यह ख़बर 23 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विमल मोहन की कलम से : मेलबर्न में भारतीय गेंदबाजों को ठोस रणनीति बनानी होगी

भारतीय गेंदबाज भुवनेश्वर और कोहली (फाइल फोटो)

नई दि्ल्ली:

डेविड वॉर्नर फ़िट हो गए हैं और तीसरे टेस्ट में उतरने को बेताब दिख रहे हैं। ज़ाहिर है ये ख़बर भारतीय कैंप की फ़िक्र बढ़ा सकती है। एडिलेड की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले डेविड वॉर्नर, ब्रिसबेन में नहीं चले, लेकिन इस बेधड़क बल्लेबाज़ के फ़ॉर्म में होने का मतलब है कि भारतीय गेंदबाज़ों को शुरुआत से ही ठोस रणनीतियां बनानी होंगी।

कप्तान माइकल क्लार्क की हैमस्ट्रिंग सर्जरी हुई है और मिचेल मार्श हैमस्ट्रिंग इंजरी की वजह से मेलबर्न टेस्ट से बाहर रहेंगे। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि क्वीन्सलैंड के 25 साल के दांये हाथ के बल्लेबाज़ जो बर्न्स को उनके पहले टेस्ट मैच में उतरने का मौका मिल जाएगा। फ़र्स्ट क्लास मैचों में बर्न्स को एक ठोस बल्लेबाज़ माना जाता है, जो सीधे बल्ले से बल्लेबाज़ी करते हैं। अपने 45 फ़र्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने क़रीब 43 के औसत से बल्लेबाज़ी की है और सात शतकीय पारियां खेली हैं।

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वहीं, मेहमान टीम ओपनिंग से लेकर अपने दूसरे कई पहलुओं की मरम्मत करती नज़र आ रही है। ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी के दौरान शिखर धवन की कलाई में लगी चोट के बाद बड़ा बवाल हुआ। बहरहाल उस दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में जो कुछ भी हुआ टीम इंडिया को अगले टेस्ट में उस टीस के साथ ही मैदान पर उतरना होगा। हालांकि, शिखर धवन ने दूसरी पारी में आठ चौकों के सहारे 81 रन ज़रूर बनाए, लेकिन उनके रवैये को लेकर सवाल बरक़रार हैं। टीम मैनेजमेंट उन्हें मेलबर्न में मौका देता भी है, या नहीं ये बड़ा सवाल है। अगर शिखर को मौका मिलता है तो उनके पास ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर चूक की भरपाई करने का भी शायद आख़िरी मौका होगा।