पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
- सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझी
- मुख्य आरोपी ने बताया कृष्णकांत उसकी बहन पर बुरी नज़र रखता था
- मंजू की बीचबचाव करने पर और प्रियंका की चश्मदीद होने के कारण हत्या
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नई दिल्ली:
ग्रेटर नोएडा के ओमिक्रोन टू में हुए सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक 40 साल की मंजू ,उनके 20 साल के बेटे कृष्णकांत और 19 साल की बेटी प्रियंका की घर पर ही बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. बाद में कृष्णकांत और प्रियंका के शव को उन्हीं की कार में ले जाकर दनकौर के पास नहर में फेंक दिया गया.
पुलिस के मुताबिक इस तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी मनीष है जो कि लोनी का रहने वाला है. उसने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
पुलिस के मुताबिक मनीष ने कड़ी पूछताछ में बताया कि कृष्णकांत उसकी बहन पर बुरी नज़र रखता था. पहले कृष्णकांत और मनीष दोनों अच्छे दोस्त थे लेकिन जब मनीष को पता चला कि कृष्णकांत उसकी बहन पर बुरी नज़र रखता है तो दोनों में कई बार झगड़ा हुआ और फिर दोस्ती रंजिश में बदल गई.
पुलिस के मुताबिक मनीष 20 जुलाई को अपने चार साथियों के साथ कृष्णकांत के ओमिक्रोन टू स्थित घर पहुंचा. जब उसने देखा कि घर में सब सोने की तैयारी कर रहे हैं तो पांचों ने हमला बोला. कृष्णकांत की मां बीच बचाव में आईं तो उसके ऊपर भी रॉड और चाकुओं से हमला किया गया. इससे मंजू की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद कृष्णकांत की भी घर में ही हत्या कर दी गई. प्रियंका क्योंकि चश्मदीद थी इसलिए उसको भी मौत के घाट उतार दिया गया.
मंजू और उसके परिवार का पुराना फोटो.
इसके बाद सभी शवों को ठिकाने लगाने के लिए पहले कृष्णकांत और उसकी बहन का शव उन्हीं की कार में डालकर दनकौर के पास नहर में फेंक दिया गया. पुलिस के मुताबिक एक साथ तीनों शव कार में नहीं आ सकते थे इसलिए पहले दो शवों को कार में डालकर नहर में फेंका गया. इसके बाद आरोपियों को मंजू के शव को भी घर से ले जाकर नहर में फेंकना था लेकिन तब तक सुबह हो चुकी थी.
फिलहाल पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और उनसे वह गहने भी बरामद कर लिए हैं जो उन्होंने कत्ल की वारदात के बाद घर से लूटी थी.
पुलिस के मुताबिक इस तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी मनीष है जो कि लोनी का रहने वाला है. उसने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
पुलिस के मुताबिक मनीष ने कड़ी पूछताछ में बताया कि कृष्णकांत उसकी बहन पर बुरी नज़र रखता था. पहले कृष्णकांत और मनीष दोनों अच्छे दोस्त थे लेकिन जब मनीष को पता चला कि कृष्णकांत उसकी बहन पर बुरी नज़र रखता है तो दोनों में कई बार झगड़ा हुआ और फिर दोस्ती रंजिश में बदल गई.
पुलिस के मुताबिक मनीष 20 जुलाई को अपने चार साथियों के साथ कृष्णकांत के ओमिक्रोन टू स्थित घर पहुंचा. जब उसने देखा कि घर में सब सोने की तैयारी कर रहे हैं तो पांचों ने हमला बोला. कृष्णकांत की मां बीच बचाव में आईं तो उसके ऊपर भी रॉड और चाकुओं से हमला किया गया. इससे मंजू की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद कृष्णकांत की भी घर में ही हत्या कर दी गई. प्रियंका क्योंकि चश्मदीद थी इसलिए उसको भी मौत के घाट उतार दिया गया.
इसके बाद सभी शवों को ठिकाने लगाने के लिए पहले कृष्णकांत और उसकी बहन का शव उन्हीं की कार में डालकर दनकौर के पास नहर में फेंक दिया गया. पुलिस के मुताबिक एक साथ तीनों शव कार में नहीं आ सकते थे इसलिए पहले दो शवों को कार में डालकर नहर में फेंका गया. इसके बाद आरोपियों को मंजू के शव को भी घर से ले जाकर नहर में फेंकना था लेकिन तब तक सुबह हो चुकी थी.
फिलहाल पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और उनसे वह गहने भी बरामद कर लिए हैं जो उन्होंने कत्ल की वारदात के बाद घर से लूटी थी.
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