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This Article is From Sep 27, 2019

युवराज सिंह ने बयां किया दर्द, 'यो-यो टेस्ट पास करने के बाद भी मुझे भारतीय टीम से बाहर किया गया'

युवराज सिंह ने बयां किया दर्द, 'यो-यो टेस्ट पास करने के बाद भी मुझे भारतीय टीम से बाहर किया गया'
Yuvraj Singh के नाम टी20I में एक ओवर में छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है

भारतीय क्रिकेट में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर में छह छक्के लगाने का दुर्लभ कारनामा युवी के नाम पर दर्ज है. वे वर्ष 2007 में टी20 वर्ल्डकप और 2011 में 50 ओवर का वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के न केवल सदस्य थे बल्कि टीम को खिताब दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी. युवराज को 2011 वर्ल्डकप (World Cup 2019)का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था. हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले युवराज की पहचान एक जुझारू किकेटर के रूप में रही है. वर्ल्डकप 2011 के बाद मेडिकल जांच में पता चला कि उन्हें कैंसर है. कोई और होता तो शायद पूरी तरह बिखर जाता लेकिन युवराज ने इलाज के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल वापसी की. हालांकि भारतीय टीम में वापसी करने के बाद युवराज ज्यादा समय टीम इंडिया में बरकरार नहीं रख पाए. माना जाता है क यो-यो टेस्ट (Yo-Yo Test) और फिटनेस के मुद्दा उनके टीम से बाहर होने का कारण बना. एक खास बातचीत में युवराज ने खुलासा किया है कि टीम से बाहर किए जाने के बाद उनसे कहा गया था कि यो-यो टेस्ट क्लियर करने के बाद ही आप टीम में चुने जाने के पात्र होंगे. उन्होंने दावा किया कि यो-यो टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के जरिये चयन का दावा पेश करने के लिए कहा गया.

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युवराज ने अपने साथ-साथ वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के साथ किए गए इसी तरह के व्यवहार पर नाराजगी जताई. अपने साथ किए गए इस 'व्यवहार' से आहत युवी (Yuvraj Singh) ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'मैं चोटिल हो गया था और मुझे श्रीलंका सीरीज के खिलाफ तैयारी करने के लिए कहा गया. इसी दौरान यो-यो टेस्ट का भारतीय क्रिकेट में 'आगमन' हुआ. ऐसे में मेरे चयन को लेकर यू-टर्न ले लिया गया.'

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युवराज (Yuvraj Singh) ने कहा, 'अचानक 36 वर्ष की उम्र में मुझे यो-यो टेस्ट के लिए खुद का तैयारी करनी पड़ी. यहां तक कि यो-यो टेस्ट क्लियर करने के बावजूद मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने को कहा गया.' उन्होंने कहा कि यो-यो टेस्ट के बाद उनके साथ जो कुछ भी हुआ, वह 'पहेली' ही था. युवराज ने कहा, 'उन्होंने लगा कि अपनी उम्र के कारण शायद मैं यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाऊंगा और ऐसे में उन्हें मुझे बाहर करना आसान हो जाएगा... आप कह सकते हैं कि यह बहाने बनाने की एक कवायद थी.'युवराज सिंह ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 1900 रन बनाने के अलावा 9 विकेट भी हासिल किए. वनडे क्रिकेट में युवी ने 14 शतकों के साथ 8702 रन बनाने के अलावा 111 विकेट लिए. टी20I में उन्होंने 1177 रन बनाए और 28 विकेट हासिल किए.

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