कुमार विश्वास की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की सालाना बैठक आज दिल्ली में होने वाली है. इस बैठक में वैसे तो दिल्ली में पार्टी की सरकार के कामकाज, पार्टी के विस्तार, देश के आर्थिक हालात जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन सबकी नजरें पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर रहेंगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के मुताबिक पार्टी हर बार राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उनको मुख्य वक्ता बनाती थी, लेकिन इस बार पार्टी ने कुल 5 वक्ताओं का बोलना तय किया है, जिनमें उनका नाम नहीं है. कुमार विश्वास का कहना है कि अगर पार्टी ने उनको बैठक में नहीं बोलने दिया तो वो बाहर आकर बोलेंगे.
यह भी पढ़ें : कुमार विश्वास ने कहा, 'आप सोचिए, मेरे से असुरक्षा किसे महसूस हो रही है...' (इशारा : केजरीवाल)
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान को पार्टी में बहाल कर दिया. अमानतुल्लाह खान ने अप्रैल-मई के महीने में कुमार विश्वास पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पहले उनको पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई पोलोटिकल अफेयर्स कमिटी से निलंबित किया गया और जब इससे भी कुमार विश्वास नहीं माने तो अमानतुल्लाह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. लेकिन अपने विधायक को पार्टी में बहाल करते हुए आम आदमी पार्टी ने ये साफ नहीं किया है कि अमानतुल्लाह खान के कुमार विश्वास पर लगाये आरोप सही पाए गए या गलत? क्या अमानतुल्लाह की पार्टी में बहाली का मतलब ये माना जाए कि उनको आरोप सही थे? तो फिर कुमार विश्वास पर पार्टी क्या कार्रवाई कर रही है? अगर आरोप गलत और निराधार थे तो अमानतुल्लाह पर क्या कार्रवाई कर रही है पार्टी? क्या 6 महीने पार्टी से निलंबन सज़ा माना जाए? जबकि इस दौरान अमानतुल्लाह ख़ान के कद में कोई कमी नहीं आई.
क्या होगा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में
पार्टी ने औपचारिक एजेंडा जारी किया है, जिसके मुताबिक कुल 5 वक्ता अपनी बात रखेंगे.
1. मनीष सिसोदिया- वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम. पार्टी की दिल्ली सरकार के कामकाज की जानकारी देंगे.
2. गोपाल राय- दिल्ली संयोजक. दिल्ली में पार्टी के संगठन के स्तर और क्षमता की जानकारी देंगे.
3. संजय सिंह- वरिष्ठ नेता. देश के आर्थिक हालात, बेरोज़गारी और किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे.
4. आशुतोष- वरिष्ठ नेता, राजनीतिक प्रस्ताव पर प्रेजेंटेशन देंगे.
5. अरविंद केजरीवाल- राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री. अपना भाषण देंगे
इन 5 बड़े नामों में कहीं भी कुमार विश्वास का नाम नहीं है. हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुमार विश्वास को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. लेकिन कुमार विश्वास के कद को देखते हुए मुख्य वक्ताओं में उनका नाम ना होना साफ दिखता है कि पार्टी में अब 'अ'विश्वास आ गया है.
दरअसल पार्टी नेताओं अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच इस साल मई के महीने से लकीर खिंच गई थी जिसके बाद से दोनों के रिश्ते पुराने पारिवारिक मित्र जैसे नहीं रह गए थे. एनडीटीवी डॉट कॉम पर छपे कुमार विश्वास के इंटरव्यू के मुताबिक उन्होंने अरविंद केजरीवाल की और इशारा करते हुए कहा कि पार्टी मेरा योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण पार्ट टू जैसा हाल करने की प्लानिंग कर रही है.
VIDEO : अमानतुल्लाह खान का निलंबन वापस लिए जाने से कुमार विश्वास खफा
वहीं अरविंद केजरीवाल के करीबी पार्टी नेताओं के मुताबिक कुमार विश्वास ने तख्तापलट की कोशिश करके पार्टी और सरकार पर कब्ज़ा जमाने की कोशिश की थी जिसके बाद अब अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के रिश्ते ऐसे हो गए कि किसी समझौते की गुंजाइश बचती नहीं दिखती.
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इससे पहले आम आदमी पार्टी ने ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान को पार्टी में बहाल कर दिया. अमानतुल्लाह खान ने अप्रैल-मई के महीने में कुमार विश्वास पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पहले उनको पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई पोलोटिकल अफेयर्स कमिटी से निलंबित किया गया और जब इससे भी कुमार विश्वास नहीं माने तो अमानतुल्लाह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. लेकिन अपने विधायक को पार्टी में बहाल करते हुए आम आदमी पार्टी ने ये साफ नहीं किया है कि अमानतुल्लाह खान के कुमार विश्वास पर लगाये आरोप सही पाए गए या गलत? क्या अमानतुल्लाह की पार्टी में बहाली का मतलब ये माना जाए कि उनको आरोप सही थे? तो फिर कुमार विश्वास पर पार्टी क्या कार्रवाई कर रही है? अगर आरोप गलत और निराधार थे तो अमानतुल्लाह पर क्या कार्रवाई कर रही है पार्टी? क्या 6 महीने पार्टी से निलंबन सज़ा माना जाए? जबकि इस दौरान अमानतुल्लाह ख़ान के कद में कोई कमी नहीं आई.
क्या होगा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में
पार्टी ने औपचारिक एजेंडा जारी किया है, जिसके मुताबिक कुल 5 वक्ता अपनी बात रखेंगे.
1. मनीष सिसोदिया- वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम. पार्टी की दिल्ली सरकार के कामकाज की जानकारी देंगे.
2. गोपाल राय- दिल्ली संयोजक. दिल्ली में पार्टी के संगठन के स्तर और क्षमता की जानकारी देंगे.
3. संजय सिंह- वरिष्ठ नेता. देश के आर्थिक हालात, बेरोज़गारी और किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे.
4. आशुतोष- वरिष्ठ नेता, राजनीतिक प्रस्ताव पर प्रेजेंटेशन देंगे.
5. अरविंद केजरीवाल- राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री. अपना भाषण देंगे
इन 5 बड़े नामों में कहीं भी कुमार विश्वास का नाम नहीं है. हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुमार विश्वास को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. लेकिन कुमार विश्वास के कद को देखते हुए मुख्य वक्ताओं में उनका नाम ना होना साफ दिखता है कि पार्टी में अब 'अ'विश्वास आ गया है.
दरअसल पार्टी नेताओं अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच इस साल मई के महीने से लकीर खिंच गई थी जिसके बाद से दोनों के रिश्ते पुराने पारिवारिक मित्र जैसे नहीं रह गए थे. एनडीटीवी डॉट कॉम पर छपे कुमार विश्वास के इंटरव्यू के मुताबिक उन्होंने अरविंद केजरीवाल की और इशारा करते हुए कहा कि पार्टी मेरा योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण पार्ट टू जैसा हाल करने की प्लानिंग कर रही है.
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वहीं अरविंद केजरीवाल के करीबी पार्टी नेताओं के मुताबिक कुमार विश्वास ने तख्तापलट की कोशिश करके पार्टी और सरकार पर कब्ज़ा जमाने की कोशिश की थी जिसके बाद अब अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के रिश्ते ऐसे हो गए कि किसी समझौते की गुंजाइश बचती नहीं दिखती.
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