जयंत यादव ने मोईन अली को अपना पहला टेस्ट शिकार बनाया था (फाइल फोटो)
मोहाली:
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को खुलासा किया कि तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में टॉस और अच्छे विकेट पर पहले बल्लेबाजी का मौका गंवाने के बाद जीत दर्ज करके उनकी टीम को अतिरिक्त प्रेरणा मिली. भारतीय परिस्थितियों में टॉस जीतकर पहले दिन बल्लेबाजी करना काफी फायदेमंद माना जाता है, लेकिन भारतीय टीम ने इसके बावजूद आठ विकेट से जीत दर्ज की. कोहली ने पांच मैचों की सीरीज में 2-0 से बढ़त बनाने के बाद कहा, ‘‘कोई भी पिच टर्न लेने वाली नहीं है.’’
भारतीय कप्तान ने टॉस के बाद इंग्लैंड के प्रशंसकों की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं. हमारा आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है. हमने टॉस गंवा दिया लेकिन उन्हें 280 के आसपास आउट कर दिया. जब उन्होंने टॉस जीता तो मैं दर्शकों के उत्साह से हैरान था. हमने दिखाया कि हम तब भी मैच जीत सकते हैं. वास्तव में इससे हमें प्रेरणा मिली है.’’
उन्होंने तीनों स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन, जयंत यादव और रवींद्र जडेजा की जमकर तारीफ की, जिन्होंने निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी भी की. कोहली ने कहा, ‘‘निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान गौरवशाली उपलब्धि है. इससे विपक्षी टीम बैकफुट पर चली गई. अश्विन चैंपियन हैं. वह नंबर एक ऑलराउंडर हैं. जडेजा शीर्ष दस में हैं और जयंत ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज में परिपक्वता दिखाई है. वह मुझे अपने मनमाफिक क्षेत्ररक्षण के लिए कहता है.’’
इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा कि पहली पारी में 283 रन पर आउट होने से उनकी टीम को झटका लगा. उन्होंने कहा, ‘‘टॉस जीतना अच्छा था, लेकिन यदि आप 280 रन पर आउट हो जाते हो तो आप मैच नहीं जीत सकते. इस पिच पर आपको कम से कम 400 रन की जरूरत थी. हमें पिछली बार का पता था जब हमने उन्हें 300 रन पर आउट करके जीत दर्ज की थी.’’
मैन ऑफ द मैच जडेजा ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं. भारत की पहली पारी में 90 रन बनाने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. विशेषकर बल्ले से किए गए प्रदर्शन से.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता था कि गेंद टर्न नहीं ले रही है. मैंने क्रीज पर थोड़ा समय बिताया. मैं जानता था कि यदि मैं 40-50 गेंद खेल लूंगा तो बड़ी पारी खेल सकता हूं. मैं जानता था कि बाद में रन बनाना आसान हो सकता है. मैं सोच रहा था कि मुझे ऑफ स्पिनर के खिलाफ कोई जोखिम नहीं लेना है. मैंने लेग स्पिनर के सामने जोखिम लिया. दुर्भाग्य से गेंद धीमी थी और वह बल्ले पर सही तरह से नहीं आ पाई.’’
जडेजा ने कहा, ‘‘अगली बार जब मैं 90 पर पहुंच जाऊंगा, तो अधिक सतर्क रहूंगा. पिच से टर्न नहीं मिल रहा था, इसलिए मुझे कसी हुई गेंदबाजी करनी पड़ी.’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय कप्तान ने टॉस के बाद इंग्लैंड के प्रशंसकों की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं. हमारा आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है. हमने टॉस गंवा दिया लेकिन उन्हें 280 के आसपास आउट कर दिया. जब उन्होंने टॉस जीता तो मैं दर्शकों के उत्साह से हैरान था. हमने दिखाया कि हम तब भी मैच जीत सकते हैं. वास्तव में इससे हमें प्रेरणा मिली है.’’
उन्होंने तीनों स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन, जयंत यादव और रवींद्र जडेजा की जमकर तारीफ की, जिन्होंने निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी भी की. कोहली ने कहा, ‘‘निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान गौरवशाली उपलब्धि है. इससे विपक्षी टीम बैकफुट पर चली गई. अश्विन चैंपियन हैं. वह नंबर एक ऑलराउंडर हैं. जडेजा शीर्ष दस में हैं और जयंत ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज में परिपक्वता दिखाई है. वह मुझे अपने मनमाफिक क्षेत्ररक्षण के लिए कहता है.’’
इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा कि पहली पारी में 283 रन पर आउट होने से उनकी टीम को झटका लगा. उन्होंने कहा, ‘‘टॉस जीतना अच्छा था, लेकिन यदि आप 280 रन पर आउट हो जाते हो तो आप मैच नहीं जीत सकते. इस पिच पर आपको कम से कम 400 रन की जरूरत थी. हमें पिछली बार का पता था जब हमने उन्हें 300 रन पर आउट करके जीत दर्ज की थी.’’
मैन ऑफ द मैच जडेजा ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं. भारत की पहली पारी में 90 रन बनाने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. विशेषकर बल्ले से किए गए प्रदर्शन से.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता था कि गेंद टर्न नहीं ले रही है. मैंने क्रीज पर थोड़ा समय बिताया. मैं जानता था कि यदि मैं 40-50 गेंद खेल लूंगा तो बड़ी पारी खेल सकता हूं. मैं जानता था कि बाद में रन बनाना आसान हो सकता है. मैं सोच रहा था कि मुझे ऑफ स्पिनर के खिलाफ कोई जोखिम नहीं लेना है. मैंने लेग स्पिनर के सामने जोखिम लिया. दुर्भाग्य से गेंद धीमी थी और वह बल्ले पर सही तरह से नहीं आ पाई.’’
जडेजा ने कहा, ‘‘अगली बार जब मैं 90 पर पहुंच जाऊंगा, तो अधिक सतर्क रहूंगा. पिच से टर्न नहीं मिल रहा था, इसलिए मुझे कसी हुई गेंदबाजी करनी पड़ी.’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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