यह ख़बर 09 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कुछ वक्त के लिए क्रिकेट से दूर हो जाने में ही भलाई है विराट कोहली की...

फाइल चित्र

नई दिल्ली:

वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ कोच्चि में खेले गए शृंखला के पहले एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच विराट कोहली जिस तरह आउट हुए, उससे लगा कि वह इंग्लैंड के दौरे से अकेले लौटकर नहीं आए, बल्कि अपने साथ अपनी बल्लेबाज़ी की खामियों को भी लाए हैं। कोच्चि में उनके खेल को देखकर कतई नहीं लगा कि वह इंग्लैंड में की हुई गलतियों से कुछ सीख पाए हैं।

ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगाना और फिर गेंद का स्लिप में चले जाना मानो अब विराट कोहली की पारी की खासियत हो गई है। पिछले छह महीनों में उनके फॉर्म की गिरावट के आंकड़े साफ बयान करते हैं कि जिस रफ्तार से विराट कोहली शीर्ष पर पहुंचे थे, उतनी ही तेज़ी से वह नीचे भी आ रहे हैं। आंकड़ों में देखें तो विराट ने पिछले छह महीनों में सात वन-डे इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने कुल 61 रन बनाए, और उनका औसत रहा मात्र 12.20 का। इस दौरान टेस्ट मैचों की 10 पारियों में भी उन्होंने सिर्फ 134 रन बनाए।

जानकारों का मानना है कि यदि विराट कोहली क्रिकेट वर्ल्डकप 2015 से पहले ही कुछ दिन खेल से दूर रहें तो अपनी गलतियों को सुधारने की दिशा में काम कर सकते हैं, लेकिन जिस खिलाड़ी पर बाज़ार का करोड़ों रुपया दांव पर लगा हो, जिसे टीम इंडिया का 'भविष्य का कप्तान' माना जा रहा हो, उसे भला टीम से बाहर करने की हिम्मत कौन कर सकता है। वैसे भी, जिस टीम के डायरेक्टर रवि शास्त्री को भी विराट कोहली के फॉर्म की कोई चिंता न दिखाई देती हो, उस टीम में कोहली पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव कितना होगा, यह समझना कतई मुश्किल नहीं।

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दूसरी ओर, विराट कोहली के खराब फॉर्म का असर टीम इंडिया के आंकड़ों पर बेहद स्पष्ट है। अगर टीम इंडिया को क्रिकेट वर्ल्डकप का ताज बचाना है तो उसके लिए कोहली का फॉर्म में आना कितना ज़रूरी है, यह इन आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं...

  • जिन 35 मैचों में विराट कोहली ने 10 से कम रन बनाए हैं, उनमें से 18 मैच भारत हारा है, और 15 जीता है...
  • विराट कोहली ने जब-जब किसी मैच में 50 से ज़्यादा रन बनाए हैं, भारत उनमें से 79 फीसदी मैच जीता है...

सो, सब कुछ आईने की तरह साफ है। क्रिकेट वर्ल्डकप 2015 की तैयारियों के लिए विराट कोहली के पास बहुत कम वक्त बचा है, सो, हमारे विचार से कुछ वक्त क्रिकेट से दूर रहकर अपनी तकनीक पर काम करना ही शायद विराट कोहली के लिए सबसे सही उपाय है।