
उन्मुक्त चंद (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
साल 2012 जूनियर विश्व कप के कप्तान थे उन्मुक्त चंद
फाइनल में बनाए थे नाबाद 111 रन
छिप गया उन्मुक्त का चांद?
अंडर-19 वास्तव में किसी भी युवा के लिए सबसे बड़ा मंच है. इस मंच का कई युवाओं ने अपने लिए बहुत ही शानदार अंताज में इस्तेमाल करते हुए तपाक से सीनियर टीम में जगह बनाई. इरफान पठान एक ऐसे ही खिलाड़ी थे, जो अंडर-19 टीम के प्रदर्शन से रातों-रात चमक गए थे. और उन्हें इस प्रदर्शन के बाद सीनियर टीम का हिस्सा बनने में ज्यादा देर नहीं लगी. हालांकि पठान का यह प्रदर्शन विश्व कप नहीं बल्कि अंडर-19 एशिया कप का था.
इसे भी पढ़ें: U19 वर्ल्डकप: पृथ्वी शॉ और जेसन सांघा ही नहीं, इन युवा क्रिकेटरों पर भी होगी हर किसी की नजर
कुछ ऐसा ही प्रदर्शन साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुए अंडर-19 विश्व कप में भारतीय कप्तान रहे उन्मुक्त चंद ने अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में डगमगाई टीम इंडिया की नांव को उन्मुक्त ने अपने शतक से जीत में तब्दील कर दिया. अगर इसे जूनियर विश्व कप के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ तीन पारियों में से एक करार दिया जाए, तो गलत नहीं ही होगा. उन्मुक्त ने छह छक्कों और सात चौकों से नाबाद 111 रन बनाए. उन्मुक्त चंद इस पारी से रातों-रात ही बड़े स्टार बन गए.
VIDEO : भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी पृथ्वी शॉ कर रहे हैं जूनियर विश्व कप में कप्तानी
मगर इस पारी के करीब पांच साल बाद उन्मुक्त का चांद पूरी तरह से बुझा सा दिखाई पड़ रहा है. कहां उन्हें अगला भारतीय ओपनर कहा जा रहा था, लेकिन अब आलम यह है कि उन्मुक्त को इस साल बीच रणजी ट्रॉफी सेशन से ही दिल्ली टीम से ड्रॉप कर दिया गया. उन्मुक्त 6 मैचों में 26.50 के औसत से 128 रन ही बना सके.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं