फाइल फोटो
नई दिल्ली:
व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने सीलिंग रोकने के लिए बीजेपी से अपील की है. सीटीआई ने इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को पत्र लिखकर सीलिंग रुकवाने की मांग की है. सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल और हेमन्त गुप्ता ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली में जोरों से सीलिंग चल रही है, लगभग 2000 दुकानों और प्रॉपर्टीज को सील कर दिया गया है.
एमसीडी में बीजेपी की सरकार है, इसके साथ ही डीडीए भी केन्द्र सरकार के ही अधीन है. एमसीडी और डीडीए दोनों ही सीलिंग से राहत देने के लिए तरह तरह के दावे कर रहे हैं लेकिन दुकानदारों को सीलिंग से कोई राहत नहीं मिल रही है. इसका सीधा कारण ये है कि सीलिंग माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित मॉनिटरिंग कमेटी कर रही है. इसी तरह की स्थिति 2006-2007 में भी पैदा हुई थी. तब उस समय की केन्द्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सीलिंग से राहत दिलाई थी.
इसलिए हम बीजेपी शासित केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि तुरन्त एक अध्यादेश या बिल लाकर सीलिंग को तुरंत रोका जाय. इसके साथ ही केन्द्र सरकार के अटॉर्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट में जाकर व्यापारियों की पैरवी करते हुये उनका पक्ष भी मजबूती से रखें.
VIDEO: दिल्ली : सीलिंग से राहत के लिए कारोबारियों को करना होगा और इंतजार
सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि हमने 23 जनवरी को एक दिन के लिए दिल्ली बंद किया, उसके बाद 2 से 4 फरवरी तक 72 घंटे का महाबंद भी बुलाया, इसके साथ ही भूख हड़ताल भी की लेकिन सीलिंग की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. इस समस्या का हल केवल केन्द्र सरकार के पास है और केन्द्र सरकार ही हस्तक्षेप करके सीलिंग रुकवा सकती है.
एमसीडी में बीजेपी की सरकार है, इसके साथ ही डीडीए भी केन्द्र सरकार के ही अधीन है. एमसीडी और डीडीए दोनों ही सीलिंग से राहत देने के लिए तरह तरह के दावे कर रहे हैं लेकिन दुकानदारों को सीलिंग से कोई राहत नहीं मिल रही है. इसका सीधा कारण ये है कि सीलिंग माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित मॉनिटरिंग कमेटी कर रही है. इसी तरह की स्थिति 2006-2007 में भी पैदा हुई थी. तब उस समय की केन्द्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सीलिंग से राहत दिलाई थी.
इसलिए हम बीजेपी शासित केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि तुरन्त एक अध्यादेश या बिल लाकर सीलिंग को तुरंत रोका जाय. इसके साथ ही केन्द्र सरकार के अटॉर्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट में जाकर व्यापारियों की पैरवी करते हुये उनका पक्ष भी मजबूती से रखें.
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सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि हमने 23 जनवरी को एक दिन के लिए दिल्ली बंद किया, उसके बाद 2 से 4 फरवरी तक 72 घंटे का महाबंद भी बुलाया, इसके साथ ही भूख हड़ताल भी की लेकिन सीलिंग की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. इस समस्या का हल केवल केन्द्र सरकार के पास है और केन्द्र सरकार ही हस्तक्षेप करके सीलिंग रुकवा सकती है.
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