दिल्ली विधानसभा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा ने डीडीसीए यानी दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट अथॉरिटी में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए 9 सदस्यों की समिति बनायी है। ये समिति 1992 से 2016 तक डीडीसीए के कामकाज की जांच करेगी।
ये जांच समिति डीडीसीए से जुड़े लोगों को समन कर सकेगी और गड़बड़ियों की जांच करेगी। समिति डीडीसीए के जिस कार्यकाल की जांच करेगी उसमे अरुण जेटली का डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल भी शामिल है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसी मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार पांच महीने पहले ही जांच आयोग बना चुकी है जिसके मुखिया गोपाल सुब्रमण्यम हैं।
लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे गोपाल सुब्रमण्यम आयोग की जांच की स्थिति पर चर्चा की और आप विधायक अल्का लाम्बा ने आरोप लगाया कि गोपाल सुब्रमण्यम पर दबाव डाला जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है।
ये जांच समिति डीडीसीए से जुड़े लोगों को समन कर सकेगी और गड़बड़ियों की जांच करेगी। समिति डीडीसीए के जिस कार्यकाल की जांच करेगी उसमे अरुण जेटली का डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल भी शामिल है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसी मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार पांच महीने पहले ही जांच आयोग बना चुकी है जिसके मुखिया गोपाल सुब्रमण्यम हैं।
लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे गोपाल सुब्रमण्यम आयोग की जांच की स्थिति पर चर्चा की और आप विधायक अल्का लाम्बा ने आरोप लगाया कि गोपाल सुब्रमण्यम पर दबाव डाला जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है।
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