
दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने दिल्ली के पहाड़गंज इलाके से लगभग 80 साल की एक वृद्ध महिला को बचाया. महिला को उसकी बेटी द्वारा सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया था. बताया गया है कि महिला की बेटी दिल्ली पुलिस में एक अधिकारी है. दिल्ली महिला आयोग को एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा शिकायत मिली, जिसने आयोग को बूढ़ी महिला की दयनीय स्थिति के बारे में बताया और वह चाहता था कि उसे बचाया जाए. शिकायतकर्ता ने आयोग के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें वृद्ध महिला पर अत्याचार के वीडियो दिखाए. मामले की गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली की महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल के साथ सदस्य किरण नेगी और प्रोमिला गुप्ता मौके पर पहुंचीं.
टीम ने अपने ही घर के सामने सड़क के किनारे एक महिला को बहुत ही खराब हालत में पड़ा पाया. उसके शरीर पर गहरे जख्म, चोट, फ्रैक्चर और इंजेक्शन के निशान थे और वह बुरी तरह कांप रही थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि वह पिछले 6 महीने से सड़क पर रह रही थी और उनकी बेटी ने उन्हें छोड़ दिया था. उनके शरीर पर गंभीर हमले के निशान थे. डीसीडब्ल्यू टीम ने स्थानीय पुलिस को सतर्क किया और महिला को लेडी हार्डिंग अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया.
डॉक्टरों ने उसके पूरे शरीर में तीसरे दर्जे के बेड सोर का पता लगाया है. डॉक्टरों के मुताबिक, उसे हाइपोथर्मिया भी था और जब वह अस्पताल पहुंची थी तो कांप रही थी. उसके सिर पर गंभीर चोटें और टांके लगे हैं और उसके पैरों में पट्टियां हैं. पूछने पर उन्होंने आयोग को सूचित किया कि उन्हें उनकी ही बेटी ने पीटा था. डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीवाल और सदस्य किरण नेगी, प्रोमिला गुप्ता और फिरदोस खान ने फिर अस्पताल में महिला से मुलाकात की, जहां आयोग और दिल्ली पुलिस की एक टीम महिला को चौबीसों घंटे देखरेख कर रही है.
अस्पताल के डॉक्टरों ने डीसीडब्ल्यू चीफ को बताया कि महिला एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उनका जीवित रहना मुश्किल है. वह कुपोषित है, गंभीर रूप से घायल है और उसके शरीर पर अत्यधिक 'बेड सोर' के घाव हैं जिसने उनकी हालत और भी खराब कर दी है. उनके फेफड़ों में भी संक्रमण है. दिल्ली पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज कर रही है. डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस से महिला के साथ मारपीट करने और उसे छोड़ने के लिए बेटी पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बूढ़ी महिला को उसकी खुद की बेटी द्वारा ऐसी दयनीय स्थिति में रहने के लिए मजबूर किया गया है. यह तथ्य कि बेटी पुलिस में काम करती है, और भी परेशान करने वाला है. दिल्ली पुलिस मामले में एफआईआर करें और बेटी के खिलाफ कार्रवाई करें. हम बूढ़ी महिला के साथ हैं और उनकी देखभाल और पुनर्वास कर रहे हैं.
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