
- यूपी में छांगुर के बाद अवैध धर्मांतरण के एक और बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़. ऑपरेशन अस्मिता के तहत 6 राज्यों से 10 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं.
- पुलिस के मुताबिक, इस नेटवर्क का संबंध प्रतिबंधित संगठन PFI, SDPI और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से होने के संकेत मिले हैं.
- नेटवर्क के लोग लव जिहाद करके धर्मांतरण कराते थे, विदेशों से फंडिंग लेते थे और कट्टरता फैलाते थे, जो कि आतंकी संगठन ISIS का सिग्नेचर स्टाइल है.
छांगुर उर्फ जलालुद्दीन रैकेट के बाद यूपी पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इसके लिए "ऑपरेशन अस्मिता" के तहत 6 राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि नेटवर्क में शामिल लोग लव जिहाद के जरिए धर्मांतरण कराते थे, विदेशों से फंडिंग हासिल करते थे और कट्टरता फैलाते थे, जो कि आतंकी संगठन ISIS का सिग्नेचर स्टाइल है. इस नेटवर्क के तार प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं.
दो बहनों की गुमशुदगी की जांच से खुलासा
इस साल मार्च महीने में आगरा के सदर बाजार थाने में दो सगी बहनों के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. इनकी उम्र 33 साल और 18 साल है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 87, 111(3), 111(4) और 3/5 उ.प्र. विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू की. पुलिस ने जांच की तो तार बड़े नेटवर्क से जुड़े पाए गए. फिर मामला साइबर थाने को ट्रांसफर करके गहन जांच शुरू की गई.
PFI, पाकिस्तानी संगठनों से संबंधों का शक
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि यह नेटवर्क बेहद सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था. प्रारम्भिक जांच में इस ग्रुप का संबंध प्रतिबंधित संगठन PFI, SDPI और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी होने के संकेत मिले. आगरा पुलिस की कार्रवाई में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और एटीएस को भी शामिल किया गया. ऑपरेशन अस्मिता चलाने का फैसला किया गया.
6 राज्यों में 11 टीमों ने की छापेमारी
पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी के पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के मार्गदर्शन में 11 टीमें गठित की गईं. इन टीमों को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों के अलावा दिल्ली, राजस्थान, गोवा, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड भेजा गया. सबूत जुटाने के बाद सात अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करवाया गया. उसके बाद 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया.
'ऑपरेशन अस्मिता' के तहत ये आरोपी गिरफ्तार
- आयशा (एस.बी. कृष्णा) - गोवा
- अली हसन (शेखर रॉय) - कोलकाता
- ओसामा - कोलकाता
- रहमान कुरैशी - आगरा
- अब्बू तालिब - खालापार, मुजफ्फरनगर
- अबुर रहमान - देहरादून
- मोहम्मद अली - जयपुर, राजस्थान
- जुनैद कुरैशी - जयपुर
- मुस्तफा (मनोज) - दिल्ली
- मोहम्मद अली - जयपुर
ISIS से प्रेरित, सबकी अलग भूमिका
पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क ISIS की कार्यप्रणाली से प्रेरित था. इसमें अभियुक्त अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे, जैसे कि प्रेम जाल में फंसाकर युवतियों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाना, धर्म परिवर्तन के दस्तावेज तैयार करना और कट्टर बनाना. इसके अलावा विदेशों से फंड हासिल करना, उसे चैनलाइज करना, सेफ हाउस उपलब्ध कराना, कानूनी सलाह देने और नए फोन व सिम का इंतजाम कराने के काम भी लोगों के बीच बांटे हुए थे.
कनाडा-अमेरिका से होती थी फंडिंग
पुलिस के अनुसार, इस नेटवर्क के तार दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, गोवा, देहरादून और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से जुड़े पाए गए हैं. यह नेटवर्क कथित तौर पर लव जिहाद और रेडिकलाइजेशन के जरिए युवतियों को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था. इसके लिए विदेश से भी रकम आती थी. इसकी फंडिंग कनाडा और अमेरिका से भी हो रही थी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच अभी जारी है. नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है.
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