अजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा दोनों ही इस समय चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे, दोनों इस समय चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर हैं. इनकी गैरमौजूदगी में आजमाए गए करुण नायर ने चेन्नई में तिहरा शतक बनाकर न सिर्फ इतिहास रचा, बल्कि टीम में अपनी जगह कम से कम कुछ माह तक तो निश्चित कर ली है. बात यहीं खत्म हो जाती तो ठीक थी. चोट के कारण इस साल टेस्ट टीम से अंदर-बाहर रहे केएल राहुल ने भी चेन्नई टेस्ट में 199 रन बनाकर कप्तान-कोच का दिल जीता है. ऐसे में बल्लेबाजी के लिहाज से टीम का बैलेंस अब ऐसा है कि इसमें रोहित या अजिंक्य के लिए जगह बनना (कम के कम कुछ समय तक) बेहद मुश्किल है. यह स्थिति तब है जब अजिंक्य और रोहित दोनों ने इस साल टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया है. गौरतलब है कि अजिंक्य टीम के अहम सदस्य होने के साथ ही विदेश में शानदार बल्लेबाजी से अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं.
अजिंक्य रहाणे का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 32, रन 2272, सर्वोच्च 188, औसत 47.33, शतक 8
रहाणे का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 10, रन 653, सर्वोच्च 188, औसत 54.41,शतक 2
रोहित शर्मा का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 21 , रन 1184, सर्वोच्च177, औसत 37.00, शतक 2
रोहित का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 5 , रन 288, सर्वोच्च 82, औसत 57.60 ,शतक 0
केएल राहुल का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 12 , रन 795 , सर्वोच्च 199, औसत 41.84, शतक 4
राहुल का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 7 , रन 539, सर्वोच्च 199, औसत 59.88 ,शतक 2
भारत-इंग्लैंड सीरीज में उतरी प्लेइंग इलेवन पर नजर डालें तो आप टीम मैनेजमेंट की दुविधा का अंदाजा लगा सकते हैं- मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, करुण नायर, पार्थिव पटेल/ऋद्धिमान साहा, आर.अश्विन, रवींद्र जडेजा, जयंत यादव/अमित मिश्रा, ईशांत शर्मा/मो.शमी/भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव. इनमें से लगभग हर खिलाड़ी ने अंतिम 11 खिलाड़ियों में अपनी मौजूदगी को साबित किया है. विजय और राहुल को ओपनिंग के लिए आदर्श माना जा सकता है. वैसे भी, इनमें से किसी के 'फेल' होने पर शिखर धवन और गौतम गंभीर जैसे नियमित ओपनरों को ही संभवत: टीम में जगह मिलेगी.
रोहित या रहाणे के लिए फिलहाल प्लेइंग इलेवन में संभावना तभी बनती है जब किसी ओपनर के फ्लॉप या चोटिल होने की स्थिति में उन्हें ओपनिंग (या विकेटकीपर पार्थिव पटेल को) में आजमाया जाए. चार गेंदबाज के साथ उतरना भी इसका एक विकल्प हो सकता है, लेकिन कप्तान कोहली ने अब तक पांच गेंदबाजों के साथ ही उतरने की आक्रामक रणनीति अपनाई है और इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं. इंडीज के खिलाफ सीरीज में चेतेश्वर पुजारा को कुछ मैचों के लिए बाहर बैठाया गया, लेकिन न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद वे नंबर-3 पर बैटिंग की निर्विवाद पसंद हैं. करुण नायर ने भी तिहरे शतक से अपनी पोजीशन को लगभग लॉक कर दिया है. छठे नंबर पर विकेटकीपर के तौर पर पार्थिव या साहा और फिर गेंदबाजों की लाइन शुरू हो जाती है.
दूसरे शब्दों में कहें तो बैटिंग के बजाय फिलहाल गेंदबाजी में ही विकेट के मिजाज के अनुसार बदलाव की गुंजाइश है. मसलन टीम इंडिया के विदेश में खेलने की स्थिति में तीन तेज गेंदबाज चुने जा सकते हैं और देश में खेलने की स्थिति में तीन स्पिनर. तीन स्पिन गेंदबाज खिलाए जाने की स्थिति में अश्विन, जडेजा की जगह तो पक्की है. तीसरे स्पिनर के लिए जयंत यादव/अमित मिश्रा के बीच होड़ होगी और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ऑलराउंडर प्रदर्शन और उम्र कम होने के कारण जयंत का दावा मजबूत है. इसी तरह तीन तेज गेंदबाज उतारे जाने की स्थिति में मो.शमी और उमेश यादव फ्रंट रनर हैं जबकि एक अन्य स्थान के लिए ईशांत/भुवी में होड़ होने की संभावना है... बस संकट तो रोहित और अजिंक्य पर ही है...
अजिंक्य रहाणे का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 32, रन 2272, सर्वोच्च 188, औसत 47.33, शतक 8
रहाणे का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 10, रन 653, सर्वोच्च 188, औसत 54.41,शतक 2
रोहित शर्मा का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 21 , रन 1184, सर्वोच्च177, औसत 37.00, शतक 2
रोहित का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 5 , रन 288, सर्वोच्च 82, औसत 57.60 ,शतक 0
केएल राहुल का टेस्ट प्रदर्शन: मैच 12 , रन 795 , सर्वोच्च 199, औसत 41.84, शतक 4
राहुल का वर्ष 2016 का प्रदर्शन: मैच 7 , रन 539, सर्वोच्च 199, औसत 59.88 ,शतक 2
भारत-इंग्लैंड सीरीज में उतरी प्लेइंग इलेवन पर नजर डालें तो आप टीम मैनेजमेंट की दुविधा का अंदाजा लगा सकते हैं- मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, करुण नायर, पार्थिव पटेल/ऋद्धिमान साहा, आर.अश्विन, रवींद्र जडेजा, जयंत यादव/अमित मिश्रा, ईशांत शर्मा/मो.शमी/भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव. इनमें से लगभग हर खिलाड़ी ने अंतिम 11 खिलाड़ियों में अपनी मौजूदगी को साबित किया है. विजय और राहुल को ओपनिंग के लिए आदर्श माना जा सकता है. वैसे भी, इनमें से किसी के 'फेल' होने पर शिखर धवन और गौतम गंभीर जैसे नियमित ओपनरों को ही संभवत: टीम में जगह मिलेगी.
रोहित या रहाणे के लिए फिलहाल प्लेइंग इलेवन में संभावना तभी बनती है जब किसी ओपनर के फ्लॉप या चोटिल होने की स्थिति में उन्हें ओपनिंग (या विकेटकीपर पार्थिव पटेल को) में आजमाया जाए. चार गेंदबाज के साथ उतरना भी इसका एक विकल्प हो सकता है, लेकिन कप्तान कोहली ने अब तक पांच गेंदबाजों के साथ ही उतरने की आक्रामक रणनीति अपनाई है और इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं. इंडीज के खिलाफ सीरीज में चेतेश्वर पुजारा को कुछ मैचों के लिए बाहर बैठाया गया, लेकिन न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद वे नंबर-3 पर बैटिंग की निर्विवाद पसंद हैं. करुण नायर ने भी तिहरे शतक से अपनी पोजीशन को लगभग लॉक कर दिया है. छठे नंबर पर विकेटकीपर के तौर पर पार्थिव या साहा और फिर गेंदबाजों की लाइन शुरू हो जाती है.
दूसरे शब्दों में कहें तो बैटिंग के बजाय फिलहाल गेंदबाजी में ही विकेट के मिजाज के अनुसार बदलाव की गुंजाइश है. मसलन टीम इंडिया के विदेश में खेलने की स्थिति में तीन तेज गेंदबाज चुने जा सकते हैं और देश में खेलने की स्थिति में तीन स्पिनर. तीन स्पिन गेंदबाज खिलाए जाने की स्थिति में अश्विन, जडेजा की जगह तो पक्की है. तीसरे स्पिनर के लिए जयंत यादव/अमित मिश्रा के बीच होड़ होगी और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ऑलराउंडर प्रदर्शन और उम्र कम होने के कारण जयंत का दावा मजबूत है. इसी तरह तीन तेज गेंदबाज उतारे जाने की स्थिति में मो.शमी और उमेश यादव फ्रंट रनर हैं जबकि एक अन्य स्थान के लिए ईशांत/भुवी में होड़ होने की संभावना है... बस संकट तो रोहित और अजिंक्य पर ही है...
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