अमेरिकी महिला ने भारत में कथित रेप की शिकायत की है.
नई दिल्ली:
एक अमेरिकी महिला टीचर जो गर्मी की छुट्टियों के दौरान पहली बार भारत आई थी, उसके साथ दिल्ली के होटल में कथित रूप से गैंगरेप किया गया. अब 9 महीने बाद वह अपना बयान दर्ज करवाने और आरोपियों की पहचान करने फिर भारत आई है.
25 वर्षीय अमेरिकी टीचर ने अप्रैल के महीने में भारत घूमने के लिए एक टूर पैकेज लिया था. महिला टीचर का आरोप है कि उसके टूर गाइड ने पानी की बोतल में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया था और उसके बाद होटल के कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया.
महिला ने NDTV को बताया, 'मैं निर्धारित टूर पर आई थी और मुझे सीधे कनॉट प्लेस स्थित पांच सितारा होटल ले जाया गया. शुरुआती दो दिनों में मुझे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और टूर कंपनी के दो कर्मचारियों और होटल के दो कर्मचारियों ने मेरे साथ बलात्कार किया. इन लोगों के चेहरे मैं पहचानती हूं.'
महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए.
महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्त दुरुस्त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी कि ये सब क्यों हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे.
महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भेजा. लेकिन अक्टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया.
पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.
महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं.
महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्कार और हिंसा जैसी समस्याओं का होना गंभीर मसला है.'
25 वर्षीय अमेरिकी टीचर ने अप्रैल के महीने में भारत घूमने के लिए एक टूर पैकेज लिया था. महिला टीचर का आरोप है कि उसके टूर गाइड ने पानी की बोतल में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया था और उसके बाद होटल के कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया.
महिला ने NDTV को बताया, 'मैं निर्धारित टूर पर आई थी और मुझे सीधे कनॉट प्लेस स्थित पांच सितारा होटल ले जाया गया. शुरुआती दो दिनों में मुझे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और टूर कंपनी के दो कर्मचारियों और होटल के दो कर्मचारियों ने मेरे साथ बलात्कार किया. इन लोगों के चेहरे मैं पहचानती हूं.'
महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए.
महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्त दुरुस्त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी कि ये सब क्यों हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे.
महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भेजा. लेकिन अक्टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया.
पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.
महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं.
महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्कार और हिंसा जैसी समस्याओं का होना गंभीर मसला है.'
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