प्रिटोरिया:
भारत ‘ए’ ने अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से बुधवार को प्रिटोरिया में कम स्कोर वाले फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ पर 50 रन की आसान जीत से त्रिकोणीय क्रिकेट शृंखला खिताब अपने नाम किया।
सपाट पिच पर टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम शिखर धवन (62) और दिनेश कार्तिक (73) के अर्द्धशतकों के बावजूद 49.2 ओवर में 243 रन ही बना सकी।
लेकिन, भारतीय गेंदबाजों ने एलसी डि विलियर्स ओवल में ऑस्ट्रेलियाई-ए टीम को 46.3 ओवर में महज 193 रन के अंदर समेट दिया और टीम को जीत दिलाई।
‘ए’ टीमों का टूर्नामेंट 1994 से शुरू किया गया है और यह पांचवीं बार है जब भारत ने ‘ए’ टूर्नामेंट खिताब हासिल किया है।
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ राउंड रोबिन लीग चरण के दोनों मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन आज उसने फाइनल में बदला चुकता कर लिया।
हालांकि, भारतीय गेंदबाज टूर्नामेंट में कोई धमाल नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने आज जरूरत के समय अच्छा प्रदर्शन दिखाया। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (30 रन देकर दो विकेट) ने ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ को शुरुआती झटके दिए और शाहबाज नदीम (10 ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट), परवेज रसूल (10 ओवर में 30 रन देकर एक विकेट), ईश्वर चंद पांडे (आठ ओवर में 47 रन देकर एक विकेट), सुरेश रैना (10 ओवर में 33 रन देकर एक विकेट) ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर शिकंजा कसे रखा।
शमी ने प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान आरोन फिंच (20) को आउट किया, जिन्होंने इससे पहले ओवर में इस गेंदबाज पर एक गगनचुंबी छक्का जड़ा था।
शान मार्श (11) शमी का दूसरा शिकार बने, वह मिड आन पर खड़े भारतीय कप्तान चेतेश्वर पुजारा को कैच देकर आउट हुए।
ग्लेन मैक्सवेल (12) ने छक्के और चौके से शुरुआत की लेकिन उन्हें कामचलाऊ ऑफ स्पिनर रैना ने आउट किया। जिससे ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 50 रन पर तीन विकेट हो गया। पर यह जल्द ही 53 रन पर पांच विकेट हो गया, पांडे ने निक मैडिनसन को आउट किया और मिशेल मार्श रन आउट हुए।
मोइजेज हेनरिक्स (20) ने धवन की गेंद पर दो छक्के जमाए, उन्हें नदीम ने पवेलियन भेजा। वह कट करने के प्रयास में स्लिप में खड़े रैना को कैच थमा बैठे। नाथन कोल्टर नील भी नदीम की गेंद पर साहा की चतुर स्टपिंग से पैवेलियन पहुंचे। अब स्कोर 88 रन पर सात विकेट था।
भारतीयों के लिए फिर कोई मुश्किल नहीं थी, लेकिन जोश हेजलवुड (30) और टिम पेन (47) ने आठवें विकेट के लिए 54 रन की भागीदारी निभा ली। नदीम ने हेजलवुड को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। रसूल ने पेन को आउट किया।
फवद अहमद के साथी क्रिकेटर गुरिंदर संधू के साथ विकेटों के बीच हुई गफलत के कारण रन आउट हुए और भारत ने जीत दर्ज की।
इससे पहले धवन और कार्तिक के अर्द्धशतकों के बावजूद मिध्यक्रम चरमराने से भारतीय टीम 250 रन का स्कोर भी पार नहीं कर सकी, टीम ने अंतिम पांच विकेट केवल 14 रन के अंदर ही खो दिये। टीम 44वें ओवर के अंत तक पांच विकेट पर 229 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी, इसके बाद ही लगातार विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ।
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज हेजलवुड, नाथन कोल्टर नील और हेनरिक्स ने इस शृंखला में भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाला है और उन्होंने यही शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए डेथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी की।
हेजलवुड (10 ओवर में 31 रन देकर तीन विकेट) और कोल्टर नील (9.2 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट) ने तीन तीन विकेट चटकाये जबकि ऑल राउंडर हेनरिक्स (10 ओवर में 47 रन में दो विकेट) ने कसी गेंदबाजी की। दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ पिछले मैच में 248 रन की शानदार पारी खेलने वाले धवन 65 गेंद में 62 रन ही बना सके। उन्होंने कुछ खूबसूरत स्ट्रोक्स और कवर ड्राइव से नौ बार गेंद सीमा रेखा के पार कराई।
कार्तिक अभी तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्होंने 75 गेंद में 10 चौकों की मदद से 73 रन बनाए।
कार्तिक-धवन की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए केवल 18.2 ओवर में 108 रन की साझेदारी निभाई। इस जोड़ी ने टीम को मजबूती प्रदान करने में मदद की क्योंकि टीम ने 34 रन के अंदर रोहित शर्मा और कप्तान चेतेश्वर पुजारा के विकेट खो दिए थे।
जब ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम सीरीज में एक और 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करेगी, तब हेनरिक्स ने धवन को आउट किया, जिनकी गेंद भारतीय बल्लेबाज के बल्ले को छूती हुई विकेटकीपर टिम पेन के हाथों में समां गई। इसके बाद कार्तिक को कोल्टर नील ने आउट किया।
अम्बाती रायुडू (34) और टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे रिद्धिमान साहा (31) ने छठे विकेट के लिये 63 रन की भागीदारी की, लेकिन वे गेंदबाजों पर दबदबा नहीं बना सके और उन्हें यह साझेदारी बनाने में 13 ओवर लगे। हेजलवुड ने रायुडू को आउट किया।
सपाट पिच पर टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम शिखर धवन (62) और दिनेश कार्तिक (73) के अर्द्धशतकों के बावजूद 49.2 ओवर में 243 रन ही बना सकी।
लेकिन, भारतीय गेंदबाजों ने एलसी डि विलियर्स ओवल में ऑस्ट्रेलियाई-ए टीम को 46.3 ओवर में महज 193 रन के अंदर समेट दिया और टीम को जीत दिलाई।
‘ए’ टीमों का टूर्नामेंट 1994 से शुरू किया गया है और यह पांचवीं बार है जब भारत ने ‘ए’ टूर्नामेंट खिताब हासिल किया है।
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ राउंड रोबिन लीग चरण के दोनों मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन आज उसने फाइनल में बदला चुकता कर लिया।
हालांकि, भारतीय गेंदबाज टूर्नामेंट में कोई धमाल नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने आज जरूरत के समय अच्छा प्रदर्शन दिखाया। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (30 रन देकर दो विकेट) ने ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ को शुरुआती झटके दिए और शाहबाज नदीम (10 ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट), परवेज रसूल (10 ओवर में 30 रन देकर एक विकेट), ईश्वर चंद पांडे (आठ ओवर में 47 रन देकर एक विकेट), सुरेश रैना (10 ओवर में 33 रन देकर एक विकेट) ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर शिकंजा कसे रखा।
शमी ने प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान आरोन फिंच (20) को आउट किया, जिन्होंने इससे पहले ओवर में इस गेंदबाज पर एक गगनचुंबी छक्का जड़ा था।
शान मार्श (11) शमी का दूसरा शिकार बने, वह मिड आन पर खड़े भारतीय कप्तान चेतेश्वर पुजारा को कैच देकर आउट हुए।
ग्लेन मैक्सवेल (12) ने छक्के और चौके से शुरुआत की लेकिन उन्हें कामचलाऊ ऑफ स्पिनर रैना ने आउट किया। जिससे ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 50 रन पर तीन विकेट हो गया। पर यह जल्द ही 53 रन पर पांच विकेट हो गया, पांडे ने निक मैडिनसन को आउट किया और मिशेल मार्श रन आउट हुए।
मोइजेज हेनरिक्स (20) ने धवन की गेंद पर दो छक्के जमाए, उन्हें नदीम ने पवेलियन भेजा। वह कट करने के प्रयास में स्लिप में खड़े रैना को कैच थमा बैठे। नाथन कोल्टर नील भी नदीम की गेंद पर साहा की चतुर स्टपिंग से पैवेलियन पहुंचे। अब स्कोर 88 रन पर सात विकेट था।
भारतीयों के लिए फिर कोई मुश्किल नहीं थी, लेकिन जोश हेजलवुड (30) और टिम पेन (47) ने आठवें विकेट के लिए 54 रन की भागीदारी निभा ली। नदीम ने हेजलवुड को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। रसूल ने पेन को आउट किया।
फवद अहमद के साथी क्रिकेटर गुरिंदर संधू के साथ विकेटों के बीच हुई गफलत के कारण रन आउट हुए और भारत ने जीत दर्ज की।
इससे पहले धवन और कार्तिक के अर्द्धशतकों के बावजूद मिध्यक्रम चरमराने से भारतीय टीम 250 रन का स्कोर भी पार नहीं कर सकी, टीम ने अंतिम पांच विकेट केवल 14 रन के अंदर ही खो दिये। टीम 44वें ओवर के अंत तक पांच विकेट पर 229 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी, इसके बाद ही लगातार विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ।
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज हेजलवुड, नाथन कोल्टर नील और हेनरिक्स ने इस शृंखला में भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाला है और उन्होंने यही शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए डेथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी की।
हेजलवुड (10 ओवर में 31 रन देकर तीन विकेट) और कोल्टर नील (9.2 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट) ने तीन तीन विकेट चटकाये जबकि ऑल राउंडर हेनरिक्स (10 ओवर में 47 रन में दो विकेट) ने कसी गेंदबाजी की। दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ पिछले मैच में 248 रन की शानदार पारी खेलने वाले धवन 65 गेंद में 62 रन ही बना सके। उन्होंने कुछ खूबसूरत स्ट्रोक्स और कवर ड्राइव से नौ बार गेंद सीमा रेखा के पार कराई।
कार्तिक अभी तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्होंने 75 गेंद में 10 चौकों की मदद से 73 रन बनाए।
कार्तिक-धवन की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए केवल 18.2 ओवर में 108 रन की साझेदारी निभाई। इस जोड़ी ने टीम को मजबूती प्रदान करने में मदद की क्योंकि टीम ने 34 रन के अंदर रोहित शर्मा और कप्तान चेतेश्वर पुजारा के विकेट खो दिए थे।
जब ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम सीरीज में एक और 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करेगी, तब हेनरिक्स ने धवन को आउट किया, जिनकी गेंद भारतीय बल्लेबाज के बल्ले को छूती हुई विकेटकीपर टिम पेन के हाथों में समां गई। इसके बाद कार्तिक को कोल्टर नील ने आउट किया।
अम्बाती रायुडू (34) और टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे रिद्धिमान साहा (31) ने छठे विकेट के लिये 63 रन की भागीदारी की, लेकिन वे गेंदबाजों पर दबदबा नहीं बना सके और उन्हें यह साझेदारी बनाने में 13 ओवर लगे। हेजलवुड ने रायुडू को आउट किया।
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