जिम्बाब्वे के हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर खेले गए बेहद रोमांचक पहले वनडे मुकाबले में भारत ने मेजबान टीम को चार रनों से हरा दिया है। भारतीय टीम के 255 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के जवाब में खेलने उतरी जिम्बाब्वे टीम निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट गंवा कर 251 रन ही बना सकी। इसके साथ भारत ने तीन मैचों की इस सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। दूसरा मैच 12 जुलाई को इसी मैदान पर खेला जाएगा।
भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच चुने गए अंबाती रायडू (नाबाद 124) के शानदार शतक और स्टुअर्ट बिन्नी (77) के साथ छठे विकेट के लिए उनकी रिकार्ड साझेदारी की बदौलत जिम्बाब्वे के सामने 256 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। जवाब में खेलने उतरी मेजबान टीम कप्तान एल्टन चिगुम्बुरा (नाबाद 104) की साहसिक पारी के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों के बाद सात विकेट खोकर 251 रन ही बना सकी।
अपने करियर का दूसरा शतक लगाने वाले चिगुम्बुरा के अलावा जिम्बाब्वे की ओर से हेमिल्टन मासाकाद्जा ने 34, सिकंदर रजा ने 37 और ग्रीम क्रेमर ने 27 रन बनाए। चिगुम्बुरा ने 101 गेंदों का सामना कर आठ चौके और एक छक्का लगाया। इन चारों ने उपयोगी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया थ। चिगुम्बुरा ने मासाकाद्जा के साथ 42, रजा के साथ 45 और क्रेमर क साथ 68 गेंदों पर 86 रनों की साझेदारी की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच चुने गए अंबाती रायडू (नाबाद 124) के शानदार शतक और स्टुअर्ट बिन्नी (77) के साथ छठे विकेट के लिए उनकी रिकार्ड साझेदारी की बदौलत जिम्बाब्वे के सामने 256 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। जवाब में खेलने उतरी मेजबान टीम कप्तान एल्टन चिगुम्बुरा (नाबाद 104) की साहसिक पारी के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों के बाद सात विकेट खोकर 251 रन ही बना सकी।
अपने करियर का दूसरा शतक लगाने वाले चिगुम्बुरा के अलावा जिम्बाब्वे की ओर से हेमिल्टन मासाकाद्जा ने 34, सिकंदर रजा ने 37 और ग्रीम क्रेमर ने 27 रन बनाए। चिगुम्बुरा ने 101 गेंदों का सामना कर आठ चौके और एक छक्का लगाया। इन चारों ने उपयोगी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया थ। चिगुम्बुरा ने मासाकाद्जा के साथ 42, रजा के साथ 45 और क्रेमर क साथ 68 गेंदों पर 86 रनों की साझेदारी की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
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