बुराड़ी के घर में दीवार से बाहर निकले पाइप.
- बुराड़ी में एक साथ एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत का रहस्य
- घर में निर्माण का सारा काम ललित के हिसाब से हो रहा था
- पाइप की जगह खिड़कियां लगवाने के लिए ललित राजी नहीं हुआ
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नई दिल्ली:
बुराड़ी के जिस घर में एक साथ एक ही परिवार के 11 लोग मौत के मुंह में समा गए, उस घर की दीवार में 11 पाइप लगे हैं. आमतौर पर किसी घर की दीवार में इस तरह पाइप नहीं लगे होते, क्योंकि न तो इनसे पानी की कोई निकासी है और न ही एक साथ इतने पाइप की कोई जरूरत है.
शक है कि तंत्र-मंत्र या अध्यात्म के चलते इस तरह के पाइप लगाए गए. हमने किसी के जरिए कमरपाल नाम के उस ठेकेदार से बात की जो कि घर का निर्माण करवा रहा था. उसने बताया कि इस घर में निर्माण कार्य 3 महीने से चल रहा था. घर का कोई नक्शा नहीं बनवाया गया था. घर का सारा काम ललित के हिसाब से हो रहा था. उससे जब हम कहते थे कि इस कमरे में या फलां जगह काम कैसे होना है, तो ललित बोलता था कि पूरे परिवार से सलाह करके दो दिन बाद बताएंगे. यानि घर में छोटे से छोटे काम के लिए ललित सलाह करता था.
कमरपाल के मुताबिक घर में 11 पाइप ललित के कहने पर ही लगवाए गए थे. हालांकि कमरपाल का कहना है कि उसने ललित से कहा यहां पाइप की कोई जरूरत नहीं है. इस पर ललित ने कहा कि तुम्हें जितना कहा जाए उतना करो, इन पाइपों से हवा आएगी. इस पर कमरपाल ने कहा कि तो फिर पाइप की जगह खिड़कियां लगवा लो. इस पर ललित राजी नहीं हुआ और फिर बेवजह 11 पाइप लगाने पड़े जो कि और किसी के प्लॉट में खुलते हैं.
यह भी पढ़ें : बुराड़ी कांड: रिश्तेदारों ने 'तंत्र-मंत्र' की बात को किया खारिज, कहा- अंधविश्वासी नहीं था परिवार, यह हत्या है
गौरतलब है कि घर में 11 ही शव बरामद हुए हैं. कमरपाल के मुताबिक घर में काम तीन महीने से चल रहा था और अभी ललित को उसका एक लाख रुपया देना था.
अब तक की जांच में सामने आया है कि ललित ही वह शख्स था जो सबसे ज्यादा अध्यात्म में डूबा हुआ था. जो 10 लोग लटके हुए मिले हैं उनमें ललित और उसकी पत्नी के ही हाथ खुले हुए थे.
VIDEO : हत्या या आत्महत्या की गुत्थी
ललित के परिवार के एक करीबी ने बताया कि ललित और उसका परिवार बाला जी का भक्त था. हालांकि तंत्र-मंत्र के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. दिल्ली पुलिस को घर से जो दो रजिस्टर मिले हैं उनमें बिल्कुल वही मौत और मोक्ष का तरीका लिखा हुआ है जिस तरीके से मौतें हुईं.
शक है कि तंत्र-मंत्र या अध्यात्म के चलते इस तरह के पाइप लगाए गए. हमने किसी के जरिए कमरपाल नाम के उस ठेकेदार से बात की जो कि घर का निर्माण करवा रहा था. उसने बताया कि इस घर में निर्माण कार्य 3 महीने से चल रहा था. घर का कोई नक्शा नहीं बनवाया गया था. घर का सारा काम ललित के हिसाब से हो रहा था. उससे जब हम कहते थे कि इस कमरे में या फलां जगह काम कैसे होना है, तो ललित बोलता था कि पूरे परिवार से सलाह करके दो दिन बाद बताएंगे. यानि घर में छोटे से छोटे काम के लिए ललित सलाह करता था.
कमरपाल के मुताबिक घर में 11 पाइप ललित के कहने पर ही लगवाए गए थे. हालांकि कमरपाल का कहना है कि उसने ललित से कहा यहां पाइप की कोई जरूरत नहीं है. इस पर ललित ने कहा कि तुम्हें जितना कहा जाए उतना करो, इन पाइपों से हवा आएगी. इस पर कमरपाल ने कहा कि तो फिर पाइप की जगह खिड़कियां लगवा लो. इस पर ललित राजी नहीं हुआ और फिर बेवजह 11 पाइप लगाने पड़े जो कि और किसी के प्लॉट में खुलते हैं.
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गौरतलब है कि घर में 11 ही शव बरामद हुए हैं. कमरपाल के मुताबिक घर में काम तीन महीने से चल रहा था और अभी ललित को उसका एक लाख रुपया देना था.
अब तक की जांच में सामने आया है कि ललित ही वह शख्स था जो सबसे ज्यादा अध्यात्म में डूबा हुआ था. जो 10 लोग लटके हुए मिले हैं उनमें ललित और उसकी पत्नी के ही हाथ खुले हुए थे.
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ललित के परिवार के एक करीबी ने बताया कि ललित और उसका परिवार बाला जी का भक्त था. हालांकि तंत्र-मंत्र के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. दिल्ली पुलिस को घर से जो दो रजिस्टर मिले हैं उनमें बिल्कुल वही मौत और मोक्ष का तरीका लिखा हुआ है जिस तरीके से मौतें हुईं.
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