U19Worldcup: इस जूनियर कप्तान ने किया था बड़ा धमाल...आज रणजी टीम में भी जगह के लाले

न्यूजीलैंड में अंडर-19 विश्व कप शुरू होने में कुछ ही दिन रह गए हैं. इसी के तहत हम उस भारतीय जूनियर कप्तान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो रातों-रात सितारा बना, लेकिन जल्द ही आसमान से गायब हो गया.

U19Worldcup: इस जूनियर कप्तान ने किया था बड़ा धमाल...आज रणजी टीम में भी जगह के लाले

उन्मुक्त चंद (फाइल फोटो)

खास बातें

  • साल 2012 जूनियर विश्व कप के कप्तान थे उन्मुक्त चंद
  • फाइनल में बनाए थे नाबाद 111 रन
  • छिप गया उन्मुक्त का चांद?
नई दिल्ली:

कुछ ही दिन बाद न्यूजीलैंड की धरती पर अंडर-19 विश्व कप शुरू होने जा रहा है. बहुत ही ज्यादा उम्मीदें राहुल द्रविड़ की पृथ्वी शॉ एंड कंपनी से सभी को लगी हुई हैं. भारत तीन बार (2000, 2008 और 2012) में विश्व कप जीत चुका है. इस टूर्नामेंट ने टीम इंडिया को मोहम्मद कैफ से लेकर सुरेश रैना और सुरेश रैना से लेकर विराट कोहली तक बड़े-बड़े स्टार दिए. इन्हीं में से एक जूनियर कप्तान ने ऐसा बड़ा कारनामा किया कि लगा कि वह जल्द ही सीनियर टीम का हिस्सा होगा. लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि वह रणजी ट्रॉफी टीम से भी बाहर हो गया है. 

अंडर-19 वास्तव में किसी भी युवा के लिए सबसे बड़ा मंच है. इस मंच का कई युवाओं ने अपने लिए बहुत ही शानदार अंताज में इस्तेमाल करते हुए तपाक से सीनियर टीम में जगह बनाई. इरफान पठान एक ऐसे ही खिलाड़ी थे, जो अंडर-19 टीम के प्रदर्शन से रातों-रात चमक गए थे. और उन्हें इस प्रदर्शन के बाद सीनियर टीम का हिस्सा बनने में ज्यादा देर नहीं लगी. हालांकि पठान का यह प्रदर्शन विश्व कप नहीं बल्कि अंडर-19 एशिया कप का था.

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कुछ ऐसा ही प्रदर्शन साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुए अंडर-19 विश्व कप में भारतीय कप्तान रहे उन्मुक्त चंद ने अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में डगमगाई टीम इंडिया की नांव को उन्मुक्त ने अपने शतक से जीत में तब्दील कर दिया. अगर इसे जूनियर विश्व कप के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ तीन पारियों में से एक करार दिया जाए, तो गलत नहीं ही होगा. उन्मुक्त ने छह छक्कों और सात चौकों से नाबाद 111 रन बनाए. उन्मुक्त चंद इस पारी से रातों-रात ही बड़े स्टार बन गए.

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मगर इस पारी के करीब पांच साल बाद उन्मुक्त का चांद पूरी तरह से बुझा सा दिखाई पड़ रहा है. कहां उन्हें अगला भारतीय ओपनर कहा जा रहा था, लेकिन अब आलम यह है कि उन्मुक्त को इस साल बीच रणजी ट्रॉफी सेशन से ही दिल्ली टीम से ड्रॉप कर दिया गया. उन्मुक्त 6 मैचों में 26.50 के औसत से 128 रन ही बना सके. 
 


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