भारतीय टीम के 43 वर्षीय पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने एक बार फिर से अपने पुराने दिनों को याद किया है. उन्होंने बताया है कि कैसे उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जानें के बाद उन्हें ठेस पहुंची थी. दरअसल साल 2008 सहवाग के लिए बेहद बुरा गुजर रहा था. उनके पिछले तीन चार मुकाबलों में लगातार फ्लॉप होने के बाद कैप्टन धोनी ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने का फैसला लिया. धोनी के इसी फैसले से सहवाग काफी आहत नजर आए और उन्होंने वनडे प्रारूप से संन्यास लेने का ही निर्णय ले लिया, लेकिन सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के मनाने के बाद उन्होंने अपने इस फैसले को बदल दिया.
पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, '2008 में जब हम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे, मेरे जेहन में रिटायरमेंट लेने का विचार आया था. मैंने टेस्ट श्रृंखला में धमाकेदार अंदाज में वापसी की थी. उस दौरान मैंने 150 रन की पारी खेली थी, लेकिन वनडे में मैं पिछले तीन चार मुकाबलों से फ्लॉप चल रहा था. इस वजह से धोनी ने मुझे प्लेइंग इलेवन से बाहर करने का फैसला लिया था. उनके इस फैसले से मैं इतना आहत था कि वनडे क्रिकेट से संन्यास लेना चाहता था. मैंने सोचा अब केवल टेस्ट प्रारूप पर ध्यान लगाऊंगा.'
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सहवाग ने आगे बताया कि इस दौरान सचिन ने मुझे यह फैसला लेने से रोका था. उनहोंने बताया, 'सचिन ने उस वक्त मुझे यह फैसला लेने से रोका था. उस दौरान उन्होंने मुझे समझाते हुए कहा कि यह जीवन का एक बुरा दौर है. अपने आप को संभालिए और घर जानें के बाद इस मसले पर अच्छे से विचार कीजिए और फिर कोई निर्णय लीजिए. इस तरह मैंने उस वक्त अपने संन्यास के फैसले को बदल दिया था.'
बता दें सहवाग ने अपना आखिरी वनडे मुकाबला तीन जनवरी साल 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता में खेला था. इस मुकाबले में उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए 43 गेंद में 31 रन की पारी खेली थी. इस मुकाबले में भारतीय टीम के लिए वह दूसरे सर्वोच्च स्कोरर रहे थे.
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