कुछ दिन पहले ही टीम इंडिया के भावी हेड कोच पद लिए बीसीसीआई द्वारा आवेदन जारी किए जाने के बाद कई दावेदारों के नाम सामने आए. इनमें से सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज जस्टिन लैंगर ने इच्छा जताई, तो बोर्ड के आला अधिकारियों के सीएसके के कोच स्टीफेन फ्लेमिंग और रिकी पोंटिंग से भी संपर्क साधने की खबर सामने आई, लेकिन अब रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई ने बैक गीयर डालते हुए गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) से संपर्क साधा है. और केकेआर के मेन्टॉर के साथ औपचारिक रूप से एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है. अब गंभीर इस प्रस्ताव पर क्या रुख दिखाते हैं या बात किस स्वरूप में आगे बढ़ती है, यह देखने की बात होगी, लेकिन अब BCCI की सोच यह हो चली है कि राहुल द्रविड़ का उत्तराधिकारी कोई भारतीय हो. और इसके पीछे कई वजहें भी सामने आ रही हैं, लेकिन सूत्रों के हिसाब से सबसे बड़ी वजह है विदेशी दावेदारों को एक कड़ी शर्त का पसंद न आना.
स्टीफन फ्लेमिंग के बाद BCCI ने हेड कोच के लिए इस भारतीय से किया संपर्क, दो बार जीत चुका है विश्व कप
इस दिग्गज को टीम इंडिया का नया कोच बनाना चाहता है बीसीसीआई, लेकिन बड़ा सवाल है कि....
यह शर्त नहीं आसां...
अब यह तो साफ ही है कि द्रविड़ ने जो स्तर स्थापित किया है, वहां से उसे ऊपर लेकर जाना आसान काम नहीं है. जस्टिन लैंगर, रिकी पोंटिंग और खासकर स्टीफेन प्लेमिंग निश्चित तौर पर द्रविड़ की जगह लेने के लिए बिल्कुल सही दावेदार हैं, लेकिन इन तीनों ही खिलाड़ियों को साल में टीम इंडिया के लिए दस महीने का समय देने की अनिवार्य शर्त पसंद नहीं आ रही. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि इस शर्त से तालमेल बैठाना या समय निकालना इनके लिए मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि गौतम गंभीर एकदम से बीसीसीआई की हेड कोच के लिए पहली पसंद बन गए क्योंकि विदेशियों की तुलना में उनकी उपलब्धता बहुत सहज है. वहीं, जितने भी विदेशी कोच हैं, उनके पेशेवर लीग में अलग-अलग टीमों से पहले से ही करार है और ये एकदम से ही अपना करार नहीं तोड़ना चाहते हैं. यह भी एक कारण रहा, जिससे ऊपर बताए दिग्गजों के टीम इंडिया के साथ जुड़ने में मुश्किल आई.
खिलाड़ी भी चाहते हैं देशी कोच!
सूज्ञों के अनुसार टीम प्रबंधन और ज्यादातर खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को ही हेड कोच के रूप में चाहते थे, लेकिन द्रविड़ के इनकार के बाद ही बीसीसीआई ने बाहरी कोच की तलाश शुरू की. मगर प्रबंधन सहित खिलाड़ी यह भी चाहते हैं कि कोच कोई भारतीय हो क्योंकि इससे उन्हें हेड कोच के साथ तालमेल बैठाने में ज्यादा आसानी रहेगी. वैसे अगर गंभीर बीसीसीआई के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें केकेआर का मेन्टॉर पद छोड़ना होगा.
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