ग्रेटर नोएडा में जमींदोज हुईं इमारतें.
                                                                                                                        - काम पूरा नहीं होने के कारण निर्माणधीन इमारत में रुक गया था
 - ग्रेटर नोएडा में बिल्डिंग धराशायी होने से हो गई मौत
 - हाथ पर बने टैटू को देखकर की गई शिनाख्त
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        रंजना को मंगलवार की रात में फोन पर अपने पति 36 वर्षीय रजनीश भौमाली से बात करते समय इस बात का बिल्कुल भी अहसास नहीं था कि वह अपने पति से अंतिम बार बात कर रही है. राज मिस्त्री रजनीश ने उसे यह बताने के लिए फोन किया था कि वह मंगलवार शाम को अपने घर नहीं लौट पाएगा. 
ग्रेटर नोएडा में इमारत ढहने के बाद उसमें मरने वाले चार लोगों में से एक रजनीश ने अपनी पत्नी को बताया था कि उसने अपना काम पूरा नहीं किया है इसलिए वह मंगलवार को यहीं रुककर बुधवार शाम को घर लौटेगा. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा : 'गृह प्रवेश' के तीन दिन बाद ही ढह गया आशियाना
बुधवार को दो किशोर बच्चों की मां रंजना की आंख ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतों के ढहने की खबर के साथ खुली. किसी अनहोनी की आशंका से परेशान होकर वह भागी-भागी घटनास्थल पहुंची और अपने पति को तलाशने लगी. उसने अपने पति का फोन मिलाया था जो लग नहीं रहा था.
यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा हादसा : तेज आवाज आई जैसे भूकंप आ गया, देखा तो बिल्डिंगें धराशायी हो रही थीं
रंजना ने जैसे ही वह धराशायी इमारत देखी जहां रात में रजनीश ने रुकने के लिए कहा था, वह बेहोश हो गई. होश आने पर उसके परिजनों ने पुष्टि कर दी कि मलबे में से बरामद तीन शवों में से एक शव उसके पति का है. रंजना के रिश्ते के भाई और पास की इमारत में राजमिस्त्री का काम करने वाले संजय ने बताया, "हम अस्पताल गए और उनके हाथ पर बने टैटू को देखकर उनकी शिनाख्त की. उनका शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया था."
VIDEO : जमींदोज हो गईं दो इमारतें
रजनीश पूर्वी दिल्ली में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था. उदास संजय ने कहा, "उन्होंने दिन का काम खत्म नहीं किया था इसलिए वे वहीं रुक गए. उन्होंने सोचा कि वे इसे मंगलवार रात या बुधवार तड़के पूरा कर लेंगे. इस घटना का किसने सोचा था." रजनीश के परिजनों ने बताया कि रजनीश कुछ सालों पहले पश्चिम बंगाल के मालदा से यहां आकर रहने लगा था.
(इनपुट आईएएनएस से)
                                                                        
                                    
                                ग्रेटर नोएडा में इमारत ढहने के बाद उसमें मरने वाले चार लोगों में से एक रजनीश ने अपनी पत्नी को बताया था कि उसने अपना काम पूरा नहीं किया है इसलिए वह मंगलवार को यहीं रुककर बुधवार शाम को घर लौटेगा. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
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बुधवार को दो किशोर बच्चों की मां रंजना की आंख ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतों के ढहने की खबर के साथ खुली. किसी अनहोनी की आशंका से परेशान होकर वह भागी-भागी घटनास्थल पहुंची और अपने पति को तलाशने लगी. उसने अपने पति का फोन मिलाया था जो लग नहीं रहा था.
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रंजना ने जैसे ही वह धराशायी इमारत देखी जहां रात में रजनीश ने रुकने के लिए कहा था, वह बेहोश हो गई. होश आने पर उसके परिजनों ने पुष्टि कर दी कि मलबे में से बरामद तीन शवों में से एक शव उसके पति का है. रंजना के रिश्ते के भाई और पास की इमारत में राजमिस्त्री का काम करने वाले संजय ने बताया, "हम अस्पताल गए और उनके हाथ पर बने टैटू को देखकर उनकी शिनाख्त की. उनका शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया था."
VIDEO : जमींदोज हो गईं दो इमारतें
रजनीश पूर्वी दिल्ली में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था. उदास संजय ने कहा, "उन्होंने दिन का काम खत्म नहीं किया था इसलिए वे वहीं रुक गए. उन्होंने सोचा कि वे इसे मंगलवार रात या बुधवार तड़के पूरा कर लेंगे. इस घटना का किसने सोचा था." रजनीश के परिजनों ने बताया कि रजनीश कुछ सालों पहले पश्चिम बंगाल के मालदा से यहां आकर रहने लगा था.
(इनपुट आईएएनएस से)
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