COVID-19 लॉकडाउन के चलते लगभग ढाई महीने तक बंद रहने के बाद दिल्ली के धाार्मिक स्थल आज से खुलने को तैयार हैं. इसके लिए धार्मिक स्थलों ने अपने परिसरों को संक्रमणमुक्त किया है तथा वे भौतिक दूरी बरकरार रखने जैसे एहतियाती कदम उठा रहे हैं. शहर में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों की प्रबंधन इकाइयों ने परिसरों में प्रसाद वितरण और फूल चढ़ाने को रोकने, संक्रमणमुक्ति सुरंग लगाने, शरीर का तापमान मापने के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल करने, दरियां हटाने तथा आरोग्य सेतु एप को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए हैं. छतरपुर मंदिर में संक्रमणमुक्ति सुरंग स्थापित की गई है और श्रद्धालुओं के बीच भौतिक दूरी बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं.
मंदिर परिसर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर चावला ने कहा, ‘हम हर घंटे रेलिंग जैसी चीजों की संक्रमणमुक्ति सुनिश्चित कर रहे हैं जिन्हें लोग अकसर छूते हैं. हम श्रद्धालुओं के हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर और अन्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था की गई है जिससे एक बार में गर्भ गृह में पांच से ज्यादा लेाग न आ सकें.' उन्होंने कहा कि प्रसाद और पूजा-अर्चना में काम आने वाली अन्य चीजों पर रोक रहेगी. लोगों का तापमान मापने के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल किया जाएगा और किसी संदिग्ध कोरोना वायरस मरीज के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना दी जाएगी.
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ऐतिहासिक मस्जिद सोमवार से खुलेगी जिसमें सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर धार्मिक स्थलों को खोलने पर पुनर्विचार करना चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित सभी धार्मिक स्थलों को सोमवार से खुलने की अनुमति है.
बुखारी ने कहा कि लोगों से कहा गया है कि वे मस्जिद में नमाज के लिए आने से पहले अपने घर में ही वजू करें. मस्जिद में वजू के काम आनी वाली हौज खाली कर दी गई है, नमाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दरियां हटा दी गई हैं और लोग अपने घरों से चटाई लेकर आएंगे. भौतिक दूरी बरकरार रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं, ताकि लोगों के बीच पर्याप्त दूरी रह सके. उन्होंने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को मस्जिद आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सीसगंज, रकाबगंज और बंगला साहिब गुरद्वारों में भी संक्रमणमुक्ति सुरंग स्थापित की गई हैं.
सिरसा ने कहा, ‘समूचे परिसरों को नियमित तौर पर संक्रमणमुक्त किया जा रहा है. जिस स्थान पर लोग गुरु ग्रंथ साहिब को नमन करते हैं, उस स्थान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. भौतिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की संख्या बढ़ा दी गई है.' उन्होंने कहा कि लोगों को सिर ढकने के लिए कपड़ा नहीं दिया जाएगा, उन्हें अपना खुद का कपड़ा सिर पर रखना होगा. गुरुद्वारे में जूते-चप्पल संभालने का काम नहीं होगा और पैरों को साफ करने के लिए संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.
सिरसा ने कहा कि श्रद्धालुओं को गुरुद्वारों में बैठने की अनुमति नहीं होगी और अरदास करने के तुरंत बाद उन्हें बाहर जाना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशों में विरोधाभास है जिनमें प्रसाद वितरण पर रोक लगाई गई है, लेकिन लंगर की अनुमति दी गई है. बिशप अनिल कोउतो, दिल्ली, आर्चडियोसीज ने कहा कि रोमन कैथेलिक चर्च के तहत आने वाले गिरजाघर सोमवार से तत्काल नहीं खुलेंगे. उन्होंने कहा, ‘हम सामुदायिक सेवा का अनुसरण करते हैं और हमें लोगों की संख्या तय करनी है जो रस्मों में शामिल हो सकें. इसलिए हमारे चर्च तत्काल नहीं खुलेंगे. जब भी हम चर्च खोलेंगे, हम सभी एहतियाती कदम उठाएंगे.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं