टिकट बंटबारे से नाराज कांग्रेस के पूर्व विधायक अमरीश गौतम बीजेपी में शामिल हो गए हैं (फोटो-ANI)
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम चुनावों के टिकटों को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है. जिनको टिकट मिल गया वे पार्टी का जय-जयकार कर रहे हैं और जिनकों नहीं मिला वे मुंह फुलाए पार्टी और नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का हाल यह है कि यहां टिकट बंटवारे से नाराज एक पूर्व विधायक अमरीश सिंह गौतम तो पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जबकि वरिष्ठ नेता डॉ. एके वालिया समेत कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है.
अमरीश सिंह गौतम पूर्वी दिल्ली के कोंडली से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहे हैं. उनका आरोप हैं कि निगम चुनावों में टिकट बांटने में उनकी अनदेखी की गई है. बिना उनसे सलाह किए चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. अमरीश इस बात से इतने ख़फा हुए कि उन्होंने फौरन ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया और अपने बेटे अविनाश गौतम के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.
उन्होंने ने कहा, "मैंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि मेरे क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी और बिना हमसे परामर्श लिए टिकटों का बंटवारा किया जा रहा था, मैंने उपेक्षित महसूस किया."
पहले अमरीश गौतम दिल्ली पुलिस में सिपाही थे. उसके बाद उन्होंने गृहमंत्रालय में एक स्टेनोग्राफर के तौर पर काम किया. अपनी सेवाओं को त्याग करते हुए गौतम 1993 में जनता दल में शामिल हो गए और विधानसभा का चुनाव लड़े. वे 1998, 2003 और 2008 में लगातार विधायक चुने गए.
उधर, दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक कुमार वालिया ने भी पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि वह नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे से खुश नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मैं बहुत दुखी हूं कि हम उन्हें (बड़े नेताओं को) दो-तीन दिन से फोन लगा रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. हमें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को जवाब देना है, सभी काम रुके हुए हैं."
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने भी राज्य कांग्रेस के कामकाज को लेकर चिंता जाहिर की है. पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने भी वरिष्ठ नेताओं के वर्ताव पर चिंता जाहिर की है.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
अमरीश सिंह गौतम पूर्वी दिल्ली के कोंडली से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहे हैं. उनका आरोप हैं कि निगम चुनावों में टिकट बांटने में उनकी अनदेखी की गई है. बिना उनसे सलाह किए चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. अमरीश इस बात से इतने ख़फा हुए कि उन्होंने फौरन ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया और अपने बेटे अविनाश गौतम के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.
उन्होंने ने कहा, "मैंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि मेरे क्षेत्र और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी और बिना हमसे परामर्श लिए टिकटों का बंटवारा किया जा रहा था, मैंने उपेक्षित महसूस किया."
पहले अमरीश गौतम दिल्ली पुलिस में सिपाही थे. उसके बाद उन्होंने गृहमंत्रालय में एक स्टेनोग्राफर के तौर पर काम किया. अपनी सेवाओं को त्याग करते हुए गौतम 1993 में जनता दल में शामिल हो गए और विधानसभा का चुनाव लड़े. वे 1998, 2003 और 2008 में लगातार विधायक चुने गए.
उधर, दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक कुमार वालिया ने भी पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि वह नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे से खुश नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मैं बहुत दुखी हूं कि हम उन्हें (बड़े नेताओं को) दो-तीन दिन से फोन लगा रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. हमें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को जवाब देना है, सभी काम रुके हुए हैं."
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने भी राज्य कांग्रेस के कामकाज को लेकर चिंता जाहिर की है. पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने भी वरिष्ठ नेताओं के वर्ताव पर चिंता जाहिर की है.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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