कर्नाटक और गोवा के बाद अब दिल्ली कांग्रेस की खींचतान बाहर आती नजर आ रही है. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में पीसी चाको ने लिखा है कि आपकी सेहत ठीक नहीं है, ऐसे में तीनों कार्यकारी अध्यक्ष स्वतंत्र रूप से काम करेंगे और अपने फैसले के बारे में अपनी रिपोर्ट देंगे. आपको बता दें कि पीसी चाको ने पत्र में तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया और देंवेंद्र यादव का जिक्र किया है. दिल्ली कांग्रेस में यह फूट उस समय देखने को मिली है, जब कांग्रेस पर नेतृत्व संकट मंडरा रहा है. लोकसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
दिल्ली कांग्रेस में भी घमासान
— Saurabh shukla (@Saurabh_Ndtv) July 17, 2019
प्रभारी PC Chako का अध्यक्ष @SheilaDikshit को पत्र “ आप मेरे पत्रों का जवाब नहीं दे रहीं” “आपकी तबियत ठीक नहीं” “ तीनों कार्यकारी अध्यक्ष लेंगे बैठकें” “आपके प्रवक्ता दे रहे हैं ग़लत बयान” “बैठक के बाद मिल जाएगी आपको रिपोर्ट” @ndtv pic.twitter.com/HVDiUMdko4
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अपनी चिट्ठी में पीसी चाको ने लिखा कि तथाकथित प्रवक्ता गैरजिम्मेदाराना बयान देकर AICC के फैसलों को सवालों के घेरे में ला रहे हैं. उन्होंने लिखा कि आपसे एक बार और निवेदन करता हूं कि कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठक करके पार्टी से जुड़े मसलों पर चर्चा करें. पीसी चाको के मुताबिक आप (शीला दीक्षित) स्वस्थ नहीं हैं और मेरे (पीसी चाको) किसी भी पत्र का जवाब नहीं दे रही हैं. लिहाजा कार्यकारी अध्यक्ष डीसीसी अध्यक्षों और ब्लॉक के अध्यक्षों की बैठकें लेंगे ताकि इन इलाकों में पार्टी की गतिविधियों को तेज किया जा सके. इसकी रिपोर्ट आपको सौंपी जाएगी. उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनावों में कुछ ही महीने रह गए हैं ऐसे में जमीनी स्तर पर सारी तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा किया जाना जरूरी है.
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इतना ही नहीं पीसी चाको ने शीला दीक्षित को पत्र लिखने के साथ-साथ तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया और देवेंद्र यादव को भी चिट्ठी लिखी और कहा कि "आप बैठकें ले सकते हैं." बता दें कि इससे पहले संबंधित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला दीक्षित को पत्र लिखकर कहा गया था कि 'पार्टी के निर्णयों में उन्हें ही भरोसे में नहीं लिया जा रहा है.'
पीसी चाको ने ब्लॉक कमेटी भंग करने के फैसले पर भी सवाल उठाया था. चाको ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी और कार्यकारी अध्यक्ष (फिलहाल अध्यक्ष कोई नहीं है) की सहमति के बगैर प्रदेश ब्लॉक अध्यक्ष कमेटी को भंग नहीं किया जा सकता. चाको के मुताबिक नए ब्लॉक कमेटी के गठन के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त नहीं किए जा सकते.
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