Vinod Kambli and Sachin Tendulkar: 'गॉड ऑफ क्रिकेट' के नाम से मशहूर पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बचपन के कोच रहे रमाकांत आचरेकर की स्मृति के अनावरण समारोह में अपने दोस्त विनोद कांबली से मिलते नजर आए. सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है. क्रिकेट फैन्स और आम लोग भी इस वीडियो को देखकर रिएक्ट कर रहे हैं. जो वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है उसमें सचिन खुद से जाकर कांबली से हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर एक बार में कांबली यह समझ नहीं पाते हैं कि आखिर किसने अचानक से उनसे हाथ मिलाया है. जब कांबली को एहसास होता है तो उनके चेहरे पर जो भाव उभर कर आते हैं, उसे देखकर यह समझा जा सकता है कि उनके अंदर कितना दर्द है.
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कांबली, सचिन का हाथ कस कर थाम लेते हैं. फिर एंकर आता है और कांबली को हाथ छोड़ने को लेकर समझाता है . आखिर में फिर सचिन उनसे दूर हो जाते हैं लेकिन कांबली के चेहरे पर आई खामोशी यह बताने के लिए काफी है कि वो सचिन को दिल खोलकर गले लगाना चाहते हैं.
Vinod Kambli
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 18, 2023
Test Matches- 17
Inns- 21
Runs- 1084
Average- 54.20 (The best in India)
HS- 227
100s-4
50s- 3
0 - 1
One bad form and out of the team forever.#SuryakumarYadav badly needs consistency. @BCCI pic.twitter.com/P39WovoXtd
क्यों खो गए कांबली
जब कांबली क्रिकेट की दुनिया में आए थे तो उन्हें सचिन से भी बड़ा टैलेंटेड खिलाड़ी माना जाता था. लेकिन शोहरत आने के बाद कांबली इसे संभाल नहीं पाए. जब कांबली अपने करियर के चरम पर थे तो टीम में उनके खराब व्यवहार की चर्चा होने लगी. कप्तान के साथ मनमुटाव हो या फिर मैदान के बाहर की उनकी आदतें, उनके लिए आगे के रास्ते बंद करने लगे. खुद को गंभीरता से न लेने की गलती कांबली को महंगी पड़ी और टीम से बाहर होते गए. करियर में विनोद कांबली कभी भी नियमित तौर पर टीम में नहीं रहे, यही कारण था कि खराब परफॉर्मेंस और खराब व्यवहार ने इस खिलाड़ी के करियर को तबाह कर दिया. जब टीम से कांबली बाहर गए तो फिर उनकी वापसी मुश्किल होते गई.
Sachin Tendulkar pays a fitting tribute to his childhood coach at the unveiling of his memorial 🙏
— 100MB (@100MasterBlastr) December 3, 2024
The occasion was graced by Former Cricketers and Achrekar sir's pupils Vinod Kambli, Paras Mambhrey, Pravin Amre, Balwinder Singh Sandhu, Sanjay Bangar and Samir Dighe 🤝… pic.twitter.com/quIyP2Hl1o
कमेंटबाजी करना पड़ा महंगा
टीम से बाहर होने के बाद भी कांबली अपनी आदत को बदल नहीं पाए. कांबली ने कई सारे ऐसे बयान दिए जिसने उनके लिए आगे के दरवाजे बंद कर दिए. कांबली के बयान उनके लिए मुसीबत बनते रहे. धीरे-धीरे कांबली की चमक भी खत्म होते गई. क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर भी कांबली ने काम किया लेकिन अपनी बयान के कारण हमेशा विवाद का कारण बनते रहते थे.
सच का सामना, भारतीय हिन्दी कार्यक्रम में सचिन पर लगाया आरोप
एक हिन्दी टीवी शो में कांबली शामिल हुए थे जिसका नाम सच का सामना का था. उस कार्यक्रम में कांबली ने कहा था कि सचिन ने उनकी कोई मदद नहीं की. यदि वो मेरी मदद करते तो शायद मेरे हालात अलग होते. कांबली के इस बयान ने सचिन और उनकी दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया था.
फिल्मों में भी काम किया
धीरे-धीरे कांबली क्रिकेट से दूर होते गए. एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें फिल्मों में भी एक्टिंग करनी चाही लेकिन वहां भी उनकी दाल नहीं गली. आखिर में उन्हें वहां से भी असफल होकर वापस आना पड़ा. कांबली ने टीवी का भी रुख किया था और बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में भी दिखे.
फिर सचिन ने की मदद
कांबली की हालत को लेकर सचिन ने आखिरकार उनकी मदद भी की. कुछ साल पहले कांबली को सचिन ने तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल अकादमी में कोच पद पर काम करने का मौका दिया था. वहां से अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद कांबली, 2022 की शुरुआत में डीवाई पाटिल, नवी मुंबई अकादमी के लिए टीएमजीए हेड कोच के रूप में कार्यरत रहे. लेकिन इसके बाद भी कांबली अपनी स्थिति को बेहतर नहीं कर सके.
विनोद कांबली की हाल की चिकित्सा समस्याएं
दिल के दौरे और शराब से जुड़ी समस्याओं के अलावा, कांबली हाल के सालों में हेल्थ मामलों से जूझ रहे हैं. इस साल की शुरुआत में एक वायरल वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कांबली को चलने में कठिनाई होती दिख रही थी, जिससे फैन्स उनकी स्थिति को लेकर चिंतित थे. हालाांकि, उस वीडियो के बाद, कांबली ने सोशल मीडिया पर अपने फैन्स को आश्वस्त किया कि वह ठीक हैं. कांबली को साल 2013 में दिल का दौरा भी पड़ चुका है.
सचिन और कांबली की दोस्ती पर एक नजर
सचिन और कांबली बचपन के दोस्त हैं. साल 1998 में एक स्कूल मैच के दौरान दोनों ने मिलकर 664 रनों की पार्टनरशिप की थी, जिसके बाद दोनों के चर्चा शुरू हो गए थे. दोनों ने साथ में स्कूली क्रिकेट में एक दूसरे का भरपूर साथ दिया तो बाद में जाकर दोनों भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक साथ खेले थे. कांबली ने भारत के लिए 17 टेस्ट मैच में 54.20 की औसत के साथ 1084 रन बनाए हैंवहीं, 104 वनडे में 32.59 की औसत के साथ 2477 रन बनाए हैं. वनडे में कांबली के नाम 2 शतक और 14 अर्धशतक शामिल थे.
फिर हुई मुलाकात, भावुक हुए फैन्स
अब एक बार फिर सचिन और कांबली एक साथ दिखे हैं. इस बार की मुलाकात कुछ अलग है. सचिन आज अपने शिखर पर हैं तो वहीं कांबली इतिहास के पन्नों में खो चुके हैं. सचिन अभी भी चमक रहे हैं तो वहीं कांबली की चमक फीकी हो गई है. दोनों ने एक दूसरे से मुलाकात जरूर किया लेकिन कांबली के हाव-भाव देखकर समझा जा सकता है कि वो अपने दोस्त से अब क्या चाह रहे हैं. ...कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की कहानी य़ाद आ गई.
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