कोलकाता रेप केस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ.
- कोलकाता गैंगरेप का मुख्य आरोपी मोनोजीत पुलिस कस्टडी में है, उसकी गतिविधियों पर जांच जारी है.
- मोनोजीत ने गैंगरेप के बाद अपने साथियों को पुलिस पर नजर रखने के लिए कहा था.
- पुलिस के पास गैंगरेप के सबूतों में दाग लगा बेड कवर शामिल है.
- मोनोजीत के वकील ने उसे निर्दोष बताया, जबकि उसके बैचमेट ने उसके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.
कोलकाता के लॉ कॉलेज में 25 जून की रात लॉ छात्रा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह डरा दने वाला है. कॉलेज के ही पूर्व छात्र और अब स्टाफ के तौर पर काम कर रहे मोनोजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर छात्रा के साथ दरिंदगी की. दरिंदगी की इंतिहा तो तब हो गई, जब आरोपियों ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए बीमार पीड़िता के लिए इनहेलर तक मंगवा दिया. गैंगरेप मामले में हर दिन नए-नए (Kolkata Gangrape Case) खुलासे हो रहे हैं. मुख्य आरोपी मोनोजीत पुलिस कस्टडी में है, उसके डर्टी माइंडगेम को लेकर कई बातें अब तक सामने आ चुकी हैं, जो उसके ही जानने वालों ने बताई हैं. वहीं मामले में ट्विस्ट यह है कि मोनोजीत के वकील और दोस्त ने उसके बारे में कुछ ऐसा कह दिया है, जो चौंकाने वाला है. राजनीतिक बयानबाजी से लेकर पुलिस की जांच तक, मामले में अब तक क्या-क्या हुआ जानें. आपको बता दें कि मोनोजीत मिश्रा को उसके दोस्त मैंगो के नाम से बुलाते थे.
अब तक 11 मामले हैं दर्ज
इस मामले में पुलिस सूत्रों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि मोनोजीत पर इस घटना से पहले भी 11 मामले दर्ज है. इन मामलों में महिलाओं से जुड़े मामले कई है. इससे ये साफ है कि मोनोजीत का एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. कोलकाता पुलिस के टॉप सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इनमें से कई मामले महिलाओं के साथ छेड़खानी और उनके साथ बदसलूकी की. मोनोजीत इन सभी मामलों में जमानत पर चल रहा था. पीड़ित कॉलेज में पहले दिन से मोनोजीत के निशाने पर थी. 25 जून को हुए लॉ कॉलेज छात्रा के गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी मनीजित मिश्रा ने अपराध करने के बाद कुछ भरोसेमंद साथियों को कॉलेज में रुककर कासबा पुलिस स्टेशन के आसपास निगरानी करने को कहा था. कॉलेज से पुलिस स्टेशन करीब एक किलोमीटर दूर है.
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मोनोजीत ने साथियों को पुलिस पर नजर रखने को कहा
मोनोजीत मिश्रा इतना शातिर है कि 25 जून को गैंगरेप के बाद कॉलेज छोड़ने से पहले अपने कुछ भरोसेमंद साथियों को कैंपस में ही रहने और रात भर कसबा पुलिस स्टेशन पर नजर रखने को कहा था. वह अन्य आरोपी प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद और पीड़िता के साथ ही वहां से निकल गया था.
गैंगरेप के बाद मोनोजीत ने अधिकारी को किया था फोन
मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने खुलासा किया कि गैंगरेप की घटना को अंजाम देने के बाद मोनोजीत ने अगली सुबह कॉलेज के एक अधिकारी को फोन कर सिर्फ कॉलेज से जुड़े मामलों पर ही चर्चा की थी. उसके सह आरोपी प्रमित ने एक वकील से संपर्क किया था.
गार्ड रूम का दाग लगा बेड कवर पुलिस के पास
कोलकाता पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ सभी संभावित सबूत मौजूद हैं, जिसमें गार्ड रूम का एक बेड कवर भी शामिल है, जहां गैंगरेप हुआ था. एक अधिकारी ने बताया कि सबूतों के साथ कोई गंभीर छेड़छाड़ नहीं पाई गई है. बेड कवर पर दाग है और फोरेंसिक जांच उसका विश्लेषण करेगी.
मोनोजीत के वकील का चौंकाने वाला दावा
मोनोजीत को लेकर अब तक जो भी पता चला है, वह उसके घटिया व्यक्तित्व को दिखाता है. लेकिन उसके एक वकील ने बिल्कुल इसके उलट दवा करने सभी को चौंका दिया है. मोनोजीत के वकील राजू गांगुली ने बताया कि मोनोजीत उनके चैंबर में काम करता था. कोई विवाद वाली बात नहीं हुई, वह बहुत अच्छा था. उनके यहां 12-15 लड़कियां भी काम करती हैं. उनके साथ ऐसी कोई हरकत नहीं हुई.
राजू या तीतास कौन सही?
वकील राजू गांगुली ने बताया कि उनके यहां काम करने वाली लड़कियों का कहना है कि मोनोजीत तो उनकी हेल्प करता था. रेप का मामला है या नहीं ये 20 जुलाई को बता पाएंगे. अगर वह निर्दोष होगा तो निर्दोष ही बाहर आएगा. जबकि मोनोजीत के एक बैचमेट ने बिल्कुल इसके उलट दावा किया था.
मोनोजीत से डरती थीं लड़कियां
जबकि मोनोजीत के बैचमेट तितास मन्ना ने कहा कि जब वह एड हॉक स्टाफ बनकर लौटा तो लड़कियां बुरी तरह डरी हुई थीं. उसकी बुरी नजरें लड़कियों को परेशान कर देती थीं. कैंपस में उसकी इतनी दहशत थी कि लड़कियां क्लास में जाने से डरती थीं, जिससे उनकी हाजिरी घट गई थी.
लड़कियों की फोटो मॉर्फ करता था
कॉलेज के स्टूडेंट्स का कहना है कि कैंपस में उसके कदम पड़ते ही माहौल इतना दहशत भरा हो गया कि लोग डरने लगे थे. मोनोजीत अक्सर लड़कियों की फोटो क्लिक कर उनको मॉर्फ कर कॉलेज के व्हॉट्सऐप ग्रुप में पोस्ट कर देता था. वह इतना दिलफेंक था कि हर दूसरी लड़की को प्रपोज करता था.
मोनोजीत ने मर्डर की कोशिश की
तितास मन्ना ने ये भी खुलासा किया कि मोनोजीत साल 2014 में थर्ड सेमेस्टर के दौरान कॉलेज नहीं आ रहा था. उनको पता चला कि उसने कालीघाट में किसी के मर्डर की कोशिश की है. उस पर हत्या की कोशिश का केस भी दर्ज होने की बात सामने आई थी.
अपना सिर फोड़कर 2 जूनियर्स पर कराई FIR
कॉलेज की लड़कियों से छेड़खानी की वजह से 2022 में मोनोजीत के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.उसने एक लड़के का सिर भी फोड़ दिया था. एक बार तो उसने अपना खुद कर सिर फोड़कर कॉलेज के 2 जूनियर्स को फंसाने के लिए उनके नाम की FIR भी करवा दी थी.
मोनोजीत को मैंगो बुलाते थे दोस्त
मोनोजीत के दोस्त उसे "मैंगो" बुलाते थे. कॉलेज में उसका रसूख और दबदबा इतना था कि टीचर्स और दफ्तर का स्टाफ तक उससे डरता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस पर पहले भी कई छेड़छाड़ और उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज हुई थीं, लेकिन किसी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
गैंगरेप के समय पीड़िता के लिए मंगवाया इनहेलर
25 जून की रात मोनोजीत ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर लॉ स्टूडेंट के साथ हैवानियत की थी. सरकारी वकील ने अदालत में दावा किया कि जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे इनहेलर मंगवाकर दिया गया. उसे इनहेलर इसलिए नहीं दिया गया कि वह ठीक हो जाए बल्कि इसलिए दिया गया कि जैसे ही वह ठीक हो, फिर से उसके साथ दरिंदगी की जा सके.
पुलिस को मिला इनहेलर का बिल और CCTV
कोलकाता पुलिस को लॉ कॉलेज के पास की दुकान से इनहेलर का बिल और सीसीटीवी फुटेड मिला है. इससे खुलासा हुआ है कि मोनोजीत का सहयोगी और रेप का दूसरा आरोपी जैब मोहम्मद घटना वाली शाम को 8 बजकर 29 मिनट पर इसे खरीदकर लाया था.सीसीटीवी फुटेज में आरोपी जैब को इनहेलर खरीदते देखा जा सकता है.
TMC नेता ने गैंगरेप को बताया 'छोटी घटना'
कोलकाता गैंगरेप मामले पर टीएमसी नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं. यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के बाद मानस भुनिया ने कोलकाता गैंगरेप को 'छोटी घटना' बताया. टीएमसी नेता के इस बयान पर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि ममता सरकार के एक मंत्री ने बंगाल की बेटियों का अपमान किया है.
गैंगरेप पीड़िता की पहचान पर पुलिस सख्त
कोलकाता गैंगरेप की घटना से लोगों में आक्रोश है. इस बीच घटना पर राजनीति भी तेज है. फिलहाल कोलकाता पुलिस ने पीड़िता की पहचान गोपनीयता बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं. पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी दी है कि पीड़ित की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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