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This Article is From Apr 26, 2022

Binance ने रूस को यूजर डेटा देने के आरोपों को खारिज किया

रूस की एजेंसी Rosfin जेल में बंद विपक्षी नेता Alexei Navalny की ओर से Bitcoin में जुटाए गए करोड़ों डॉलर का पता लगाने की कोशिश कर रही थी

Binance ने रूस को यूजर डेटा देने के आरोपों को खारिज किया
यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका सहित बहुत से देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं

Binance ने पिछले वर्ष अप्रैल में रूस को यूजर डेटा उपलब्ध कराने की सहमति देने के आरोप को गलत बताया है. एक इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने की जिम्मेदारी संभालने वाली रूस की एजेंसी Rosfin जेल में बंद विपक्षी नेता Alexei Navalny की ओर से Bitcoin में जुटाए गए करोड़ों डॉलर का पता लगाने की कोशिश कर रही थी. Navalny ने चार वर्ष पहले प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ा था और उन्हें बाद में जहर दिया गया था, जिसका आरोप रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB) पर लगा था. 

Binance ने एक स्टेटमेंट में कहा, "ये आरोप पूरी तरह गलत हैं कि Binance ने Alexei Navalny सहित कोई यूजर डेटा रूस की FSB के नियंत्रण वाली एजेंसियों और रूस के रेगुलेटर्स को दिया था. युद्ध से पहले Binance का रूस में कामकाज किसी अन्य इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन के जैसा था." एक्सचेंज ने बताया कि वह क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने पर रूस की सरकार के साथ लॉबीइंग कर रहा था और ऐसी ही कोशिशें उसने अमेरिका में भी की हैं. इसके साथ ही Binance ने रेगुलेटेड एक्सचेंजों के लिए सरकारों के साथ काम करने की जरूरत भी बताई. 

स्टेटमेंट के अनुसार, "दुनिया में कोई भी सरकार या कानून प्रवर्तन एजेंसी Binance से यूजर डेटा देने का निवेदन कर सकती है, अगर यह उपयुक्त कानूनी अधिकार के साथ है. रूस भी इससे अलग नहीं है." Binance ने यह भी कहा कि वह ऐसी रिपोर्ट को लेकर समाचार एजेंसी Reuters को उसके एडिटोरियल कोड के तहत औपचारिक शिकायत देगा. 

हालांकि, Reuters ने बताया था कि उसकी जांच में यह पता चला था कि एक्सचेंज ने रूस के यूजर्स से बिजनेस की मांग की थी और उनके लिए छूट भी दी थी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टेक्स्ट मैसेजेज से यह पुष्टि होती है कि ईस्टर्न यूरोप में एक्सचेंज के रीजनल हेड Gleb Kostarev ने Rosfin के साथ क्लाइंट डेटा शेयर करने के लिए सहमति दी थी और उन्होंने बाद में अपने एक सहयोगी के बताया था कि उनके पास इसे लेकर कोई विकल्प नहीं था. यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका सहित बहुत से देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिससे रूस की इकोनॉमी को नुकसान हुआ है. 

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