टीम इंडिया को क्यों ना मिले टर्निंग ट्रैक, क्यों न हो घरेलू मैदान का फायदा?

टीम इंडिया को क्यों ना मिले टर्निंग ट्रैक, क्यों न हो घरेलू मैदान का फायदा?

विराट कोहली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

मोहाली टेस्ट में सारा फ़ोकस पिच पर है। कप्तान विराट कोहली के क्यूरेटर दलजीत सिंह के पांव छूने से लेकर टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री के पिच को लेकर बयान सुर्ख़ियां बना रहे हैं। टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री कहते हैं, 'पिच कैसी बने इससे क्यूरेटर का कोई लेना देना नहीं है। ये क्रिकेट इतिहास का हिस्सा रहा है।

दक्षिण अफ़्रीका या ऑस्ट्रेलिया में आप पहले दिन से टर्निंग ट्रैक की उम्मीद नहीं करते। इंग्लैंड में इंग्लैंड टीम तब जगी जब वो पहला टेस्ट हार गई और उसका बदलाव देखने को भी मिला। बड़ा बदलाव।'

यही नहीं पूर्व कप्तान कपिल देव भी रवि शास्त्री की तरफ़दारी करते हैं। वो कहते हैं, 'सीरीज़ का नतीजा काफ़ी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि पिच कैसी बनती है। अगर दक्षिण अफ़्रीका के मुताबिक पिच बनती है तो भारत को मुश्किल होगी। लेकिन अगर भारतीय टीम के हिसाब से पिच बनेगी तो हम जीत सकते हैं।'

मोहाली टेस्ट अब दो दिन दूर खड़ा है। टी20 और वनडे सीरीज़ में हार के बाद टेस्ट से पहले कम से कम एक बात तय मानी जा रही है - कि भारतीय टीम मैनेजमेंट पिच को लेकर कोई रियायत नहीं बरतना चाहती। लेकिन सबको ये भी मालूम है कि सामने है दुनिया की नंबर वन टीम - ऐसे में बड़े दावे भी नहीं किए जा रहे।

यानी मोहाली टेस्ट में खिलाड़ियों को टर्निंग ट्रैक ही मिलेगा, ये बात क़रीब-क़रीब तय हो गई है। टीम मैनेजमेंट के साथ कई पूर्व क्रिकेटर और एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसमें कोई ग़लत बात भी नहीं है। घरेलू टीम को घरेलू मैदान का फ़ायदा मिलता ही है।

मेहमान दक्षिण अफ़्रीकी टीम को इस बात का अच्छी तरह अंदाज़ा है कि दुनिया में नंबर 1 टीम होने के बावजूद भारतीय पिच और हालात उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। उनकी एक बड़ी मुश्किल ये है कि भारत के नंबर 1 स्पिनर आर. अश्विन वापसी के लिए तैयार हैं। मेहमान टीम उनका तोड़ ढूंढने की कोशिश में है।

फ़ैफ़ डू प्लेसी कहते हैं, 'वो (अश्विन) भारत के लिए दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा ख़तरा हैं। लेकिन हम उनके ख़िलाफ़ बहुत अच्छी योजना के साथ आएंगे। मुझे अपनी बैटिंग यूनिट पर पूरा भरोसा है। जबकि रवि शास्त्री कहते हैं कि अश्विन शानदार गेंदबाज़ी कर रहे हैं और अगर दक्षिण अफ़्रीकी टीम अश्विन पर फ़ोकस करेगी तो टीम के बाक़ी के दो स्पिनर्स उन्हें हैरान कर सकते हैं।

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टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री इस बात पर ज़ोर देते रहे हैं कि टीम इंडिया की औसत उम्र क़रीब 25 साल है और ये टीम सकारात्मक क्रिकेट खेलकर जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। अगर ऐसा हो पाता है तो कोहली एंड कंपनी एक और इतिहास कायम करेगी।