कोलम्बो:
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने गुरुवार को संकेत दिया कि विश्व कप ट्वेंटी-20 के सुपर आठ मुकाबले में शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम पांच गेंदबाजों के साथ उतरेगी।
धोनी ने इससे पहले आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच का मुआयना किया और क्यूरेटर से बात भी की। मैच की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, "हम मैच में पांच गेंदबाजों के साथ उतरेंगे। लेकिन सुबह पिच देखने के बाद ही कोई फैसला करेंगे। पिच देखने के बाद ही तय होगा कि दो स्पिन और तीन तेज गेंदबाजों को खिलाया जाए या नहीं।"
उन्होंने कहा कि यह हालांकि आसान फैसला नहीं होगा क्योंकि इसके लिए उन्हें वीरेंद्र सहवाग या युवराज सिंह में से किसी एक को टीम से बाहर रखना पड़ेगा।
धोनी ने कहा, "अब तक मैंने जितने भी फैसले लिए हैं उनमें यह सबसे कड़ा फैसला हो सकता है। टीम की जरूरत के हिसाब से एक अच्छा फैसला लेना होगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय गेंदबाज शॉर्ट पिच गेंदों का सामना करने को तैयार हैं, धोनी ने कहा, "शॉर्ट पिच गेंदें जितना हमें परेशान करती हैं उतना अन्य टीमों को भी परेशान करती हैं। यह निर्भर करता है कि आपके गेंदबाज कितने तेज हैं। मैं यदि गेंदबाजी करूंगा तो शार्ट पिच गेंदों पर निर्भर नहीं करूंगा लेकिन यदि कोई गेंदबाज 145-50 की गति से शार्ट पिच गेंद फेंकता है तो वह निश्चित तौर पर इसका लाभ लेने का प्रयत्न करेगा।"
उन्होंने कहा कि मैच से पूर्व ऑस्ट्रेलियाई हमेशा शार्ट पिच गेंदों का जिक्र छेड़ते हैं और हमारे लिए इसमें नया कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के शीर्ष चार बल्लेबाज अपने अनुरूप खेलें।
धोनी ने इससे पहले आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच का मुआयना किया और क्यूरेटर से बात भी की। मैच की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, "हम मैच में पांच गेंदबाजों के साथ उतरेंगे। लेकिन सुबह पिच देखने के बाद ही कोई फैसला करेंगे। पिच देखने के बाद ही तय होगा कि दो स्पिन और तीन तेज गेंदबाजों को खिलाया जाए या नहीं।"
उन्होंने कहा कि यह हालांकि आसान फैसला नहीं होगा क्योंकि इसके लिए उन्हें वीरेंद्र सहवाग या युवराज सिंह में से किसी एक को टीम से बाहर रखना पड़ेगा।
धोनी ने कहा, "अब तक मैंने जितने भी फैसले लिए हैं उनमें यह सबसे कड़ा फैसला हो सकता है। टीम की जरूरत के हिसाब से एक अच्छा फैसला लेना होगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय गेंदबाज शॉर्ट पिच गेंदों का सामना करने को तैयार हैं, धोनी ने कहा, "शॉर्ट पिच गेंदें जितना हमें परेशान करती हैं उतना अन्य टीमों को भी परेशान करती हैं। यह निर्भर करता है कि आपके गेंदबाज कितने तेज हैं। मैं यदि गेंदबाजी करूंगा तो शार्ट पिच गेंदों पर निर्भर नहीं करूंगा लेकिन यदि कोई गेंदबाज 145-50 की गति से शार्ट पिच गेंद फेंकता है तो वह निश्चित तौर पर इसका लाभ लेने का प्रयत्न करेगा।"
उन्होंने कहा कि मैच से पूर्व ऑस्ट्रेलियाई हमेशा शार्ट पिच गेंदों का जिक्र छेड़ते हैं और हमारे लिए इसमें नया कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के शीर्ष चार बल्लेबाज अपने अनुरूप खेलें।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं