राहुल जौहरी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) ने अपने खिलाफ मी टू (#MeToo) अभियान के तहत लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए बोर्ड को सूचित किया है कि उनके साथ कभी भी ऐसा घटना नहीं हुई. याद दिला दें कि कुछ दिन पहले अज्ञात ट्विटर अकाउंट के जरिए किसी ने राहुल जौहरी के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे. इसके बाद क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (सीओए) ने तुरंत ही राहुल जौहरी को बीसीसीआई का प्रतिनिधत्व करने से रोक दिया था और उनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा था. राहुल जौहरी ने आरोपों की बाबत 20 अक्टूबर को बीसीसीआई को अपनी सफाई देते हुए खुद को निर्दोष बताया था. वैसे बीसीसीआई की सात एसोसिएशनों ने भी सीओए को पत्र लिखकर जौहरी को हटाने की मांग की थी.
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चेयरमैन विनोद राय ने जौहरी का यह कहते हुए बचाव किया कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि ट्वीट किसी अज्ञात शख्स ने किया था. राय ने इस बात पर भी जोर दिया कि जौहरी पर ये आरोप उनके पिछले संस्थान में काम करने के दौरान लगे हैं. ऐसे में उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत जौहरी को नैसर्गिक न्याय मिलना जरूरी है. इस बात का डायना एडुल्जी ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. डायना एडुल्जी के जोरदार विरोध के बीच विनोद राय जौहरी के लिए तीन सदस्य स्वतंत्र कमेटी का गठन करने में कामयाब रहे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राकेश शर्मा, दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व निदेशक पीसी शर्मा अब इस मामले की जांच करेंगे.
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बीसीसीआई ने इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. और कमेटी की रिपोर्ट आने तक पूर्व की तरह राहुल जौहरी छुट्टियों पर बने रहेंगे
राहुल के जवाब देने के बाद सीओ के सदस्यों की 20 और 22 अक्टूबर को मीटिंग हुई. और काफी देर चली बैठक के बाद सीओए की दूसरी सदस्य और पूर्व भारतीय महिला कप्तान डायना एडुल्जी इस बात पर अड़ी हुई थीं कि जौहरी पर लगे आरोप गंभीर है और उनका बोर्ड का प्रतिनिधित्व करना बीसीसीआई के हित में नहीं है. ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हे बर्खास्त किया जाना चाहिए. लेकिन सीओए के चेयरमैन विनोद राय की मुद्दे पर डायना से असहमति होने के कारण राहुल जौहरी बर्खास्तगी से बाल-बाल बच गए.Seven states write to BCCI seeking action on CEO Rahul Johri https://t.co/N9ZPMokXxU pic.twitter.com/inadqR09wq
— ICC WT20 (@WT20News) October 26, 2018
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चेयरमैन विनोद राय ने जौहरी का यह कहते हुए बचाव किया कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि ट्वीट किसी अज्ञात शख्स ने किया था. राय ने इस बात पर भी जोर दिया कि जौहरी पर ये आरोप उनके पिछले संस्थान में काम करने के दौरान लगे हैं. ऐसे में उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत जौहरी को नैसर्गिक न्याय मिलना जरूरी है. इस बात का डायना एडुल्जी ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. डायना एडुल्जी के जोरदार विरोध के बीच विनोद राय जौहरी के लिए तीन सदस्य स्वतंत्र कमेटी का गठन करने में कामयाब रहे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राकेश शर्मा, दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व निदेशक पीसी शर्मा अब इस मामले की जांच करेंगे.
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