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This Article is From Feb 16, 2023

CBI ने US नागरिकों से ठगी में लिप्त फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, 3 करोड़ रुपए बरामद

सीबीआई की अमेरिकी जांच एजेंसियों ने मदद की और उन्होंने पाया कि चारों एक मोबाइल कॉल सेंटर चला रहे थे जिसमें वे एक जगह से दूसरी जगह जाते थे.

CBI ने US नागरिकों से ठगी में लिप्त फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, 3 करोड़ रुपए बरामद
चार स्थानों पर तलाशी के दौरान उपकरण, विदेशी मुद्रा और तीन करोड़ रुपये से अधिक बरामद. (Representational)
नई दिल्ली:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में चार फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया. फर्जी कॉल सेंटर तकनीकी सहायता की पेशकश के जरिये अमेरिकी नागरिकों से कथित ठगी में लिप्त था. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर में चार स्थानों पर तलाशी के दौरान उपकरण, विदेशी मुद्रा और तीन करोड़ रुपये से अधिक बरामद किए.

उन्होंने बताया कि यह मामला पिछले साल 10 जून को हरीश कुमार, अमित कुमार, राकेश कुमार अथोत्रा ​​और राज कुमारी के खिलाफ सीबीआई की एक प्राथमिकी से संबंधित है. प्राथमिकी में इन पर तकनीकी सहायता की आड़ में कंप्यूटरों को नियंत्रित कर अमेरिकी नागरिकों से ठगी का आरोप लगाया गया था.

सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, “वे कथित तौर पर अपने स्रोतों से हासिल उपभोक्ता की जानकारी के जरिये टेक्स्टनो एप्लिकेशन के माध्यम से कॉल कर अमेरिका में उन्हें निशाना बनाते थे. इस दौरान वे समस्या को हल करने के बहाने ‘एनी डेस्क' जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके कंप्यूटर (सिस्टम) पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेते थे.”

सीबीआई की अमेरिकी जांच एजेंसियों ने मदद की और उन्होंने पाया कि चारों एक मोबाइल कॉल सेंटर चला रहे थे जिसमें वे एक जगह से दूसरी जगह जाते थे.

प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी लैपटॉप किराए पर लेते थे और कंपनी को लौटाने से पहले हार्ड डिस्क से सब कुछ डिलीट कर देते थे.

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली और विदेशी मुद्रा तथा लगभग 3,09,64,100 रुपये बरामद किए.

एजेंसी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीबीआई ने 15 मोबाइल फोन और सात लैपटॉप भी जब्त किए हैं. साथ ही बयान में कहा गया है कि लैपटॉप में ‘रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन', फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग नंबर, अमेरिकी नागरिकों से संबंधित दस्तावेज आदि जानकारियां मौजूद हैं.

बयान में कहा गया है कि छापेमारी के दौरान, वह एक फर्जी कॉल सेंटर पाया गया और वहां आरोपी/अन्य व्यक्ति अमेरिकी नागरिकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल थे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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