प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि साल 2005 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार विस्फोट मामले में वह 16 फरवरी को फैसला सुनाएगी. इन विस्फोटों में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह सोमवार को ही फैसला सुनाने वाले थे, लेकिन उन्होंने इसके लिए गुरुवार का दिन तय किया. इस मामले में तारीक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिली तथा मोहम्मद रफीक शाह के खिलाफ मामला चल रहा है.
अदालत ने 2008 में मामले के आरोपी मास्टरमाइंट डार तथा अन्य दो के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने, हथियार जुटाने, हत्या तथा हत्या के प्रयास के आरोप तय किए थे. दिल्ली पुलिस ने डार के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. आरोप-पत्र में उसके कॉल डिटेल का जिक्र किया गया, जिससे कथित तौर पर यह साबित हुआ कि वह लश्कर-ए-तैयबा के अपने आकाओं के संपर्क में था.
पुलिस ने तीन जगहों- सरोजिनी नगर, कालकाजी तथा पहाड़गंज में हुए विस्फोटों के सिलसिले में तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की थीं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अदालत ने 2008 में मामले के आरोपी मास्टरमाइंट डार तथा अन्य दो के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने, हथियार जुटाने, हत्या तथा हत्या के प्रयास के आरोप तय किए थे. दिल्ली पुलिस ने डार के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. आरोप-पत्र में उसके कॉल डिटेल का जिक्र किया गया, जिससे कथित तौर पर यह साबित हुआ कि वह लश्कर-ए-तैयबा के अपने आकाओं के संपर्क में था.
पुलिस ने तीन जगहों- सरोजिनी नगर, कालकाजी तथा पहाड़गंज में हुए विस्फोटों के सिलसिले में तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की थीं.
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2005, दिल्ली, सिलसिलेवार विस्फोट मामला, फैसला, 16 फरवरी, Delhi, Serial Blasts Case, Decision, 16 February