मुरली विजय (सलामी बल्लेबाज, भारतीय टेस्ट टीम)
नई दिल्ली:
क्रिकेट के खेल भी निराले होते हैं! कब किसकी किस्मत रूठ जाए, कब बदल जाए कुछ नहीं कहा जा सकता. कुछ ऐसा ही टेस्ट टीम से पिछले आठ महीने से बाहर चल रहे सलामी बल्लेबाज मुरली विजय के साथ भी हुआ. कलाई की चोट से जूझने के बाद मुरली विजय के टेस्ट टीम में जगह बनाने के भी लाले पड़ रहे थे. लेकिन ईडन टेस्ट खत्म होने के बाद अगले तीन दिन के भीतर ही मुरली के सितारे ऐसे बुलंद हुए कि उनके करियर ने एक बार फिर से यू-टर्न ले लिया. अगर मुरली विजय के सितारे चंद ही दिनों में बदल गए, तो इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान दिया शिखर धवन की बहन आरती धवन ने.
आप एक बार को इस बात से चौंक गए होंगे कि आखिरकार शिखर धवन की बहन ने मुरली विजय की मदद कैसे कर दी. अब यह तो आप जानते ही हैं कि शिखर ने ईडन गार्डन की दूसरी पारी में शानदार 94 रन बनाए थे. लेकिन नागपुर में चल रहे दूसरे टेस्ट से उन्होंने अपना नाम वापस क्या लिया, मानो 'सारा खेल' ही बिगड़ गया.बहरहाल अब शिखर का हुआ यह नुकसान उन्हें कितना भारी पड़ेगा, इसका पता तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.
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कुल मिलाकर शिखर का नागपुर टेस्ट से हटना मुरली विजय के लिए जरूर वरदान बन गया.तमिलनाडु के इस ओपनर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच इस साल मार्च के महीने में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इसके बाद मुरली की कलाई में चोट लग गई और वह अपनी चोट से जूझते रहे. इसी बीच उनकी जगह धवन ने ले ली. हालांकि चल रहे रणजी ट्रॉफी सेशन से विजय ने सक्रिय क्रिकेट में वापसी की, लेकिन वह कोई खास धमाल नहीं कर सके थे. हां इतना जरूर है कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले उन्होंने शतक जड़कर फॉर्म जरूर हासिल कर ली थी. इससे श्रीलंका के खिलाफ उन्हें अच्छा कॉन्फिडेंस जरूर मिल गया, लेकिन फाइनल इलेवन में खेलने की बात वह खुद भी सपने में भी नहीं सोच रहे थे.
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वजह साफ है कि विजय की अनुपस्थिति में अच्छा करने वाले धवन और केएल राहुल की जगह विजय के लिए जगह निकालना मैनेजमेंट के लिए नामुमकिन सी बात थी. लेकिन धवन ने जब दूसरे टेस्ट से नाम वापस लिया, तो मानो मुरली विजय की लॉटरी लग गई और मिले इस मौके को विजय ने दोनों हाथों से भुनाते हुए बेहतरीन शतक जड़ डाला.इसी के साथ विजय ने धवन के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट को भी एक स्वीट पेन दे दिया है कि जब वह तीसरे टेस्ट के लिए टीम चुनने बैठेंगे, तो वह किसे इलेवन में चुनेंगे. धवन को या विजय को?
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विजय की इस पारी के बाद अब क्रिकेटप्रेमी चर्चा कर रहे हैं कि धवन की बहन की शादी क्या आई, मुरली विजय के लिए वरदान बन कर आई. न शादी होती, न धवन नागपुर टेस्ट से हटते और न ही विजय को फिर से खेलने का मौका ही मिलता और न ही वह शतक बना पाते.
आप एक बार को इस बात से चौंक गए होंगे कि आखिरकार शिखर धवन की बहन ने मुरली विजय की मदद कैसे कर दी. अब यह तो आप जानते ही हैं कि शिखर ने ईडन गार्डन की दूसरी पारी में शानदार 94 रन बनाए थे. लेकिन नागपुर में चल रहे दूसरे टेस्ट से उन्होंने अपना नाम वापस क्या लिया, मानो 'सारा खेल' ही बिगड़ गया.बहरहाल अब शिखर का हुआ यह नुकसान उन्हें कितना भारी पड़ेगा, इसका पता तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.
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कुल मिलाकर शिखर का नागपुर टेस्ट से हटना मुरली विजय के लिए जरूर वरदान बन गया.तमिलनाडु के इस ओपनर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच इस साल मार्च के महीने में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इसके बाद मुरली की कलाई में चोट लग गई और वह अपनी चोट से जूझते रहे. इसी बीच उनकी जगह धवन ने ले ली. हालांकि चल रहे रणजी ट्रॉफी सेशन से विजय ने सक्रिय क्रिकेट में वापसी की, लेकिन वह कोई खास धमाल नहीं कर सके थे. हां इतना जरूर है कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले उन्होंने शतक जड़कर फॉर्म जरूर हासिल कर ली थी. इससे श्रीलंका के खिलाफ उन्हें अच्छा कॉन्फिडेंस जरूर मिल गया, लेकिन फाइनल इलेवन में खेलने की बात वह खुद भी सपने में भी नहीं सोच रहे थे.
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वजह साफ है कि विजय की अनुपस्थिति में अच्छा करने वाले धवन और केएल राहुल की जगह विजय के लिए जगह निकालना मैनेजमेंट के लिए नामुमकिन सी बात थी. लेकिन धवन ने जब दूसरे टेस्ट से नाम वापस लिया, तो मानो मुरली विजय की लॉटरी लग गई और मिले इस मौके को विजय ने दोनों हाथों से भुनाते हुए बेहतरीन शतक जड़ डाला.इसी के साथ विजय ने धवन के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट को भी एक स्वीट पेन दे दिया है कि जब वह तीसरे टेस्ट के लिए टीम चुनने बैठेंगे, तो वह किसे इलेवन में चुनेंगे. धवन को या विजय को?
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विजय की इस पारी के बाद अब क्रिकेटप्रेमी चर्चा कर रहे हैं कि धवन की बहन की शादी क्या आई, मुरली विजय के लिए वरदान बन कर आई. न शादी होती, न धवन नागपुर टेस्ट से हटते और न ही विजय को फिर से खेलने का मौका ही मिलता और न ही वह शतक बना पाते.
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