देश की राजधानी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है.दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि इससे पहले बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटीज पर 21 नवंबर तक पाबंदी लगा दी गई थी.गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर के चलते कुछ दिनों पहले कई उपाय किए गए है. इसके तहत स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद,कर दिए गए. साथ ही सरकारी विभाग में 100 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम (WFH) लागू कर दिया गया है.इस बारे में ऐलान करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया था कि देश की राजधानी में में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दिनों दिन बिगड़ रही हवा की गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है. सु्प्रीम कोर्ट में हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया था कि राजधानी में गंभीर प्रदूषण में पराली जलने से होने वाले धुएं का योगदान केवल 10 फीसदी ही है. दिल्ली के वायु प्रदूषण में खेत के कचरे को जलाने का योगदान 10 प्रतिशत है, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वायु प्रदूषण में उद्योग और सड़क की धूल की बड़ी भूमिका है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से सवाल किया था , "क्या आप सैद्धांतिक रूप से इस बात से सहमत हैं कि पराली जलाना कोई प्रमुख कारण नहीं है और यह "हल्ला" वैज्ञानिक और कानूनी आधार के बिना था." जब केंद्र के वकील ने इसे स्वीकार कर लिया, तो न्यायाधीश ने कहा कि "दिल्ली सरकार के हलफनामे का कोई मतलब नहीं है" क्योंकि वे "केवल किसानों को दोष दे रहे हैं".
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