नई दिल्ली:
सैलरी विवाद के कारण एमसीडी के सफाईकर्मी और शिक्षक पहले से ही हड़ताल पर चल रहे हैं और शनिवार से निगम के स्वास्थ्यकर्मियों के भी हड़ताल में शामिल होने की खबर है। इस बीच एमसीडी ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों पर वसूले जाने वाला टोल टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है।
एमसीडी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी फंड नहीं है, ऐसे में एमसीडी ने फंड की कमी के चलते ये फैसला लिया है। टोल टैक्स में 7 से लेकर 66 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है और नई बढ़ी हुई दरें 1 फरवरी से लागू हो जाएंगी।
एमसीडी के सभी निगमों के करीब 1.5 लाख कर्मचारी बुधवार से तीन दिन की हड़ताल पर थे। शुक्रवार को कर्मचारियों ने फैसला किया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानीं गईं तो वे 1 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन न मिलने पर दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों आमने-सामने हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार का कहना है कि उसने एमसीडी को पूरी राशि का भुगतान कर दिया है, जबकि एमसीडी का कहना है कि दिल्ली सरकार की ओर से जितना पैसा दिया गया है वह नाकाफी है। इधर गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी भंग कर ताजा चुनाव कराने की सलाह दे दी थी।
इधर राजधानी दिल्ली में सफाईकर्मियों की हड़ताल से जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गए हैं और लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एमसीडी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी फंड नहीं है, ऐसे में एमसीडी ने फंड की कमी के चलते ये फैसला लिया है। टोल टैक्स में 7 से लेकर 66 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है और नई बढ़ी हुई दरें 1 फरवरी से लागू हो जाएंगी।
एमसीडी के सभी निगमों के करीब 1.5 लाख कर्मचारी बुधवार से तीन दिन की हड़ताल पर थे। शुक्रवार को कर्मचारियों ने फैसला किया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानीं गईं तो वे 1 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन न मिलने पर दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों आमने-सामने हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार का कहना है कि उसने एमसीडी को पूरी राशि का भुगतान कर दिया है, जबकि एमसीडी का कहना है कि दिल्ली सरकार की ओर से जितना पैसा दिया गया है वह नाकाफी है। इधर गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी भंग कर ताजा चुनाव कराने की सलाह दे दी थी।
इधर राजधानी दिल्ली में सफाईकर्मियों की हड़ताल से जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गए हैं और लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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