
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अजय माकन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ओडिशा और महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव में भले ही कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा हो लेकिन उसे उम्मीद है कि दिल्ली के स्थानीय निकाय चुनाव में वह जरूर कामयाबी का परचम लहराएगी. पार्टी जीत के लिए जी जान से जुटी है और उसे उम्मीद है कि आप सरकार की ‘निष्क्रियता’ के कारण वह इन चुनावों में अपना परचम लहरा पाएगी. कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि अन्य राज्यों के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों से पार्टी पर कोई दबाव नहीं है और यह भी सच है कि लोग आप का समर्थन नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें यह अहसास हो गया है कि उन्हें अरविंद केजरीवाल के रूप में ‘अनुपस्थित रहने वाला मुख्यमंत्री’ मिला है जिसकी शहर के प्रशासन में कोई दिलचस्पी नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 272 वार्डों के लिए प्रत्याशियों का चयन करने की खातिर जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने से लेकर क्षेत्र विशेष के आधार पर रणनीतियों को अंतिम रूप देने तक उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए कई कदम उठाए हैं और उन्हें काफी हद तक सफलता मिली है. माकन को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मार्च 2015 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था.
उन्होंने कहा कि पार्टी कर सुधारों, पथ कर संग्रह में व्यापक पैमाने पर होने वाला विचलन को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए तीनों नगर निकायों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने की योजना तैयार कर रही है. महाराष्ट्र और ओडिशा में कांग्रेस की हार से पार्टी पर दबाव के बारे में पूछने पर माकन ने कहा, ‘हम किसी दबाव में नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘दबाव आप पर होगा क्योंकि उन्हें दिल्ली को एक माडॅल के रूप में पेश करते हुए लोगों को असलियत भी बतानी होगी.’
स्थानीय निकायों पर पिछले 10 साल से शासन कर रही भाजपा को कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वन्द्वी बताते हुए माकन ने कहा कि पार्टी को एमसीडी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने तथा स्वयं की अकुशलता के कारण लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. तीनों स्थानीय निकायों के चुनाव जीतने का भरोसा जताते हुए माकन ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है कि भाजपा के शासनकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के आरोपों की जांच के आदेश दिए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य ध्यान व्यवस्था को दुरूस्त करने और एमसीडी को आत्मनिर्भर बनाने पर केन्द्रित होगा.’
(इनपुट भाषा से...)
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 272 वार्डों के लिए प्रत्याशियों का चयन करने की खातिर जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने से लेकर क्षेत्र विशेष के आधार पर रणनीतियों को अंतिम रूप देने तक उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए कई कदम उठाए हैं और उन्हें काफी हद तक सफलता मिली है. माकन को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मार्च 2015 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था.
उन्होंने कहा कि पार्टी कर सुधारों, पथ कर संग्रह में व्यापक पैमाने पर होने वाला विचलन को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए तीनों नगर निकायों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने की योजना तैयार कर रही है. महाराष्ट्र और ओडिशा में कांग्रेस की हार से पार्टी पर दबाव के बारे में पूछने पर माकन ने कहा, ‘हम किसी दबाव में नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘दबाव आप पर होगा क्योंकि उन्हें दिल्ली को एक माडॅल के रूप में पेश करते हुए लोगों को असलियत भी बतानी होगी.’
स्थानीय निकायों पर पिछले 10 साल से शासन कर रही भाजपा को कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वन्द्वी बताते हुए माकन ने कहा कि पार्टी को एमसीडी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने तथा स्वयं की अकुशलता के कारण लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. तीनों स्थानीय निकायों के चुनाव जीतने का भरोसा जताते हुए माकन ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है कि भाजपा के शासनकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के आरोपों की जांच के आदेश दिए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य ध्यान व्यवस्था को दुरूस्त करने और एमसीडी को आत्मनिर्भर बनाने पर केन्द्रित होगा.’
(इनपुट भाषा से...)
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