11वें वर्ल्ड कप में कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की अगुआई में टीम इंडिया ने आयरलैंड को हराकर वर्ल्ड कप में लगातार नौवीं जीत हासिल की।
इसके साथ ही कप्तान धोनी ने वर्ल्ड कप में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के वर्ल्ड कप में लगातार आठवीं जीत के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। कप्तान धोनी क्रिकइन्फ़ो की मासिक पत्रिका 'द क्रिकेट मंथली' के वनडे के महानतम क्रिकेटरों की रेस में शामिल पांच खिलाड़ियों में से एक थे। वह इस रेस में सर विवियन रिचर्ड्स से पिछड़ गए। सर विवियन रिचर्ड्स को दुनिया का महानतम वनडे क्रिकेटर चुन लिया गया, लेकिन इसे लेकर शायद ही किसी क्रिकेटर या फ़ैन्स को शिकायत होगी।
सर विवियन रिचर्ड्स को 179 प्वाइंट्स हासिल हुए जबकि सचिन तेंदुलकर को 68, वसीम अकरम को 66, एडम गिलक्रिस्ट को 29 और एमएस धोनी को 25 प्वाइंट्स. क्लाइव लॉयड, इयन चैपल, राहुल द्रविड़, रिकी पॉन्टिंग, ग्रेम स्मिथ जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के अलावा टोनी कोज़ियर, मार्क निकोलस और संजय मांजरेकर जैसे कॉमेन्टेटर्स और गिडियन हेग, मार्क कॉवर्ड, सुरेश मेनन और माइक सेल्वी जैसे क्रिकेट लेखकों की एलीट 50 सदस्यों की ज्यूरी ने रिचर्ड्स को बेझिझक आधे से ज़्यादा वोट दिए। 50 में से 29 ज्यूरी की पहली पसंद रिचर्ड्स ही बने और उन्हें 58 फ़ीसदी वोट हासिल हुए।
सत्तर और अस्सी के दशक में रिचर्ड्स दुनिया के बाक़ी क्रिकेटरों से मीलों आगे रहे। तब न तो बड़े बल्ले का चलन था और न ही छोटे मैदान थे। मगर रिचर्ड्स अपने हुनर और पावर से विपक्षी गेंदबाज़ों के दिल में खौफ़ पैदा करते रहे।
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो कहते हैं कि रिचर्ड्स तीसरे और चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए 90 के स्ट्राइक रेट और 47 के औसत से खेलते रहे। वह कहते हैं कि रिर्चर्ड्स की 1984 में मैनचेस्टर में खेली गई नाबाद 189 रनों की पारी अब तक की बेहतरीन पारी कही जा सकती है।
किसी भी टीम के ख़िलाफ़ रिचर्ड्स का च्विंगम चबाते हुए क्रीज़ पर जमना क्रिकेट फ़ैन्स के सबसे यादगार लम्हों में शामिल हैं। क्रिकइन्फ़ो को दिए गए एक इंटरव्यू में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ रॉडनी हॉग कहते हैं कि अगर आप उन्हें मिडिल और लेग स्टंप पर डालें तो उनका बल्ला गेंद को मिडविकेट और मिडऑन के बीच से निकाल देता था और अगर आप उन्हें ऑफ़ स्टंप या उसके बाहर गेंद डालते तो रिचर्ड्स का बल्ला उसे मिड ऑफ़ और कवर का रास्ता दिखा देता था। वो मानते हैं कि रिचर्ड्स के सामने दुनियाभर के गेंदबाज़ हतप्रभ रहते थे।
187 वनडे मैचों में 11 शतक और 45 अर्द्धशतकीय पारियों के साथ 6721 रन बनाने वाले रिचर्ड्स का जलवा टेस्ट मैचों में भी कम नहीं था। सर विवियन रिचर्ड्स ने 121 टेस्ट मैचों में 24 शतक और 45 अर्द्धशतकों के सहारे 8540 रन बनाए यानी क्रिकेट के हर फ़ॉमैर्ट में सर रिचर्ड्स किंग की तरह छाये रहे। उन्हें लिमिटेड ओवर क्रिकेट का शहंशाह चुनकर क्रिकेट की दुनिया ने उन्हें शानदार सलामी दी है।
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