
चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किए गोपनीय दस्तावेज.
नई दिल्ली:
लाभ के पद मामले में अपनी अयोग्यता के ख़िलाफ़ आप के 20 विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई में कल उस वक़्त नाया मोड़ आ गया जब चुनाव आयोग ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कुछ गोपनीय दस्तवाजे पेश किए. आयोग ने कहा कि इन दस्तावजों को विधायकों के साथ साझा नहीं किया जा सकता. इन सभी 20 विधायकों को AAP सरकार में मंत्रियों के संसदीय सचिवों के रूप में लाभ का पद रखने पर अयोग्य ठहराया गया था. चुनाव आयोग की इस सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. इस फ़ैसले के विरोध में सभी 20 विधायकों की याचिका पर सुनवाई चल रही है. इस मामले में आज भी सुनवाई जारी रहेगी.
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बता दें, इससे पिछली सुनवाई के दौरान, आम आदमी पार्टी के विधायकों ने लाभ का पद रखने के लिए अपने खिलाफ की गयी शिकायत पर सुनवाई जारी रखने के चुनाव आयोग के फैसले को पिछले साल अगस्त में चुनौती दी थी. विधायकों ने कहा था कि जब उच्च न्यायालय संसदीय सचिवों के तौर पर उनकी नियुक्तियां रद्द कर चुका है तो चुनाव आयोग के मामले में सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष कहा कि वे पूर्व में दायर अपनी याचका वापस लेने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने उच्च न्यायालय की एक वृहद पीठ के सामने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है.
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दूसरे पक्ष से किसी तरह का विरोध ना होने पर अदालत ने चुनाव आयोग के 23 जून, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका ‘‘वापस ली हुई मानकर खारिज’’ कर दी. प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद से जुड़ी याचिका दायर की थी.
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बता दें, इससे पिछली सुनवाई के दौरान, आम आदमी पार्टी के विधायकों ने लाभ का पद रखने के लिए अपने खिलाफ की गयी शिकायत पर सुनवाई जारी रखने के चुनाव आयोग के फैसले को पिछले साल अगस्त में चुनौती दी थी. विधायकों ने कहा था कि जब उच्च न्यायालय संसदीय सचिवों के तौर पर उनकी नियुक्तियां रद्द कर चुका है तो चुनाव आयोग के मामले में सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष कहा कि वे पूर्व में दायर अपनी याचका वापस लेने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने उच्च न्यायालय की एक वृहद पीठ के सामने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है.
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दूसरे पक्ष से किसी तरह का विरोध ना होने पर अदालत ने चुनाव आयोग के 23 जून, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका ‘‘वापस ली हुई मानकर खारिज’’ कर दी. प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद से जुड़ी याचिका दायर की थी.
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