यशस्वी जायसवाल: तबेले और पानीपूरी बेचने से लेकर IPL तक का सफर

यशस्वी की कहानी अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है. उत्तर प्रदेश के भदोई के रहने वाले यशस्वी 11 साल की उम्र में मुंबई आ गए क्योंकि उन्हें क्रिकेट खेलना था. भदोई में पिता की पेंट की एक दूकान थी

यशस्वी जायसवाल: तबेले और पानीपूरी बेचने से लेकर IPL तक का सफर

नई दिल्ली:

यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के खिलाफ 43 गेंद में 77 रन की शानदार पारी खेली जिसमें 8  चौक्का और 4 छक्के लगाए. मैच हारने के बाद CSK के कप्तान धोनी (MS Dhoni) ने यशस्वी की तारीफ की. यशस्वी की कहानी अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है. उत्तर प्रदेश के भदोई के रहने वाले यशस्वी 11 साल की उम्र में मुंबई आ गए क्योंकि उन्हें क्रिकेट खेलना था. भदोई में पिता की पेंट की एक दूकान थी. मुंबई में पिता ने यशस्वी के रहने का इंतज़ाम जान पहचान के एक तबेले में करवा दिया जहां ये शर्त थी कि यशस्वी को वहां तबेले में काम करना पड़ेगा. 5 बजे सुबह उठ कर यशस्वी तबेले में मदद करते फिर आज़ाद मैदान जा कर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे.  

गोलगप्पे और चाट बेचने से लेकर आईपीएल तक 

एक दिन जब यशस्वी प्रैक्टिस से वापिस लौटे तो उनका सामान फेंका हुआ था. तबेले के मालिक ने उन्हें निकाल दिया. यशस्वी ने अपना सामान उठाया और आज़ाद मैदान आ गए. वहां पर मुस्लिम युनाटेड क्लब के टेंट में रहने लगे जहां बिजली तक नहीं थी ना ही टॉयलेट. उस टेंट में उस मुस्लिम ग्राउंड्समैन के साथ यशस्वी ने तीन साल गुजारे. पैसे होते नहीं थे तो गोलगप्पे और चाट बेचने का भी काम किया.

एक बार उनके दूकान पर कुछ लड़के आए गोलगप्पे खाने यशस्वी ने देखा कि ये तो वही लड़के हैं जिनके साथ वो क्रिकेट खेलते हैं, उनको देखते ही यशस्वी शर्म के मारे गोलगप्पे का स्टाल छोड़ कर भाग गए. मगर सुबह से शाम तक यशस्वी की प्रैक्टिस जारी रही. यशस्वी ने यह भी सोच रखा था कि यदि वे क्रिकेट जारी नहीं रख पाए में सेना में जाने की कोशिश करेगें.

लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. आज़ाद मैदान में ही यशस्वी को स्थानीय कोच ज्वाला सिंह मिले उन्हें यशस्वी में कुछ दिखा उन्होंने यशस्वी के नए जूते और किट दिलवाए और रहने के लिए अपने चाल के अपने कमरे में जगह भी दी. ज्वाला सिंह की भी कहानी कुछ इसी तरह की थी मगर उन्हें कोई मदद करने वाला नहीं था इसलिए उन्होंने यशस्वी की मदद करने की ठानी.

उसके बाद यशस्वी ने दादर यूनियन क्लब ज्वाइन किया. दिलीप वेंगसरकर ने क्लब के खिलाड़ी के तौर पर यशस्वी को इंग्लैंड भेजा. उसके बाद यशस्वी U 16, 19 और 23 के लिए खेले. यशस्वी ने विजय हज़ारे ट्राफ़ी में 50 ओवर के मैच में 200 रन बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने. U 19 में उनकी प्रतिभा को राहुल द्रविड़ ने तरासा. 2020 के IPL में राजस्थान ने यशस्वी को 2 करोड़ 40 लाख में ख़रीदा..यशस्वी की सफलता के आगे की कहानी अब सब के सामने है.

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