इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को खत्म हुई पांच मैचों की टी20 सीरीज (India vs England) के शुरुआती चार मैच एक तरफ और आखिरी मैच एक तरफ! और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बने अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) शर्मा, जिनके तूफानी शतक का जादू बच्चे-बच्चे पर चढ़ा हुआ है. और न जाने अगले कितने दिनों तक चढ़ा रहेगा. अभिषेक शर्मा के इस प्रचंड शतक (135 रन, 54 गेंद, 7 चौके, 13 छक्के) को लेकर तमाम क्रिकेट पंडित बातें कर रहे हैं. उनकी तुलना अलग-अलग पूर्व दिग्गजों की जा रही है. कुल मिलाकर अभिषेक की टीआरपी एकदम से ही बहुत हाई हो गई है. बहरहाल, अब जब अभिषेक की बैटिंग की बातें चल ही रही हैं, तो हम उनकी बैटिंग को उन 5 बड़े प्वाइंट्स के साथ डिकोड करते हैं, जो उन्हें फिलहाल इस स्तर पर टी-20 फॉर्मेट में वेरी-वेरी स्पेशल अभिषेक शर्मा बनाते हैं. चलिए बारी-बारी से जानिए.
1. ऑफ साइड में स्ट्रोकों की भरमार/शानदार रेंज
अभिषेक का स्टांस बहुत ही रिलैक्स है, तो उनके पास शॉट खेलने के लिए खासा समय है. उनक पास कट और पुल शॉट हैं. खास तौर पर अभिषेक का ऑफ साइड बहुत ही ज्यादा मजबूत है. और वह कवर, एक्स्ट्रा-कवर और यहां तक की लांग-ऑफ के ऊपर से तेज गेंदबाज के खिलाफ भी उस स्थिति में भी शॉट खेलने से बिल्कुल नहीं झिझकते, जब फील्डिर लगभग एकदम रोप पर खड़ा होता है. यह पहलू अभिषेक की काबिलियत और कॉन्फिडेंस को साफ-साफ बताने के लिए काफी है.
2. निर्भिकता और स्पष्ट एप्रोच
अभिषेक की बैटिंग का एक और गुण निर्भीकता है. वह पहली ही गेंद को आसमान में भेजने से पहले बिल्कुल भी दो बार नहीं सोचते. उनकी अपनी एप्रोच और मनोदशा में रत्ती भर भी शक नहीं है. और ये गुण उनकी बैटिंग में शुरुआत से ही "ऊंचा सुर (काफी आक्रामक अंदाजा)" लगाने में बहुत ही ज्यादा मदद करता है. और जब ऐसा होता है, तो इसका असर दूरगामी और विरोधी टीम पर बहुत ही गहरा पड़ता है.
3. प्रचंड शॉट और पारंपरिक ग्रिप
अभिषेक की बल्लेबाजी का एक और खास पहलू यह है कि उनके शॉट बहुत ही प्रचंड है. पावर के साथ बैटिंग करते हैं. कदमों का इस्तेमाल करते हैं, तो खड़े-खड़े ही गोल्फ की तरह भी हिटिंग करते हुए लंबे शॉट लगाते हैं. उनकी ग्रिप पारंपरिक है और हैंडल को ऊपर से पकड़ते हैं. बायां हाथ एकदम ऊपर होता है. शॉट लगाते समय उनका हाथ पूरी तरह खुलता है. अगर गेंद की पिच से दूर भी रह जाते हैं, तो दूर से ही एक हाथ से छक्का लगाकर सभी को चौंकाने की काबिलियत रखते हैं.
4. पहली ही गेंद से चौथा गीयर!
अभिषेक किसी संगीतकार की तरह पहली ही गेंद से बहुत ही "ऊंचा सुर" लगाते हैं. और इसका स्तर नीचे नहीं आता और मैच को वह इसी सुर के साथ खत्म करते हैं. उनकी बैटिंग बहुत हद तक सनथ जयसूर्या की याद दिलाती है. इस सुर का नतीजा यह होता है कि मैच पर असर बहुत ही गहरा और अंतर पैदा करने वाला होता है. और पावर-प्ले में यह "चौथे गीयर" की ड्राइविंग उन्हें बाकी ओपनरों से अलग बनाती है.
5. बेमिसाल असर!
अभिषेक शर्मा की बल्लेबाजी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस दिन विशेष पर उनका बल्ला चला, तो लक्ष्य का पीछा करने के दौरान मैच बहुत पहले ही खत्म हो जाएगा. वहीं, अगर उनका "ऊंचा सुर" पहले बल्लेबाजी करते हुए 15-16 ओवरों तक खिंच गया, तो वह टीम इंडिया को ऐसा स्कोर प्रदान कर देंगे कि सामने वाली टीम के बल्लेबाज मैदान पर उतरने से पहले ही करीब 60 प्रतिशत मानसिक रूप से पहले ही हार जाएंगे. ठीक वैसे ही, जैसा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 248 रनों का लक्ष्य पीछा करने के दौरान इंग्लैंड के साथ हुआ.
....पर ये चुनौतियां भी खासी बड़ी हैं
बात टी-20 फॉर्मेट की आती है, तो अभिषेक लाजवाब बन चुके हैं! लेकिन यह देखना होगा कि जब वह सेना देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में टी20 खेलेंगे, तो उनकी कैसी एप्रोच रहेगी? अगर ऐसी ही रहेगी, तो यह कितनी सफल रहेगी? वहीं, जब वह भारतीय पिचों पर ही वनडे खेलेंगे, तो उनकी कैसी एप्रोच रहेगी? फिलहाल इस स्तर पर टेस्ट क्रिकेट को अभी छोड़ ही देते हैं !
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