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This Article is From Jul 16, 2020

दिल्ली: AIIMS में इलाज करा रहे मरीज ने अस्पताल में ही फांसी लगाकर की आत्महत्या

5 साल के राजमणि पटेल ने गुरुवार की रात 1 बजे अस्पताल के बाथरूम में फांसी लगा ली. राजमणि मध्य प्रदेश के सतना का रहने वाला था. और इलाज के लिए एम्स अस्पताल में आया था.

दिल्ली: AIIMS में इलाज करा रहे मरीज ने अस्पताल में ही फांसी लगाकर की आत्महत्या
मरीज का पिछले दो सालों से एम्स में इलाज चल रहा था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली के एम्स अस्पताल (Delhi AIIMS) से एक हैरान करने वाली खबर आई है. यहां पर इलाज के लिए भर्ती एक मरीज के अस्पताल में ही आत्महत्या (patient commits suicide) कर लेने का मामला सामने आया है. जानकारी है कि एम्स अस्पताल में एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. 35 साल के राजमणि पटेल ने गुरुवार की रात 1 बजे अस्पताल के बाथरूम में फांसी लगा ली. राजमणि मध्य प्रदेश के सतना का रहने वाला था. और इलाज के लिए एम्स अस्पताल में आया था. 

जानकारी है कि राजमणि का इलाज एम्स में पिछले 2 सालों से चल रहा था. इसी बीच में उसका आंत का ऑपरेशन भी हुआ था. 15 जुलाई को वो फिर से अपना इलाज कराने आया था. उसका बीती रात 10:30 बजे एडमिशन भी हो गया था. लेकिन वो अचानक एडमिशन एरिया से गायब हो गया, जिसके बाद उसके बाथरूम में आत्महत्या करने का मामला सामने आया,

पुलिस ने बताया है कि उसे कोई सुसाइड नोट नही मिला है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

बता दें कि इसके पहले एम्स में ही एक और मरीज के सुसाइड करने की खबर आई थी. 6 जुलाई को एक कोरोना संक्रमित पत्रकार ने अस्पताल की बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी थी. तरुण सिसोदिया नाम के 37 साल के पत्रकार का एम्स के ट्रॉमा सेंटर में कोविड-19 का इलाज चल रहा था. सिसोदिया ने छह जुलाई को अस्पताल की चौथी मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगा ली थी जिससे उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में जांच चल रही है.

मामला सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्रॉमा सेंटर के चीफ को पद से हटाने के आदेश दे दिए थे. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि इस मामले में एम्स द्वारा की गई जांच में पत्रकार की मौत के पीछे किसी गलत नीयत के होने का प्रमाण नहीं मिला है और न उसके इलाज की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी पाई गई है. हां, इसके बाद एम्स और जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रशासन में जरूरी बदलाव के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी निर्देश दिया गया है.

(आत्‍महत्‍या किसी समस्‍या का समाधान नहीं है. अगर आपको सहारे की जरूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं जिसे मदद की दरकार है तो कृपया अपने नजदीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं.)

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Video: तरुण सिसोदिया आत्महत्या मामले में AIIMS ट्रॉमा सेंटर के MS का तबादला

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