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This Article is From Mar 14, 2015

IndVsZim मैच पर बोले धोनी, आसान जीत से काफी कुछ सीखने को नहीं मिलता

ऑकलैंड : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी खुश हैं कि उनकी टीम को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्‍ड कप के ग्रुप बी के अपने अंतिम लीग मैच में जिम्‍बाब्वे से कड़ी टक्कर मिली और उन्होंने कहा कि टीम को आसान जीत से कुछ सीखने को नहीं मिलता। गत चैम्पियन भारत ने सुरेश रैना ने नाबाद शतक और कप्तान धोनी की नाबाद 85 रन की पारी की मदद से जिम्‍बाब्वे को छह विकेट से हराया। भारतीय टीम ने लीग चरण में अजेय रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

जिम्‍बाब्वे के 288 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय भारतीय टीम 92 रन पर चार विकेट गंवाकर संकट में थी लेकिन धोनी और रैना की जोड़ी ने टीम को जीत दिला दी।

धोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मुझे लगता है कि इस तरह से यह इससे बेहतर नहीं हो सकता था कि अगर आप लीग चरण का अपना अंतिम मैच खेल रहे हों और अगर आपको आसान जीत मिल जाए तो फिर इस मैच से आपको अधिक फायदा नहीं होने वाला। अच्छी चीज यह रही कि स्पिनरों को दबाव में डाला गया और हमने भी शुरूआत में जल्दी विकेट गंवा दिए और इससे मध्य और निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज दबाव में आए इसलिए इस मैच से हमें काफी फायदा हुआ।’

शतक जड़ने वाले रैना की तारीफ करते हुए धोनी ने कहा, ‘बेशक जीत काफी महत्वपूर्ण है लेकिन पांचवें नंबर पर खेलते हुए रैना की पारी काफी अहम रही। अधिकांश बार आपको मौका नहीं मिलता। अगर आपका शीर्ष क्रम अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है तो आप 38 या 39 ओवर के बाद बल्लेबाजी करने उतरते हो और आपको तेजी से रन बनाने होते हैं। इसलिए आप बड़े शॉट खेलते हो और काफी रन बनाए बिना आउट हो जाते हो।’ लक्ष्य का पीछा करने में माहिर धोनी ने इससे जुड़ी तैयारी के बारे में बताया।

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अहम यह है कि रनों की संख्या को कई टुकड़ों में तोड़ लिया जाए। फिर आप अपने आप से कहो कि अगले दो से तीन ओवर में 10 से 15 रन बनाने हैं और अगर कोई बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा है तो आठ रन भी चलेंगे। लेकिन अंतत: यह टीम प्रयास है।’ धोनी ने कहा, ‘आप इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि रैना जैसा बल्लेबाज दूसरे छोर पर जिस तरह खेला उससे मेरे ऊपर से दबाव कम हो गया और वह कई बार ऐसा कर चुका है। मैंने विराट और युवराज सिंह के साथ मिलकर भी लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया है।’

कप्तान धोनी ने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि विश्व कप का क्वार्टर फाइनल अपने देश में नहीं खेलने से दबाव कम होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे ऊपर एक जैसा दबाव होता है। मैंने कई बार कहा है कि हम जिस भी टीम के खिलाफ खेलें या जिस भी टूर्नामेंट में खेलें, हम दबाव में होते हैं। अच्छी चीज यह है कि खिलाड़ी इसके आदी हो चुके हैं। कई बार ऐसे मौके आए जब हम मुश्किल स्थिति में थे लेकिन इस स्थिति से भी हमने महबूत वापसी की और अच्छा प्रदर्शन किया।’

धोनी का मानना है कि टीम के अहम खिलाड़ी 2013 में चैम्पियन्स ट्रॉफी में जीतने वाली टीम का हिस्सा भी थे और अधिकांश खिलाड़ी आईपीएल के नॉकआउट मैचों में भी खेले हैं और इसलिए उन्हें बड़ी प्रतियोगिता के नॉकआउट चरण के दबाव के बारे में पता है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें इसका अनुभव है क्योंकि हम चैम्पियन्स ट्रॉफी में खेले थे और हमने अच्छा प्रदर्शन किया। यह लगभग वही टीम है। विश्व टी20 में भी कई खिलाड़ी खेले। इसलिए उन्हें पता है कि नॉकआउट चरण में उन्हें अपने खेल में सुधार करना होगा।’

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