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This Article is From Mar 25, 2015

धोनी के करियर की सबसे मुश्किल चुनौती : जग जीतेंगे माही...?

नई दिल्ली : बात 2007 की है, टीम इंडिया के लिए हालात इससे बुरे ही थे। कैरेबियाई (वन-डे) वर्ल्ड कप में हार के बाद टीम इंडिया एक नाउम्मीदी के साथ दक्षिण अफ्रीका में टी-20 वर्ल्ड कप खेल रही थी। टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल में टीम इंडिया की टक्कर ऑस्ट्रेलिया से ही थी, और अभी की तरह ज़्यादातर जानकार तब ऑस्ट्रेलियाई टीम को खिताब का मज़बूत दावेदार मान रहे थे, और इस बात का ज़िक्र खिताब जीतने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कॉमेन्टेटर रवि शास्त्री से किया भी था।

डरबन में हुए टी-20 के उस सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 20 ओवर में 189 रनों का लक्ष्य रखा था, और एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन, ब्रैड हॉज, एंड्रयू सायमंड्स, माइकल हसी, माइकल क्लार्क, ब्रैड हैडिन, मिचेल जॉनसन, ब्रेट ली, नाथन ब्रैकन और स्टुअर्ट क्लार्क जैसे दिग्गजों से भरी टीम माही की सेना से फिर भी मात खा गई थी।

इस बार करीब चार महीने से ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई टीम इंडिया का प्रदर्शन वर्ल्ड कप के दौरान ही बेहतर होना शुरू हुआ। यहां तक कि टीम की कमज़ोर कड़ी मानी जा रही गेंदबाज़ी ने सात मैचों में सत्तर विकेट झटके तो टीम इंडिया के बल्लेबाज़ अचानक रंग में दिखने लगे। फिर भी कई जानकार पलड़ा अब भी ऑस्ट्रेलिया का ही कुछ भारी मान रहे हैं, लेकिन इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन के शब्दों में माही वर्ल्ड कप जीतने का हुनर जानते हैं। माही माने मैजिक, माही माने मिडास टच, सो, क्या माही एक बार फिर अपना जादू दिखा सकेंगे...?

भारत ने वर्ष 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीता था, लेकिन चार साल बाद 1987 में हुए रिलायंस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को चेन्नई में सिर्फ 1 रन से शिकस्त देने में कामयाबी पाई। उस हार की टीस क्रिकेट के मैदान पर आज भी महसूस की जाती है, लेकिन इस बार दोनों टीमें कई मायनों में बराबरी की नज़र आ रही है। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण कहते हैं कि बल्लेबाज़ी के लिहाज़ से दोनों टीमों का बैलेंस एक-सा है। लक्ष्मण मानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के पास अनुभव ज़्यादा है, लेकिन वह कहते हैं कि टीम इंडिया के गेंदबाज़ों ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है और सिडनी में मैच वही टीम जीतेगी, जिसकी गेंदबाज़ी बेहतर होगी।

कई मायनों में टीम इंडिया, खासकर कप्तान एमएसडी के लिए यह मैच ऐतिहासिक है। माही ने एक नहीं, कई बार भारतीय क्रिकेट के इतिहास पर सुनहरे दस्तख़त किए हैं। टीम इंडिया के सवा सौ करोड़ फैन्स दुआएं कर रहे हैं। माही के सामने एक बार फिर मुश्किल हालात में खुद को सबसे बड़ा चैम्पियन साबित करने का मौका है। दरअसल माही ही दोनों टीमों के बीच का बड़ा फर्क हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एक भी कमज़ोरी दिखाई तो माही उन्हें बुरी तरह दबोच लेंगे।

यह माही के करियर की सबसे मुश्किल चुनौती मानी जा सकती है। ख़ासकर इसलिए, क्योंकि यह धोनी के करियर का आखिरी वन-डे वर्ल्ड कप होगा। धोनी अब जीते तो जग जीत लेंगे। माही की अगुआई में टीम इंडिया ने ऐतिहासिक मंज़िलें तय की हैं। इसमें कोई शक नहीं कि माही का जादू चला तो टीम इंडिया एक और इतिहास कायम करेगी।

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