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क्या गौतम गंभीर की वजह से जसप्रीत बुमराह नहीं बन पा रहे भारत के अगले टेस्ट कप्तान ? सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

Jasprit Burmah vs Shubman Gill:  अगर बुमराह को कप्तान नहीं बनाया गया है तो गंभीर-गिल की जोड़ी और गुजरात के इस तेज गेंदबाज पर ही टीम को सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी होगी.

क्या गौतम गंभीर की वजह से जसप्रीत बुमराह नहीं बन पा रहे भारत के अगले टेस्ट कप्तान ? सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
Jasprit Burmah vs Shubman Gill as Captain:

Jasprit Burmah vs Shubman Gill:  भारतीय टीम की कप्तानी की दौड़ में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Burmah) सबसे आगे थे लेकिन सिडनी में चार जनवरी की दुर्भाग्यपूर्ण सुबह के बाद से वह धीरे धीरे पिछड़ते चले गए. कप्तानी की भूमिका उनके लिए ही थी लेकिन कुछ महीने पहले वह पीठ के स्कैन के लिए चुपचाप सिडनी क्रिकेट मैदान से चले गए थे. बुमराह की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट में भारत की जीत की जरा सी भी उम्मीद धूमिल हो गई लेकिन इस चोट ने भारत के दीर्घकालिक टेस्ट कप्तान बनने की उनकी संभावनाओं को भी झटका दिया.

पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने अपने आधिकारिक ‘एक्स' हैंडल पर लिखा, ‘‘मैं हैरान हूं कि हम टेस्ट कप्तान के रूप में बुमराह के अलावा किसी और विकल्प पर विचार कर रहे हैं. उनकी चोटों के बारे में चिंतित हैं? तो अपने उप-कप्तान को सावधानी से चुनें. ''

सिद्धिविनायक मंदिर में पूजा करने के लिए मुंबई पहुंचे मुख्य कोच गौतम गभीर (Gautam Gambhir) की मौजूदगी ने अफवाहों को हवा दे दी कि शुभमन गिल (Shubman Gill) अब भी नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार नहीं हैं. कुछ दिन पहले मुख्य कोच के साथ दिल्ली में नए कप्तान की लंबी बैठक के बाद चयनकर्ताओं या गंभीर के अपने रुख से पीछे हटने की बहुत कम संभावना है. 

पर ऐसी अफवाहें थीं कि भारतीय क्रिकेट को चलाने वाले प्रभावशाली लोग गिल की अचानक पदोन्नति से खुश नहीं हैं, लेकिन यह मानना ​​पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण होगा कि पंजाब के बल्लेबाज को अगले टेस्ट कप्तान के रूप में चुने जाने से पहले इन ताकतवर लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया था. 

बुमराह अब 31 साल के हो चुके हैं और ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां भारतीय टीम की स्थायी कप्तानी दूर का सपना लग सकता है और जानकारों की राय के आधार पर उनके लिए लगातार पांच टेस्ट खेलना मुश्किल होगा. 

बुमराह की बात की जाए तो चयनकर्ताओं के पास बहुत ही सहज नेतृत्व मौजूद था लेकिन उनकी चिंता भी समझ में आती है क्योंकि ब्रेकडाउन की स्थिति में क्या होता. मैदान पर होने वाली चोटों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है लेकिन स्ट्रेस फ्रैक्चर (पीठ), साइड स्ट्रेन, घुटने और हैमस्ट्रिंग से जुड़ी परेशानियां जो तेज गेंदबाजों को होती हैं, ये सभी फिटनेस से जुड़ी समस्याओं का हिस्सा हैं. 

सिडनी में जनवरी की एक सुबह चोट लगने के कारण बुमराह तीन महीने के लिए बाहर हो गए.  इससे पहले 2022 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप से ठीक पहले मैदान पर ब्रेकडाउन के कारण वह 11 महीने तक खेल से बाहर रहे.

ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि बुमराह इस फैसले को किस तरह लेते हैं. बेशक युवा कप्तान गिल और अनुभवी ड्रेसिंग रूम के प्रमुख गंभीर को यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक सतर्कता की जरूरत होगी कि बुमराह को वह सम्मान मिले जिसके वह हकदार हैं.

यह छुपा नहीं है कि गंभीर स्टार संस्कृति के प्रशंसक नहीं हैं और उनका मानना ​​है कि टीम के माहौल में सभी बराबर होते हैं. लेकिन अगर यह धारणा सच भी हो तो भी हमेशा एक खिलाड़ी ऐसा होगा जो बराबर से भी बढ़कर होगा और उसे आगे बढ़ने के लिए थोड़ी अतिरिक्त छूट की आवश्यकता होगी.  अगर कोई मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम को देखे तो सभी परिस्थितियों में केवल दो ही असली मैच विजेता हैं, वो हैं बुमराह और ऋषभ पंत. 

अगर बुमराह को कप्तान नहीं बनाया गया है तो गंभीर-गिल की जोड़ी और गुजरात के इस तेज गेंदबाज पर ही टीम को सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी होगी.  बुमराह को बहुत ज्यादा तकनीकी मदद की जरूरत नहीं है क्योंकि रविचंद्रन अश्विन की तरह यह गेंदबाज भी अपनी कला को लेकर बहुत आश्वस्त है.  उसे कोचिंग की जरूरत नहीं है लेकिन यह समझने की जरूरत है कि वह कैसे काम करता है. 

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