उत्तरी दिल्ली नगर निगम.
नई दिल्ली:
पुरानी दिल्ली के खैबर पास पर 15000 करोड़ की जमीन को एक निजी बिल्डर को देने का मामला सामने आने के बाद अब उस पर लीपापोती का खेल शुरु हो गया है....नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त रह चुकी रेनू जगदेव ने पत्र लिखकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम कमिश्नर 15000 करोड़ रुपए की जमीन घोटाला करने का आरोप लगाया है.
अतिरिक्त आयुक्त रह चुकी रेनू जगदेव को ये मामला तब याद आया जब एकाएक उनका तबादला उनके मूल कॉडर राजस्व सेवा में कर दिया गया...एनडीटीवी के पास तीन पन्ने का ये पत्र मौजूद है जिसमें कहा गया है कि खैबर पास गांव में मौजूद 95 एकड़ जमीन को 2015 में गलत तरीके डीएमआरसी को दे दी गई..जिसे बाद में पार्श्वनाथ बिल्डर के हवाले कर दिया गया...इस मामले की जांच करने के दौरान ही उनका तबादला करा दिया गया.
जमीन चर्च की और 110 करोड़ का मुआवजा किसी दूसरे को
रेनू जगदेव ने अपने पत्र में एक और सनसनीखेज घोटाले का जिक्र किया है...पत्र में लिखा गया है कि रानी झांसी फ्लाईओवर बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण 698 वर्गमीटर होना था लेकिन उससे कहीं ज्यादा जमीन का अधिग्रहण कर करोड़ों रुपए मुआवजा दिया गया. इन जमीनों में सरकार द्वारा लीज पर दी गई जमीन भी शामिल है जिसका मुआवजा दिया गया जबकि सरकार द्वारा लीज पर दी गई जमीन का कोई मुआवजा नहीं देना होता है...उन्होंने हवाला दिया कि खसरा नंबर 288 की जमीन मेथॉडिस्ट चर्च आफ इंडिया के नाम पर थी लेकिन 110 करोड़ रुपए किसी अभिषेक गुप्ता को मुआवजा दे दिया गया..हालांकि ये मामला अब जांच के लिए विजीलेंस विभाग को सौंपा जा चुका है.
शिकायत पर जांच के आदेश
पूर्व अतिरिक्त कमिश्नर के सनसनीखेज आरोपों के बाद कमिश्नर मधुप व्यास के भूमिका की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है...लेकिन कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल का आरोप है कि जूनियर लेवल के अधिकारी कमिश्नर की जांच क्या खाक करेंगे. इन गंभीर आरोपों पर निगम के कमिश्नर मधुप व्यास का कहना है कि रेनू जगदेव लंबे समये से नगर निगम में तैनात है...जिन मामलों को उन्होंने जिक्र किया है वो सभी उनके कार्यकाल से पहले के हैं.
अतिरिक्त आयुक्त रह चुकी रेनू जगदेव को ये मामला तब याद आया जब एकाएक उनका तबादला उनके मूल कॉडर राजस्व सेवा में कर दिया गया...एनडीटीवी के पास तीन पन्ने का ये पत्र मौजूद है जिसमें कहा गया है कि खैबर पास गांव में मौजूद 95 एकड़ जमीन को 2015 में गलत तरीके डीएमआरसी को दे दी गई..जिसे बाद में पार्श्वनाथ बिल्डर के हवाले कर दिया गया...इस मामले की जांच करने के दौरान ही उनका तबादला करा दिया गया.
जमीन चर्च की और 110 करोड़ का मुआवजा किसी दूसरे को
रेनू जगदेव ने अपने पत्र में एक और सनसनीखेज घोटाले का जिक्र किया है...पत्र में लिखा गया है कि रानी झांसी फ्लाईओवर बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण 698 वर्गमीटर होना था लेकिन उससे कहीं ज्यादा जमीन का अधिग्रहण कर करोड़ों रुपए मुआवजा दिया गया. इन जमीनों में सरकार द्वारा लीज पर दी गई जमीन भी शामिल है जिसका मुआवजा दिया गया जबकि सरकार द्वारा लीज पर दी गई जमीन का कोई मुआवजा नहीं देना होता है...उन्होंने हवाला दिया कि खसरा नंबर 288 की जमीन मेथॉडिस्ट चर्च आफ इंडिया के नाम पर थी लेकिन 110 करोड़ रुपए किसी अभिषेक गुप्ता को मुआवजा दे दिया गया..हालांकि ये मामला अब जांच के लिए विजीलेंस विभाग को सौंपा जा चुका है.
शिकायत पर जांच के आदेश
पूर्व अतिरिक्त कमिश्नर के सनसनीखेज आरोपों के बाद कमिश्नर मधुप व्यास के भूमिका की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है...लेकिन कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल का आरोप है कि जूनियर लेवल के अधिकारी कमिश्नर की जांच क्या खाक करेंगे. इन गंभीर आरोपों पर निगम के कमिश्नर मधुप व्यास का कहना है कि रेनू जगदेव लंबे समये से नगर निगम में तैनात है...जिन मामलों को उन्होंने जिक्र किया है वो सभी उनके कार्यकाल से पहले के हैं.
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