नई दिल्ली:
भारत ने श्रीलंका को तीन दिन में ही पल्लीकेल टेस्ट में हराकर पहली बार श्रीलंका में श्रीलंका का सफ़ाया किया. पारी और 171 रन से मिली जीत के साथ ही कप्तान कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने लगातार 8 सीरीज़ जीतकर भारत के सफल कप्तानों में उनका नाम शामिल कर दिया.
जय हो जडेजा
श्रीलंका का श्रीलंका में सफ़ाया करने में रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी का रोल अहम रहा. जडेजा ने सीरीज़ के दो टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया. ख़ासकर कोलंबो टेस्ट में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया. भारत ने टेस्ट पारी और 53 रन के जीता तो जडेजा इसमें मैन ऑफ़ द मैच रहे. एक टेस्ट का बैन लगने से पहले कोलंबो में जडेजा ने तबातोड़ नाबाद 70 रन की पारी खेली फिर गेंद से कमाल दिखाते हुए टेस्ट में 7 विकेट लिए. इस प्रदर्शन की बदौलत ही जडेजा अब आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 ऑलराउंडर और नंबर 1 गेंदबाज़ बने.
हार्दिक का पावर
हार्दिक पंड्या पल्लेकल टेस्ट में 96 गेंद पर 108 रन बनाया. इस पारी में 8 चौके और 7 छक्के शामिल थे. इसके साथ ही हार्दिक भारत के लिए टेस्ट की एक पारी में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने के मामले में दूसरे स्थान पर आ गए. 8 छक्कों के साथ नवजोत सिंह सिद्धू पहले नंबर पर हैं. अपने टेस्ट करियर का पहला शतक बनाने के साथ ही उन्होंने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को भी प्रभावित किया. प्रसाद ने कहा कि पांड्या में कपिलदेव की तरह एक बेहतरीन ऑल-राउंडर बनने की काबलियत है. मुख्य चयनकर्ता ने ये भी कहा कि अगर पांड्या अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हैं तो आने वाले समय में उनकी तुलना कपिलदेव से हो सकती है.
पुजारा का पंच
तीसरे टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा भले 8 रन पर आउट हुए हों लेकिन गॉल और कोलंबो में उन्होंने शतक बनाया. गॉल में पुजारा ने 153 रन की बेहतरीन पारी खेली और कोलंबो में अपने इसी फ़ॉर्म को जारी रखा. शिखर धवन और केएल राहुल को आउट होने के बाद मोर्चा संभालते हुए 133 रन बनाए.
राहुल का वार
लोकेश राहुल सीरीज़ के पहले टेस्ट में नहीं खेल सके लेकिन इसकी भरपाई उन्होंने बाक़ी के दोनों टेस्ट में पूरी की. राहुल ने टेस्ट में लगातार सातवीं बार अर्द्धशतक बनाकर क्रिकेट के दिगज्ज़ों में अपना नाम शामिल करवा लिया.
अश्विन की धार
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 29 टेस्ट में से 19 टेस्ट जीते हैं तो इसमें आर अश्विन का अहम रहे हैं. अश्विन ने 3 टेस्ट में सबसे ज़्यादा 17 विकेट झटके. भारत ने पहली बार श्रीलंका को उसी की ज़मीन पर टेस्ट सीरीज़ में क्वीन स्वीप कर दिया. इस जीत में ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का ख़ास रोल रहा. अश्विन ने 3 टेस्ट में सबसे ज़्यादा 17 विकेट झटके. तीसरे टेस्ट में अश्विन ने 6 विकेट लिए और इसी के साथ श्रीलंकाई ज़मीन पर टेस्ट में उनके नाम 38 विकेट हो गए. ये श्रीलंका में हुए टेस्ट में किसी भी विदेशी गेंदबाज़ का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. अश्विन के अलावा पाकिस्तान के सईद अजमल के नाम भी 38 विकेट हैं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न के नाम 37 विकेट है. चैंपियंस ट्रॉफ़ी में ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे अश्विन ने श्रीलंका में कमाल दिखाकर एक बार फिर साबित कर दिया कि वो आसानी से हार नहीं मानने वाले हैं.
शिखर पर धवन
श्रीलंका में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ रहे शिखर धवन के लिए ये दौरा किसी सपने से कम नहीं रहा. दौरे पर टीम में नहीं चुने जाने के बाद शिखर परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे जब उन्हें श्रीलंका में खेलने का बुलावा आया. धवन ने गॉल में 190 और पल्लेकल में 119 रन की पारी खेली. टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने के साथ ही शिखर ने कप्तान कोहली के सामने टेस्ट में ओपनिंग का एक और विकल्प रख दिया.
जय हो जडेजा
श्रीलंका का श्रीलंका में सफ़ाया करने में रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी का रोल अहम रहा. जडेजा ने सीरीज़ के दो टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया. ख़ासकर कोलंबो टेस्ट में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया. भारत ने टेस्ट पारी और 53 रन के जीता तो जडेजा इसमें मैन ऑफ़ द मैच रहे. एक टेस्ट का बैन लगने से पहले कोलंबो में जडेजा ने तबातोड़ नाबाद 70 रन की पारी खेली फिर गेंद से कमाल दिखाते हुए टेस्ट में 7 विकेट लिए. इस प्रदर्शन की बदौलत ही जडेजा अब आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 ऑलराउंडर और नंबर 1 गेंदबाज़ बने.
हार्दिक का पावर
हार्दिक पंड्या पल्लेकल टेस्ट में 96 गेंद पर 108 रन बनाया. इस पारी में 8 चौके और 7 छक्के शामिल थे. इसके साथ ही हार्दिक भारत के लिए टेस्ट की एक पारी में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने के मामले में दूसरे स्थान पर आ गए. 8 छक्कों के साथ नवजोत सिंह सिद्धू पहले नंबर पर हैं. अपने टेस्ट करियर का पहला शतक बनाने के साथ ही उन्होंने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को भी प्रभावित किया. प्रसाद ने कहा कि पांड्या में कपिलदेव की तरह एक बेहतरीन ऑल-राउंडर बनने की काबलियत है. मुख्य चयनकर्ता ने ये भी कहा कि अगर पांड्या अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हैं तो आने वाले समय में उनकी तुलना कपिलदेव से हो सकती है.
पुजारा का पंच
तीसरे टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा भले 8 रन पर आउट हुए हों लेकिन गॉल और कोलंबो में उन्होंने शतक बनाया. गॉल में पुजारा ने 153 रन की बेहतरीन पारी खेली और कोलंबो में अपने इसी फ़ॉर्म को जारी रखा. शिखर धवन और केएल राहुल को आउट होने के बाद मोर्चा संभालते हुए 133 रन बनाए.
राहुल का वार
लोकेश राहुल सीरीज़ के पहले टेस्ट में नहीं खेल सके लेकिन इसकी भरपाई उन्होंने बाक़ी के दोनों टेस्ट में पूरी की. राहुल ने टेस्ट में लगातार सातवीं बार अर्द्धशतक बनाकर क्रिकेट के दिगज्ज़ों में अपना नाम शामिल करवा लिया.
अश्विन की धार
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 29 टेस्ट में से 19 टेस्ट जीते हैं तो इसमें आर अश्विन का अहम रहे हैं. अश्विन ने 3 टेस्ट में सबसे ज़्यादा 17 विकेट झटके. भारत ने पहली बार श्रीलंका को उसी की ज़मीन पर टेस्ट सीरीज़ में क्वीन स्वीप कर दिया. इस जीत में ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का ख़ास रोल रहा. अश्विन ने 3 टेस्ट में सबसे ज़्यादा 17 विकेट झटके. तीसरे टेस्ट में अश्विन ने 6 विकेट लिए और इसी के साथ श्रीलंकाई ज़मीन पर टेस्ट में उनके नाम 38 विकेट हो गए. ये श्रीलंका में हुए टेस्ट में किसी भी विदेशी गेंदबाज़ का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. अश्विन के अलावा पाकिस्तान के सईद अजमल के नाम भी 38 विकेट हैं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न के नाम 37 विकेट है. चैंपियंस ट्रॉफ़ी में ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे अश्विन ने श्रीलंका में कमाल दिखाकर एक बार फिर साबित कर दिया कि वो आसानी से हार नहीं मानने वाले हैं.
शिखर पर धवन
श्रीलंका में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ रहे शिखर धवन के लिए ये दौरा किसी सपने से कम नहीं रहा. दौरे पर टीम में नहीं चुने जाने के बाद शिखर परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे जब उन्हें श्रीलंका में खेलने का बुलावा आया. धवन ने गॉल में 190 और पल्लेकल में 119 रन की पारी खेली. टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने के साथ ही शिखर ने कप्तान कोहली के सामने टेस्ट में ओपनिंग का एक और विकल्प रख दिया.
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