207 मीटर के ऊपर गया था. 150-200 फीट चौड़े बेस बनाए गए.वर्ष 2010 में 207.11 मीटर और 2013 में 207.32 मीटर पहुंचा था. वर्ष 2013 में 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था. लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. हालांकि जुलाई 2023 में जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया था, लेकिन उतना ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. Delhi Irrigation and Flood Control Department के अनुसार, 5-6 सितंबर 1978 को दिल्ली पुराने रेलवे पुल पर बाढ़ का जलस्तर 207.49 मीटर यानी 680.7 फीट तक पहुंच गया था.
दिल्ली में 2023 की यमुना की बाढ़
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 12 जुलाई 2023 को 208.66 मीटर के जल स्तर पर पहुंच गया था और 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था. तब एक दिन में रिकॉर्ड 153 मिमी वर्षा हुई थी.घरों में 8-8 फीट तक पानी भर गया था. गलियों में नावें चल रही थीं. घरों का सामान पानी में तैर रहा था. दिल्ली 2 साल बाद फिर जल प्रलय के खतरे का सामना कर रही है.

Delhi Flood 2023
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अस्पताल-श्मशान घाट डूबे थे
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से निगम बोध श्मशान घाट बंद के साथ कई अस्पतालों में सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं. पुरानी दिल्ली, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, मोरी गेट, मठ बाजार, जामा मस्जिद, किनारी बाजार, फतेहपुरी, खारी बावली, नया बाजार में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था.
48 घंटे तक ट्रैफिक बंद
वजीराबाद, जगतपुर, शाहदरा, गीता कालोनी, यमुना बाजार, आईटीओ पावरहाउस, सलीमगढ़ फोर्ट, मदनपुर खादर, जैतपुर, पल्ला, मीठापुर जैसे इलाकों में 8-8 फीट तक पानी भर गया था. महारानी बाग, न्यू फ्रैंड कालोनी, जामिया मिलिया और ओखला इलाके में लोगों को दूसरी जगह जाने को कहा गया था.

Yamuna Flood 2025
2023 में यमुना के 4 पुल बंद
यमुना के चार पुल, ओल्ड रेलवे ब्रिज, वजीराबाद ब्रिज, इनकम टैक्स ऑफिस और ओखला ब्रिज को रेल और ट्रैफिक के लिए 48 घंटे तक बंद कर दिया गया था. जीटी रोड से करनाल तक भी ट्रैफिक पानी के कारण रोक दिया गया था.

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यमुना का सामान्य जलस्तर
दिल्ली सिंचाई विभाग के अनुसार, सामान्य तौर पर यमुना का जल स्तर 202 मीटर रहता है. इसका चेतावनी स्तर 204.2 मीटर यानी करीब 670 फीट तक रहता है. जल स्तर 205.44 मीटर तक जाता है तो ये मध्यम स्तर की बाढ़ होती है. चेतावनी स्तर पार कर जाने के बाद ये गंभीर बाढ़ में बदल जाती है.
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