यह ख़बर 12 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हमें भारतीय क्रिकेट टीम के साथ धैर्य रखना होगा : सुनील गावस्कर

नई दिल्ली:

भारत को चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ पारी की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, जिससे टेस्ट क्रिकेट में विदेशी सरजमीं पर उसका खराब प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर युवा खिलाड़ियों की आलोचना करने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उन पर भरोसा रखें।

गावस्कर ने कहा, टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, क्योंकि दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने कुछ साल पहले संन्यास ले लिया। इन युवाओं के लिए उनकी जगह लेना मुश्किल है। हमें उनके साथ थोड़ा धैर्य रखना होगा। उन्होंने कहा, मैं सहमत हूं कि भारत पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में जूझ रहा है। लेकिन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की मौजूदगी में भी भारत 2011 में इंग्लैंड से 0-4 से हार गया था और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया से भी इसी अंतर से हारा। इसलिए मैं मौजूदा खिलाड़ियों पर अंगुली नहीं उठाऊंगा। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर मोइन अली ने ओल्ड ट्रैफर्ड में दूसरी पारी में 39 रन देकर चार विकेट चटकार भारतीय हार की नींव रखी, लेकिन गावस्कर यह मानने को तैयार नहीं हैं कि भारतीय अब स्पिन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नहीं हैं।

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गावस्कर ने कहा, विराट कोहली का विकेट लेने वाली गेंद को छोड़कर मैं यह नहीं कहूंगा कि मोइन ने कुछ असाधारण गेंदे फेंकी या उसकी गेंद काफी स्पिन हुई। बात सिर्फ इतनी-सी थी कि भारतीय उसके खिलाफ रन बनाना चाहते थे, क्योंकि दूसरे छोर से जेम्स एंडरसन जैसे गेंदबाजों पर चौके नहीं पड़ रहे थे। गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, उन्होंने सोचा कि वे मोइन के खिलाफ कुछ आसान रन बना सकते हैं। अगर आपको एक छोर से रन नहीं मिलते तो स्वाभाविक है कि आप दूसरे छोर से रन बनाने की कोशिश करते हो। क्रिकेट में ऐसा होता है और ऐसा करने की कोशिश में आप आउट हो सकते हो। भारतीयों के साथ ऐसा ही हुआ।