दिल्ली चुनाव की सुगबुगाहट के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने कच्ची कॉलोनियों को नियमित करने को लेकर सवाल पूछा है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार दोपहर आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि बीजेपी ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनी में रहने वाले लोगों के साथ धोखा किया है. कच्ची कॉलोनी पक्की करने के नाम पर केवल शहर भर में होर्डिंग और पोस्टर लगाए हैं. सिसोदिया ने कहा कि पूरी दिल्ली में बीजेपी पोस्टर और होर्डिंग लगाकर कह रही है कि हमने इतनी कॉलोनियों को पक्का कर दिया लेकिन सच यह है जो सरकारी कागजात में लिखा है.
दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए की वेबसाइट पर साफ लिख दिया गया है कि ये ना तो कॉलोनियों का नियमितीकरण है ना ही वहां मौजूद निर्मित क्षेत्र का नियमितीकरण है. सिसोदिया ने कहा कि इसके पीछे की सच्चाई यह है कि अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का इनका कोई प्लान ही नहीं है और ना नियत है. यह केवल चुनाव से पहले ठीक उसी तरह से किया जा रहा है जैसे कांग्रेस किया करती थी. कांग्रेस तो फिर भी प्रोविजनल सर्टिफिकेट दे रही थी लेकिन यह लोग तो कुछ भी नहीं दे रहे.आपको बता दें कि दिल्ली में 1731 कच्ची कॉलोनियों के करीब 40 लाख लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक दिलवाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बिल भी पास करवाया है.
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दिल्ली में कच्ची कॉलोनी एक बहुत बड़ा वोट बैंक है. इस को ध्यान में रखते हुए बीजेपी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है कि उसने इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिलवाया. 22 सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भी इसी मुद्दे पर हुई थी. ऐसे में यह बीजेपी पर आम आदमी पार्टी का एक बड़ा हमला माना जा रहा है.बीजेपी की तरफ से इस पर कोई औपचारिक बयान या प्रतिक्रिया तो नहीं आई है लेकिन बीजेपी नेताओं की तरफ से अनौपचारिक तौर पर कहा जा रहा है कि 'सालों से अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के पास प्रॉपर्टी राइट्स नहीं है. यहां प्रॉपर्टी की ख़रीद फ़रोख़्त या बैंकों से लोन लेना सम्भव नहीं है.
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पीएम उदय योजना के तहत अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को प्रॉपर्टी राइट्स यानि कि उनकी सम्पति का मालिकाना हक़ दिया जा रहा है. इस स्कीम से सभी कॉलोनी निवासियों को अपने मकान/प्लॉट का अधिकृत मालिकाना हक़ मिल जायेगा. एनडीटीवी इंडिया ने डीडीए की वेबसाइट पर जाकर जब अनाधिकृत कालोनी सेल में जाकर ' सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न' जिनको FAQ कहते उनको देखा तो उसमें प्रश्न नंबर दो और उत्तर कुछ इस तरह लिखे हुए हैं.
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