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This Article is From Jul 18, 2022

Ethereum के अपडेट को सितंबर में प्रस्तुत करने की तैयारी

इस अपग्रेड ने हाल ही में पब्लिक टेस्ट नेटवर्क Sepolia पर एक ट्रायल पूरा किया था. Sepolia टेस्टनेट की अगले कुछ दिनों तक निगरानी की जाएगी

Ethereum के अपडेट को सितंबर में प्रस्तुत करने की तैयारी
अपग्रेड में देरी का असर Ether के प्राइस पर भी पड़ रहा है

प्रमुख ब्लॉकचेन्स में से एक Ethereum के अपडेट 'Merge' को सितंबर में रिलीज करने की तैयारी की जा रही है. Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं. इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है.

Ethereum Foundation के डिवेलपर्स में शामिल Tim Beiko ने अपडेट को सितंबर में रिलीज किए जाने की जानकारी ट्विटर पर दी है. उन्होंने बताया इस्तेमाल किए लिए रिलीज किए जाने से पहले नेटवर्क के कुछ और टेस्ट किए जाएंगे. इन टेस्ट से डिवेलपर्स को अपग्रेड होने के बाद नेटवर्क के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी. इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. इस प्रोजेक्ट में इससे पहले रुकावटें आ चुकी हैं. 

इस अपग्रेड ने हाल ही में पब्लिक टेस्ट नेटवर्क Sepolia पर एक ट्रायल पूरा किया था. Sepolia टेस्टनेट की अगले कुछ दिनों तक निगरानी की जाएगी. Ethereum के डिवेलपर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि Merge के लिए Sepolia तीन पब्लिक टेस्टनेट्स में से दूसरा है. अपग्रेड में देरी का असर Ether के प्राइस पर भी पड़ रहा है. वैल्यू के लिहाज से इस दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस पिछले कुछ महीनों में काफी घटा है.

अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है. Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है. एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है. यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा. इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है. क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी. इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था. कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का विरोध हो रहा है. 

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