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इस शख्स ने धोनी को दिया था हेलीकॉप्टर शॉट का 'तोहफा', रांची में आज भी किए जाते हैं याद

MS Dhoni: एमएस धोनी के दोस्त को दुनिया से गए हुए करीब 12 साल हो गए हैं, लेकिन वह अपने दिए 'तोहफे' के लिए हमेशा पूर्व कप्तान की यादों में रहेंगे

इस शख्स ने धोनी को दिया था हेलीकॉप्टर शॉट का 'तोहफा', रांची में आज भी किए जाते हैं याद
एमएस धोनी दिवंगत दोस्त के साथ
  • संतोष लाल, जिन्हें बंटी के नाम से जाना जाता था, ने महेंद्र सिंह धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया था जो धोनी की पहचान बन गया
  • संतोष लाल ने झारखंड के लिए आठ फर्स्ट क्लास, सोलह लिस्ट ए और छह टी-20 मैच खेले और मध्यम गति के गेंदबाज तथा बल्लेबाज थे
  • उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में २८० रन बनाए और ९ विकेट लिए, जबकि लिस्ट ए मैचों में २२५ रन और ६ विकेट हासिल किए
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रांची:

रांची की गलियों में एक वक्त क्रिकेट के शोर में एक आवाज गूंजती थी, 'बंटी फिर हेलीकॉप्टर उड़ा देगा!'. वही बंटी, वही संतोष लाल, जिसने अपने दोस्त महेंद्र सिंह धोनी को वह हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया, जो इंटरनेशनल क्रिकेट के पिच पर उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया. आज संतोष लाल दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर रांची की मिट्टी में उनकी कहानी अब भी सांस लेती है. संतोष लाल, जिन्हें दोस्त प्यार से ‘बंटी' कहते थे, उनका निधन 17 जुलाई 2013 को महज 29 साल की उम्र में हो गया था, लेकिन इस छोटे से जीवन में उन्होंने जो क्रिकेट को दिया, वह ‘अमर' हो गया.

धोनी की बायोपिक ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में भी यह दिखाया गया है कि कैसे संतोष ने धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया था. इस शॉट को सिखाने के एवज में बंटी ने धोनी से जो फीस ली थी, वह था समोसा. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि यह शॉट एक दिन क्रिकेट की दुनिया में धोनी की पहचान बन जाएगा. धोनी ने कई इंटरव्यू में भी संतोष का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर बंटी नहीं होते, तो हेलीकॉप्टर शॉट उनके खेल का हिस्सा नहीं बन पाता. यह शॉट बंटी की वह विरासत है, जो हर बार धोनी के बल्ले से निकलकर जब आसमान में उड़ान भरती है, तब संतोष लाल का अपने दोस्त के लिए देखा गया सपना भी उसके साथ नजर आता है.

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संतोष लाल ने खेले थे 8 फर्स्ट क्लास मैच

संतोष लाल ने झारखंड के लिए आठ फर्स्ट क्लास, 16 लिस्ट ए और छह टी-20 मैच खेले. एक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज और मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई. आठ फर्स्ट क्लास मैचों में संतोष लाल ने 21.53 के औसत और 2 अर्द्धशतक से 280 रन बनाए. वहीं, 16 लिस्ट ए (50 ओवर) मैचों में संतोष ने 16.07 के औसत से 225 रन बनाए. फर्स्ट क्लास में उन्होंने 9, जबकि लिस्ट ए मैचों में 6 विकेट लिए. मार्च 2010 में इंदौर में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला खेला था. इसके बाद बीमारी ने उनकी बल्लेबाजी की चमक को बुझा दिया, लेकिन उनकी यादें क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अब भी जीवित हैं.

यूनिवर्सिटी क्रिकेट से हुई रणजी में इंट्री

धोनी और संतोष लाल के शुरुआती कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि उन दिनों रांची के क्रिकेट में इन ‘दोनों लड़कों' की धूम मची थी. संतोष लाल ने पहले टेनिस बॉल क्रिकेट में सिक्का जमाया था. भट्टाचार्य बताते हैं कि संतोष लाल ने ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट में 106 रनों की शानदार पारी खेली थी. इसके बाद उन्हें राज्य की रणजी टीम में सीधी इंट्री दी गई थी. संतोष लाल की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर चाहने वालों ने उन्हें याद किया,. एक फैन ने लिखा, “तुम क्या गए, शहर सूना कर गए… दर्द का आकार दूना कर गए… आपके जैसा कोई नहीं, कोई नहीं आपके जैसा… नमन आपको.”

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