यह ख़बर 17 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

स्वीकार करना होगा कि सचिन अब उपलब्ध नहीं हैं : महेंद्र सिंह धोनी

जोहानिसबर्ग:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को कहा कि उनकी युवा टीम को यह सचाई स्वीकार करनी होगी कि दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अब उपलब्ध नहीं हैं और उन्हें इससे आगे निकलकर अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारतीय क्रिकेट में तेंदुलकर के बाद का युग कल शुरू होगा, जब भारत पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका का सामना करेगा। भारतीय बल्लेबाजों के जज्बे की यहां अग्निपरीक्षा होगी।

धोनी ने पहले टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कहा, 'भारत में हमने जो आखिरी टेस्ट मैच खेला था तो तब यह पक्का था कि सचिन अब किसी अंतरराष्ट्रीय शृंखला के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। उनका टीम में होना हमेशा अच्छा रहा लेकिन अब वह टीम में नहीं हैं और इसलिए हमें अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हम यह सचाई स्वीकार करके आगे बढ़ चुके हैं।'

यह नवंबर 1996 के बाद पहला अवसर है जबकि तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली में से कोई भी भारतीय बल्लेबाजी क्रम में शामिल नहीं है। भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में पिछली दोनों शृंखलाओं में सभी मैच गंवाएं हालांकि घरेलू सरजमीं पर उसने लगातार जीत दर्ज की।

धोनी ने कहा, 'प्रत्येक शृंखला नई शुरुआत होती है। खुद पर अतिरिक्त बोझ डालने का कोई तुक नहीं बनता है। यह परिस्थितियों से तालमेल बिठाना और टीम की जरूरत के हिसाब से खेलना है। टीम में कई युवा खिलाड़ी हैं जिन्हें टेस्ट स्तर पर प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा। इसलिए यह हमारे लिए बहुत बड़ा सकारात्मक पहलू है।'

धोनी ने कहा, 'बेनोनी में हम पहले दिन बल्लेबाजी कर सकते थे और विरोधी टीम को गीली आउटफील्ड पर क्षेत्ररक्षण के लिए कह सकते थे। लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता क्योंकि उनका भी प्रथम श्रेणी सत्र चल रहा है। कोई भी चोटिल नहीं होना चाहता इसलिए यह दोनों टीमों के लिए अच्छा रहा कि मैच रद्द कर दिया गया। हमने विकेट पर अभ्यास किया और उसका अधिक से अधिक फायदा उठाने की कोशिश की।'

एक-दिवसीय शृंखला में लचर प्रदर्शन के बारे में धोनी ने कहा कि छोटी शृंखला होने के कारण उन्हें वापसी का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा, 'वन-डे शृंखला में भी हम अच्छे प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त थे, लेकिन पहले दोनों मैच में हमने कई शाट खेले और अक्सर गेंद क्षेत्ररक्षक के पास गई। यह निराशाजनक है, लेकिन छोटी शृंखला में आपके पास वापसी का मौका नहीं होता है।'

धोनी ने कहा, 'लेकिन हमें उस शृंखला से काफी कुछ सीखने को मिला। जैसे कि गेंद कहां पिच करानी है और बल्लेबाजी करते समय कौन सी गेंद छोड़नी है। इसलिए कुल मिलाकर हमारी तैयारियां अच्छी हैं और अब केवल अलग अलग खिलाड़ियों को परिस्थितियों के हिसाब से खेलना है।'

भारतीय कप्तान ने वांडर्स के विकेट के बारे में कहा, 'यहां का विकेट शुरू में निश्चित तौर पर तेज गेंदबाजों को मदद करेगा। गेंदबाजों ने यहां अच्छी लेंथ पकड़ ली है क्योंकि उन्होंने यहां वन-डे मैच खेला था। इसलिए नई गेंद से बेहतर गेंदबाजी करना महत्वपूर्ण है। शुरू में विकेट मिलने से मध्यक्रम पर दबाव बनाया जा सकता है।'

धोनी ने अंतिम एकादश के बारे में नहीं बताया, लेकिन संकेत दिए कि उनके दो गेंदबाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा, 'मध्यक्रम के हमारे बल्लेबाजों ने घरेलू क्रिकेट और जब भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला तब उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह उनके लिये नयी चुनौती है और उन्हें अब भारत के बाहर टेस्ट क्रिकेट खेलने का बहुत अधिक अनुभव मिलेगा।'

धोनी को उम्मीद है कि अनुभवी जहीर खान गेंदबाजी की अगुवाई करने के अलावा युवा तेज गेंदबाजों को भी सीख देंगे। उन्होंने कहा, 'जहीर को काफी अनुभव है। इसके साथ ही वह गेंदबाजी की अगुवाई करते हुए युवा गेंदबाजों के लिए गाइड का काम भी करेंगे। अश्विन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि उन्हें यहां उपमहाद्वीप जैसी मदद नहीं मिलेगी। वह पहली पारी में जिस तरह से गेंदबाजी करेंगे वह यहां दूसरी पारी में गेंदबाजी करने से भिन्न होगा।'

धोनी ने बल्लेबाजी के बारे में कहा, 'जब सीनियर टीम का हिस्सा थे तो हम तैयारियों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं रहते थे क्योंकि लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से आप अपने खेल और विभिन्न परिस्थितियों में खेलना जानते हो।'

उन्होंने कहा, 'उन्होंने (सचिन, राहुल, लक्ष्मण) ने इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का कई बार दौरा किया है इसलिए उनकी मूल तैयारियां पूरी रहती थी। लेकिन युवा खिलाड़ियों को यह भी बताना होता है कि उन्हें क्या करने की जरूरत है और किन विभागों में सुधार की जरूरत है।'

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धोनी से पूछा गया कि नंबर चार पर कौन बल्लेबाजी करेगा, 'इंतजार करो और देखो।'